कांग्रेस ने मनाया अपना 134 वां स्थापना दिवस, कांग्रेस जनों से एकता की अपील की गई
झाबुआ । जिला कांग्रेस कमेटी ने कांग्रेस की स्थापना के 134 वर्ष पूर्ण होने पर स्थापना दिवस समारोह पूर्वक मनाया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 72 प्रतिनिधियों की उपस्थिति में पार्टी संस्थापक एहो हयूम द्वारा 28 दिसंबर 1885 को की गई थी। इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने ध्वजा रोहण किया तथा सभी ने देश के कांग्रेस के जांबाज सपूतो को स्मरण कर उनके पद चिन्हो पर चलने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, विधायक वालसिंह मेडा, विरसिह भूरिया,युुवा नेता डाॅ. विक्रांत भुरिया ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष हेमचन्द्र डामोर, यामिन शेख, उपस्थित थे। सर्वप्रथम जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निर्मल मेहता ने ध्वजारोहरण कर वन्देमातरम गीत गाया गया, व वीर महापुरूषों को याद करते हुए भारत माता की जय घोष किया गया । तद्पश्चात राष्ट्रपिता महात्मा गाॅंधी के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर माल्यारपर्ण किया गया व सभी ने पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण किया । इसके पश्चात, नवागत विधायक वीरसिंह भुरिया, थान्दला एवं पेटलावद विधायक वालसिंह मेडा, का जिला कांग्रेस कमेटी में कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों द्वारा हार पहनाकर आत्मिय अभिवादन किया । इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मेहता ने उदबोधन मे कहा कि कांग्रेस पार्टी का संगठन बहुत मजबुत होकर इसका 134 वर्ष का इतिहास रहा है। पूरे देश में इतनी पूरानी एक ही राजनैतिक पार्टी है। कांग्रेस के नेताओं ने देश के लिये स्वतंत्रता आन्दोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा उन्होने प्राण न्यौछावर कर देश की रक्षा की है तथा देश को अंग्रेजो की गुलामी से मुक्त कराया है। मेहता ने जिला कांग्रेस कार्यालय के नवीनीकरण को लेकर प्रस्ताव रखा जिसे सभी ने स्वीकृति देते हुए अपने अपने स्तर से करीब 2 लाख 70 हजार रूपये की घोषणा की हैं । श्री मेहता ने काग्रेस कार्यकताओं से आव्हान किया कि इस कार्य के लिये जिता अधिक से अधिक योगदान देकर कार्यालय के निर्माण में अपनी भुमिका का निर्वहन करें । इस अवसर पर विधायक विरसिंह भुरिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जन जन की पार्टी है। इसे मजबुत करने के लिये कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आगेवान होकर पार्टी का जनाधार बढाना होगा। युवा नेता डाॅ. विक्रांत भुरिया ने इस अवसर पर कहा कि देश ने महात्मा गांधी की अगुवाई में आजादी प्राप्त की है। हमें पार्टी के संगठन को सभी मतभेद बुलाकर पार्टी को मजबूत करना होगा तभी हम केन्द्र में अपनी सरकार बना सकते है। वालसिंह मेडा ने कांग्रेस की एकता पर जोर देते हुए कहा कि देश ने महात्मा गांधी की अगुवाई में आजादी प्राप्त की तथा अंग्रेजों द्वारा खोखली की गई अर्थव्यवस्था को मजबुत बनाया। ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष हेमचन्द्र डामोर, ने सभी उपस्थितजनों का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जनता के बीच मे जाकर सर्व जन हिताय का काम करना होगा। बगैर एकता के हम लक्ष्य को प्राप्त नही कर सकते है। कांग्रेस पार्टी ही आम जन एवं गरीबों की पार्टी है तथा उसी के नेतृत्व में देश का भला हो सकता है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मानसिंह मेडा, ने कहा कांग्रेस के दिवंगत नेता महात्मा गांधी, पं. जवाहर लाल नेहरू, मोलाना अब्दुल कलाम आजाद, सरदार पटेल, लालबहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी को याद किया तथा उन्होने युवाओं को कांग्रेस पार्टी से जुड़ कर राष्ट्र की सेवा करने का आव्हान किया। कार्यक्रम का संचालन जिला कांग्रेस महामंत्री विरेन्द्र मोदी नंे किया एवं आभार शहर कांग्रेस कार्यवाहन अध्यक्ष गौरव सक्सेना ने माना । इस अवसर पर, जिला कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भट्ट, साबिर फिटवेल, नगर पालिका अध्यक्ष नगर पालिका मनुबेन डोडियार, उपाध्यक्ष श्रीमती रोशनी डोडियार, पार्षद मालू डोडियार, नुर जहाॅंबी, आयुषी भाबार, रशीद कुरैशी, हेमेन्द्र कटारा, कांग्रेस नेता नाथुभाई ठेकेदार, नवलसिंह नायक, जितेन्द्र शाह,प्रतीक मेहता, आलोक भट्ट, देवल परमार, शंकर भुरिया, रिंकु रूनवाल,यश्वंत पंवार, विजय भाबर, विनय भाबर, धर्मेन्द्र मंचार, मानसिंह पाडलवा, माना सरपंच, बाबू सरपंच, धनजी पूर्व सरपंच, दिलीप पूर्व जनपद सरपंच, बापू सरपंच, शम्मी खान, आई.टी.सेल जिलाध्यक्ष, अब्दुल शेख, रिऋी डोडियार, नटवर डोडियार, धुमसीग, जय मुणीया, जिला कांग्रेस, ब्लाॅक कांग्रेस, शहर कांग्रेस, महिला कांग्रेस कांग्रेस, एनएसयूआई, किसान कांग्रेस, विभिन्न मोर्चा संगठन के पदाधिकारी एवं कार्यक्रता, जनप्रतिनिधिगण एवं नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
कथा दुर्लभ होती है इसलिये कथा को अपने जीवन मे जीये उसे सिर्फ सुने भर नही-पण्डित लोकेषानंद
भागवत कथा के तीसरे दिन सृष्टि निर्माण, षिवपार्वती विवाह एवं ध्रुव चरित्र से श्रद्धालु हुए गदगद
झाबुआ । स्थानीय साई मंदिर परिसर मे श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन कथा का प्रारंभ करते हुए पण्डित लोकेशानंद ने कहा कि भागवत कथा भगवत तुल्य होकर भवरोग को मिटाने वाली औषधि होती है । भागवत कथा जीवन को जीने की कला बताती है। तथा जीवन की व्यथा को दूर करती है । श्री सूतजी महाराज जब कथा कह रहे थे तब देवता अमृत कलश लेकर आये और कहने लगे कि अमृत कलश आप परीक्षित राजा को दे दीजिये और हमे कथा का अमृत पान करवाईये । सुखदेवजी ने राजा परीक्षित को कथा अमृत एवं अमृत कलश के महत्व को बताया तथा दोनों के अंतर को बताया । बृमत कलश कांच के उन टूकडो की तरह से इससे अमर तो हो जाते है किन्तु कथा उस मणी के समान है जो हजारों चमकीले कांच के टूकडो में भी अपना अलग महत्व रखती है। जीतनी समस्याऐ जीने मे ंआती है कथामृत के पान से चाहे जीये या न जीये किन्तु परमात्मा के चरणाविन्द मे स्थान मिल ही जाता है। कथा दुर्लभ होती है इसलिये कथा को अपने जीवन मे जीये उसे सिर्फ सुने भर नही । राजा परीक्षित ने सुखदेवजी से पुछा कि मरणासन्न को क्या करना चाहिये तो सुखदेवजी ने कहा कि जो जन्म है उसकी मृत्यु अटल है और उसे भगवत भजन करना चाहिये । क्योकि मृत्यु जीवन का शाश्वत सत्य है इसलिये व्यक्ति को हर श्वा समे