बिहार : अर्थाभाव से जूझ रहे हैं स्वास्थ्यकर्मी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 4 दिसंबर 2018

बिहार : अर्थाभाव से जूझ रहे हैं स्वास्थ्यकर्मी

परिवार की गाड़ी चलाने वाले रकम के अभाव के बारे में सोचते-सोचते पड़ा बीमार, किसी तरह से मौत के मुंह से बचा, मगर वह पूर्णतः ठीक नहीं हुआ है। आज भी घर में बैठकर मकान का किराया, बच्चों की पढ़ाई, दैनिक भोजन आदि के बारे में सोचकर बेहाल हो उठता है। आफत से जूझते सन्नी मैथ्यू के परिवार

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पटना,4 दिसम्बर। बिहार सरकार के राज्यकर्मियों को 10 माह से वेतन नहीं मिल रहा है। तो जाहिर सी- बात है कि इसका सीधा असर परिवार पर पड़ेगा। वैसा हुआ भी। महिला स्वास्थ्यकर्मी के पतिदेव सन्नी मैथ्यू बीमार हो गया। दिमाग के एक नस फट गया। मुंह टेड़ा हो गया। बोलने में दिक्कत और चलने में परेषानी। यह सब उसके दिमाग का एक नस फट जाने से रक्तस्त्राव होने से हो गया। रक्त जम गया। इन कारणों से वह मौत के मुंह में जाने लगा था। अपने पतिदेव सन्नी मैथ्यू की गंभीर हालत को देखकर किसी महाजन से कर्ज लेकर पत्नी इलाज करवाने लगी। दवा और दुआ के बल पर सन्नी मैथ्यू मौत के मुंह से बच निकला। मगर वह पूर्णतः ठीक नहीं हो पाया है। अर्थाभाव के कारण सन्नी का बेहतर ढंग से इलाज नहीं हो रहा है।

वेतनभोगी कर्मियों के परिवारों का बुरा हाल
दीघा थानान्तर्गत कुर्जी मोहल्ला में रहता है सरकारी कर्मी के पति सन्नी मैथ्यू। हाॅस्टल में रहकर दो बच्चे पढ़ रहे हैं। एक निष्चित समय में फीस देना पड़ता है। मकान का किराया देना ही है। भला है कि मकान मालिक जो मकान खाली करने को नहीं कहता है। दैनिक समान दुकानदार से उधार अनाज लाकर आहार लिया जाता है। वह भी घुड़की देता है कि बहुत उदार दे दिये है उधार नहीं दे पाएंगे। यह सब सोचसोच कर सन्नी मैथ्यू का बुरा हाल हो गया। यह हाल केवल सन्नी मैथ्यू के ही परिवार का नहीं है। वरण पटना जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत महिला स्वास्थ्य कर्मियों के परिवार का है। सभी परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। बैंक से कर्ज लेने वालों को नोटिस पर नोटिस आने लगा है। आखिर इन परिवारों को कौन बचाएंगा! वह तो सूबे के मुखिया नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ही पहलकदमी कर सकते हैं।

 हेड नम्बर-2211 में राशि आवंटन नहीं
राज्यकर्मियों को वेतन नहीं मिल रहा है। जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत महिला स्वास्थ्यकर्मियों को हेड नम्बर-2211 के माध्यम से वेतनादि मिलता है। इसमें राशि आवंटित नहीं किया जाता है। इसको लेकर सिविल सर्जन साहब के कार्यालय में स्वास्थ्यकर्मी सत्याग्रह भी किए थे। उनका कहना है कि मांग के अनुसार राशि नहीं मिलता है। काफी कम राषि आने से बंटवारा किया जाता है। जो ऊंट के मुंह में जीरा की तरह होती है। स्वास्थ्य कर्मियों की हालत से पसीजकर बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेष मंत्री राजन क्लेमेंट साह ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय से मिलकर वेतनादि मुहैया कराने का आग्रह किया है। इस पर मंगल मंत्री महोदय ने 2211 में राशि आवंटित करवाने का आश्वासन दिया।

 सिविल सर्जन के कार्यालय से आएं थे एसीएमओ को खरे-खरे
पटना सिविल सर्जन कार्यालय से एसीएमओ साहब कार्यक्रम को क्रियान्वयन कराने को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,धनरूआ आएं थे। उनको घरों में कोहराम झेलने वाली कर्मियों ने खरे-खरे शब्दों में बदहाली बयान कर दिया। एसीएमओ से कहा गया कि आवंटन आने के बाद अधिकाधिक राशि आंवटित करने का कष्ट कीजिएगा। एसीएमओ ही पीएससी को राशि आवंटित करते हैं। उसमें कईयों ने कहा कि किसी पीएचसी में महोदय 18 माह तक का वेतन बकाया गया है। यहां 10 माह से नहीं मिल रहा है। अंत में आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द वेतन दिलवाने का प्रयास करेंगे।

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