भगवन्नाम लेते रहना चाहिये । भागवत कथा के दौरान सृष्टि की रचना की व्याख्या करते हुए पण्डित लोकेशानन्द ने कहा कि इस कलिकाल में श्रीमद्भागवत पुराण हिन्दू समाज का सर्वाधिक आदरणीय पुराण है। इस ग्रन्थ में वेदों, उपनिषदों तथा दर्शन शास्त्र के गूढ़ एवं रहस्यमय विषयों को अत्यन्त सरलता के साथ निरूपित किया गया है। इसे भारतीय धर्म और संस्कृति का विश्वकोश कहना अधिक समीचीन होगा। सैकड़ों वर्षों से यह पुराण हिन्दू समाज की धार्मिक, सामाजिक और लौकिक मर्यादाओं की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता आ रहा हैं। इस पुराण में सकाम कर्म, निष्काम कर्म, ज्ञान साधना, सिद्धि साधना, भक्ति, अनुग्रह, मर्यादा, द्वैत-अद्वैत, द्वैताद्वैत, निर्गुण-सगुण तथा व्यक्त-अव्यक्त रहस्यों का समन्वय उपलब्ध होता है। श्रीमद्भागवत पुराण वर्णन की विशदता और उदात्त काव्य-रमणीयता से ओतप्रोत है। यह विद्या का अक्षय भण्डार है। यह पुराण सभी प्रकार के कल्याण देने वाला तथा त्रय ताप-आधिभौतिक, आधिदैविक और आध्यात्मिक आदि का शमन करता है। ज्ञान, भक्ति और वैरागय का यह महान् ग्रन्थ है। सृष्टि-उत्पत्ति के सन्दर्भ में इस पुराण में कहा गया है- एकोऽहम्बहुस्यामि। अर्थात् एक से बहुत होने की इच्छा के फलस्वरूप भगवान स्वयं अपनी माया से अपने स्वरूप में काल, कर्म और स्वभाव को स्वीकार कर लेते हैं। तब काल से तीनों गुणों- सत्व, रज और तम में क्षोभ उत्पन्न होता है तथा स्वभाव उस क्षोभ को रूपान्तरित कर देता है। तब कर्म गुणों के महत्त्व को जन्म देता है जो क्रमशरू अहंकार, आकाश, वायु तेज, जल, पृथ्वी, मन, इन्द्रियाँ और सत्व में परिवर्तित हो जाते हैं। इन सभी के परस्पर मिलने से व्यष्टि-समष्टि रूप पिंड और ब्रह्माण्ड की रचना होती है। यह ब्रह्माण्ड रूपी अण्डां एक हजार वर्ष तक ऐसे ही पड़ा रहा। फिर भगवान ने उसमें से सहस्त्र मुख और अंगों वाले विराट पुरुष को प्रकट किया। उस विराट पुरुष के मुख से ब्राह्मण, भुजाओं से क्षत्रिओं से क्षत्रिय, जांघों से वैश्य और पैरों से शूद्र उत्पन्न हुए। पण्डित जी आगे कहा कि विराट पुरुष रूपी नर से उत्पन्न होने के कारण जल को नार कहा गया। यह नार ही बाद में नारायण कहलाया। कुल दस प्रकार की सृष्टियाँ बताई गई हैं। महत्तत्व, अहंकार, तन्मात्र, इन्दियाँ, इन्द्रियों के अधिष्ठाता देव मन और अविद्या- ये छह प्राकृत सृष्टियाँ हैं। इनके अलावा चार विकृत सृष्टियाँ हैं, जिनमें स्थावर वृक्ष, पशु-पक्षी, मनुष्य और देव आते हैं। पार्वती और शिव के विवाह की कथा सुनाते हुए पण्डित लोकेशानंद ने कहा कि भगवान शिव और पार्वती की शादी बड़े ही भव्य तरीके से आयोजित हुई। पार्वती की तरफ से कई सारे उच्च कुलों के राजा-महाराजा और शाही रिश्तेदार इस शादी में शामिल हुए, लेकिन शिव की ओर से कोई रिश्तेदार नहीं था, क्योंकि वे किसी भी परिवार से ताल्लुक नहीं रखते। जब शिव और पार्वती का विवाह होने वाला था, तो एक बड़ी सुंदर घटना हुई। उनकी शादी बहुत ही भव्य पैमाने पर हो रही थी। इससे पहले ऐसी शादी कभी नहीं हुई थी। शिव - जो दुनिया के सबसे तेजस्वी प्राणी थे - एक दूसरे प्राणीको अपने जीवन का हिस्सा बनाने वाले थे। उनकी शादी में बड़े से बड़े और छोटे से छोटे लोग शामिल हुए। सभी देवता तो वहां मौजूद थे ही, साथ ही असुर भी वहां पहुंचे। आम तौर पर जहां देवता जाते थे, वहां असुर जाने से मना कर देते थे और जहां असुर जाते थे, वहां देवता नहीं जाते थे। शिव पशुपति हैं, मतलब सभी जीवों के देवता भी हैं, तो सारे जानवर, कीड़े-मकोड़े और सारे जीव उनकी शादी में उपस्थित हुए। यहां तक कि भूत-पिशाच और विक्षिप्त लोग भी उनके विवाह में मेहमान बन कर पहुंचे। भगवान शिव और देवी पार्वती की वंशावली के बखान की रस्म वर-वधू दोनों की वंशावली घोषित की जानी थी। एक राजा के लिए उसकी वंशावली सबसे अहम चीज होती है जो उसके जीवन का गौरव होता है। तो पार्वती की वंशावली का बखान खूब धूमधाम से किया गया। यह कुछ देर तक चलता रहा। आखिरकार जब उन्होंने अपने वंश के गौरव का बखान खत्म किया, तो वे उस ओर मुड़े, जिधर वर शिव बैठे हुए थे। सभी अतिथि इंतजार करने लगे कि वर की ओर से कोई उठकर शिव के वंश के गौरव के बारे में बोलेगा मगर किसी ने एक शब्द भी नहीं कहा। वधू का परिवार ताज्जुब करने लगा, ‘क्या उसके खानदान में कोई ऐसा नहीं है जो खड़े होकर उसके वंश की महानता के बारे में बता सक े?’ मगर वाकई कोई नहीं था। वर के माता-पिता, रिश्तेदार या परिवार से कोई वहां नहीं आया था क्योंकि उसके परिवार में कोई था ही नहीं। वह सिर्फ अपने साथियों, गणों के साथ आया था जो विकृत जीवों की तरह दिखते थे। वे इंसानी भाषा तक नहीं बोल पाते थे और अजीब सी बेसुरी आवाजें निकालते थे। वे सभी नशे में चूर और विचित्र अवस्थाओं में लग रहे थे। समाज के लोग, कुलीन राजा-महाराजा और पंडित बहुत घृणा से शिव की ओर देखने लगे और तुरंत फुसफुसाहट शुरू हो गई, ‘इसका वंश क्या है? यह बोल क्यों नहीं रहा है? हो सकता है कि इसका परिवार किसी नीची जाति का हो और इसे अपने वंश के बारे में बताने में शर्म आ रही हो।’ फिर नारद मुनि, जो उस सभा में मौजूद थे, ने यह सब तमाशा देखकर अपनी वीणा उठाई और उसकी एक ही तार खींचते रहे। वह लगातार एक ही धुन बजाते रहे । नारद ने सभी को बताया कि भगवान स्वयंभू हैं ‘नहीं, इनके माता-पिता ही नहीं हैं। इनकी कोई विरासत नहीं है। इनका कोई गोत्र नहीं है। इसके पास कुछ नहीं है। इनके पास अपने खुद के अलावा कुछ नहीं है।’ पूरी सभा चकरा गई। पर्वत राज ने कहा, ‘हम ऐसे लोगों को जानते हैं जो अपने पिता या माता के बारे में नहीं जानते। ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति हो सकती है। मगर हर कोई किसी न किसी से जन्मा है। ऐसा कैसे हो सकता है कि किसी का कोई पिता या मां ही न हो।’ नारद ने जवाब दिया, ‘क्योंकि यह स्वयंभू हैं। इन्होंने खुद की रचना की है। इनके न तो पिता हैं न माता। इनका न कोई वंश है, न परिवार। यह किसी परंपरा से ताल्लुक नहीं रखते और न ही इनके पास कोई राज्य है। इनका न तो कोई गोत्र है, और न कोई नक्षत्र। न कोई भाग्यशाली तारा इनकी रक्षा करता है। यह इन सब चीजों से परे हैं। यह एक योगी हैं और इन्होंने सारे अस्तित्व को अपना एक हिस्सा बना लिया है। इनके लिए सिर्फ एक वंश है दृ ध्वनि। आदि, शून्य प्रकृति ने जब अस्तित्व में आई, तो अस्तित्व में आने वाली पहली चीज थी दृ ध्वनि। इनकी पहली अभिव्यक्ति एक ध्वनि के रूप में है। ये सबसे पहले एक ध्वनि के रूप में प्रकट हुए। उसके पहले ये कुछ नहीं थे। यही वजह है कि मैं यह तार खींच रहा हूं।’शिवपार्वती के विवाह प्रसंग पर भजनों पर मातायें बहिने नृत्य करने लगी । भा्रगवत कथा के तीसरे दिन ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए हिन्दू धर्मग्रन्थों के अनुसार ध्रुव भगवान विष्णु के महान तपस्वी भक्त थे। वे उत्तानपाद जो स्वयंभू मनु के पुत्र थे के पुत्र थे। ध्रुव ने बचपन में ही घरबार छोड़कर तपस्या करने की ठानी। हिन्दू धर्मग्रंथों में वर्णित कथा के अनुसार राजा उत्तानपाद की दो रानियों ने दो पुत्रों को जन्म दिया। रानी सुनीति के पुत्र का नाम ध्रुव और सुरुचि के पुत्र का नाम उत्तम रखा गया। पिता की गोद में बैठने को लेकर सुरुचि ने ध्रुव को फटकारा तो माँ सुनीति ने पुत्र को सांत्वना देते हुए कहा कि वह परमात्मा की गोद में स्थान प्राप्त करने का प्रयास करे। माता की सीख पर अमल करने का कठोर व्रत लेकर ध््रा्रुव ने पांच वर्ष की आयु में ही राजमहल त्याग दिया और एक पैर पर खड़े होकर छह माह तक कठोर तप किया। बालक की तपस्या देख भगवान ने दर्शन देकर उसे उच्चतम पद प्राप्त करने का वरदान दिया। इसी के बाद बालक ध्रुव की याद में सर्वाधिक चमकने वाले तारे को नाम ध्रुवतारा दिया गया। कथा के अन्त में महिला योग समिति कीसुश्री रूकमणी वर्मा के नेतृत्व में महिलाओं द्वारा पण्डित लोकेशानंद का पुष्पमालाओं से स्वागत कर शाल श्रीफल दिया गया । कार्यक्रम का संचालन दिलीपसिंह वर्मा द्वारा किया गया । आरती के बाद प्रसादी का वितरण किया गया । आज शनिवार को भागवत कथा मे श्री कृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया जावेगा ।
आगामी 4 से 31 जनवरी तक चलाया जाएगा स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान 2019, कार्यषाला में प्रेजेंटेषन के माध्यम से ‘‘झाबुआ को स्वच्छ और सुंदर’’ बनाने की दी गई जानकारी
इंदौर के संभागीय नोडल अधिकारी एवं दिल्ली से आए प्रषिक्षक ने दिया प्रेजेंटेषन
झाबुआ। शहर के पैलेस गार्डन में 27 दिसंबर, गुरूवार को देर शाम 7 बजे से स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के तहत ‘‘सतरंगी लाईफ स्वच्छता जागरूकता अभियान’’ कार्यषाला का आयोजन किया गया। जिसमें अतिथि के रूप मंे नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती मन्नूबेन डोडियार, उपाध्यक्ष रोषनी डोडियार, वरिष्ठ इतिहासकार डाॅ. केके त्रिवेदी एवं युवा चिकित्सक डाॅ. विक्रांत भूरिया उपस्थित थे। इस अवसर पर इंदौर से आए नगरीय निकाय के संभागीय नोडल अधिकारी अंकित कानूनगो एवं दिल्ली से आए प्रषिक्षक अक्षय शर्मा द्वारा प्रेजेंटेषन के माध्यम से शहर के नागरिकों को बताया गया कि आप झाबुआ शहर को किस तरह से स्वच्छ और सुंदर बना सकते है। बाद शहर की स्वच्छता एवं सफाई व्यवस्था को लेकर इतिहासकार डाॅ. त्रिवेदी एवं युवा चिकित्सक डाॅ. भूरिया द्वारा अपने विचार व्यक्त करने के साथ नागरिकों द्वारा भी आवष्यक सुझाव व्यक्त किए गए। कार्यशाला का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जलवन कर किया गया। बाद अतिथियों का स्वागत नरगपालिका झाबुआ की ओर से नवागत सीएमओ एलएस डोडिया, नपा के सेनेट्री प्रभारी एवं कार्यषाला के विषेष सहयोगी कमलेष जायसवाल, सहायक स्वच्छता निरीक्षक टोनी मलिया, जहांगीरभाई कुरैषी, राकेष कटारा आदि द्वारा किया गया। इस दौरान इंदौर से आए श्री कानूनगो एवं दिल्ली से आए श्री शर्मा का भी पुष्पामाला पहनाकर नगरपालिका की ओर से अध्यक्ष श्रीमती मन्नूबेन डोडियार एवं उपाध्यक्ष श्रीमती रोषनी डोडियार के साथ पार्षदों में पपीष पानेरी, शाहनवाज शेख, श्रीमती मालू डोडियार, हेमेन्द्र बबलू कटारा, अजय सोनी, कु. आयुषी भाबोर आदि ने किया। स्वागत उद्बोधन नपा सीएमओ श्री डोडिया ने दिया।
दैनिक जीवन में आसान तरीके अपनाकर बनाएं झाबुआ को स्वच्छ और सुंदर
बाद नगरीय निकाय इंदौर से आए संभागीय नोडल अधिकारी श्री कानूनगो ने बताया कि आप अपने दैनिक जीवन में कुछ आसान तौर-तरीके अपनाकर अपने झाबुआ शहर को काफी स्वच्छ और सुंदर बना सकते है। इसमें यदि आप कूड़ा-कचरा नियत स्थान पर डालना, नाले-नालियों में कचरा ना फैंकना, कचरा निकायों के सफाई वाहन में ही डालना, सड़कों पर कचरा ना फेंकना एवं अपने घरों तथा आसपास गंदगी ना फेलाना। सड़कों किनारे बाथरूम नहीं करना एवं बाजारों में सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करते समय सफाई का विषेष ध्यान रखने जैसे तरीके अपनाकर आप काफी हद तक षहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के साथ ही झाबुआ को देष में नंबर स्थान पर भी ला सकते है।
प्रेजेंटेषन प्रस्तुत किया
तत्पष्चात् दिल्ली से आए प्रषिक्षक अक्षय शर्मा द्वारा लेपटाॅप पर स्क्रीन के माध्यम से प्रेजेंटेषन देकर बताया कि आप किस तरह से ‘‘झाबुआ को स्वच्छ और सुंदर’’ बनाएं। प्रेजेंटेषन में गीला कचरा नपा के सफाई वाहन के हरे डिब्बे में डालने एवं सूखा कचरा नीले डिब्बे में डालने, सड़कों की सफाई रखने, सार्वजनिक शौचालयों को स्वच्छ रखने आदि के तरीके बताएं एवं बताया कि इस तरह कर हम अपने शहर को साफ-सुथरा रख सकते है।
4 जनवरी से 31 जनवरी 2019 तक चलेगा स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान
प्रेजेंटेषन के बाद संभागीय नोडल अधिकारी श्री कानूनगो ने यह भी बताया कि आमामी 4 जनवरी से लेकर 31 जनवरी 2019 तक पूरे देष में स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान संचालित होगा, इस दौरान झाबुआ में भी यह अभियान संचालित होगा, इस दौरान शहर की स्वच्छता व्यवस्था देखी जाएगी, नागरिकों से इस संबंध में फिड-बेक लिए जाएंगे। साथ ही नदी-नालों और तालाबों को स्वच्छता सर्वेक्षण में जोड़कर इनकी स्थिति देखी जाएगी। उन्होंने उपस्थित नागरिकों एवं नगरपालिका को सुझाव दिया कि आप अभियान के दौरान शहर की पिछड़ी बस्तीयों का सौंदर्यीकरण, जिसमें घरों की बाहरी दीवारों पर वाल-पेटिंग, चेयर्स रखवाना एवं गार्डन बनाकर भी स्वच्छता और स्वस्थता की ओर कदम बढ़ा सकते है। इसके आधार पर शहर की स्वच्छता की नंबरिंग होगी। साथ श्री कानूनगो ने उपस्थितजनों को बताया कि आप अपने मोबाईल पर स्वच्छता एप डाउनलोड कर भी इस अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते है।
प्रधानमंत्री के सपने को करे सभी मिलकर साकार
कार्यषाला में अपने उद्बोधन में वरिष्ठ इतिहासकार डाॅ. केके त्रिवेदी ने कहा कि देष के प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर 2019 को देष के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर देष को स्वच्छ और संुदर बनाने का सपना देखा है, जिसमें हम पूरा करना है। साथ ही वर्तमान नगरपालिका परिषद् के कार्यों की प्रसंषा करते हुए कहा कि वर्तमान परिषद् के जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के अभूतपूर्व प्रयास किए जा रहे है, हम नागरिकों एवं सामाजिक तथा धार्मिक संस्थाएं भी मिलकर अन्य गतिविधियों की तरह इस ओरभी आगे आए और शहर को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में सहभागी बने। साथ ही सामाजिक समरसता और सांप्रदायिक सौहाद्रता का परिचय दे।
संकल्प को साकार करना होगा
युवा चिकित्सक डाॅ. विक्रांत भूरिया ने झाबुआ को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए राजनीति से परे होकर पूरे शहरवासियों को मिलकर कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमे ना केवल संकल्प तक सीमित रहना है, अपितु उसे निभाना भी है। इस संघर्ष और चुनौती पर फतह हासिल करना है। संघर्ष और चुनौतियों को स्वीकार करने पर निष्चित ही विजय प्राप्त होती है।
ये थे उपस्थित
कार्यषाला में शहर की सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं तथा गणमान्य नागरिकों में सकल व्यापारी संघ से नीरजसिंह राठौर, पंकज जैन मोगरा, हरिष शाह लालाभाई, अमित जैन, गायत्री परिवार से पं. घनष्याम बैरागी एवं अन्य गायत्री परिजन, साहित्य परिषद् से पं. गणेषप्रसाद उपाध्याय, भेरूसिंह चैहान तरंग, बचपन बचाओ आंदोलन से जिलाध्यक्ष रामप्रसाद वर्मा, अयूब अली सैयद, अंर्तराष्ट्रीय मानव अधिकार काउंसिल से दुर्गाप्रसाद तिवारी, संकल्प ग्रुप से श्रीमती भारती सोनी, पं. जैमिनी शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार यषवंतसिंह पंवार, रोटरेक्ट क्लब से दौलत गोलानी, टेट लाईट एसोसिएषन से अजय पंवार, प्रकाषचन्द्र त्रिपाठी, सांसद प्रतिनिधि गौरव सक्सेना, हेमचंद डामोर आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन मप्र उपभोक्ता हितैषी मंच के जिलाध्यक्ष जयेन्द्र बैरागी ने किया एवं अंत में आभार नपा के इंजिनियर कमलकांत जोषी ने माना।
आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट ने नवागत कलेक्टर श्री सिपाहा का स्वागत कर मिठाई खिलाकर मुंह मीठा करवाया
झाबुआ शहर में सामाजिक कार्यों में अग्रणी है संस्थाएं -ः कलेक्टर श्री सिपाहा
झाबुआ। आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट झाबुआ द्वारा जिले के नवागत कलेक्टर के रूप में श्री प्रबल सिपाहा द्वारा शुक्रवार को पदभार ग्रहण करने पर उनका स्वागत कर मिठाई खिलाकर मुंह मीठा करवाया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री सिपाहा ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि झाबुआ शहर में सभी सामाजिक और धर्मिक संस्थाएं एकजुट होकर कार्य करती है तथा जिला प्रषासन को आवष्यक कार्यों में सहयोग भी प्रदान करती है।
नवागत कलेक्टर श्री सिपाहा का शुक्रवार शाम 4 बजे कलेक्टोरेट कार्यालय में उनके कक्ष में आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष राजेष नागर, सेवा प्रकल्प परार्मषदाता सुधीरसिंह कुषवाह, अध्यक्ष रविराजसिंह राठौर, सचिव सुनिल चैहान, कोषाध्यक्ष पं. द्विजेन्द्र व्यास एवं ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य ओमप्रकाष शर्मा द्वारा स्वागत करते हुए सर्वप्रथम आसरा ट्रस्ट द्वारा सेवा के क्षेत्र. में किए जाने वाले कार्यों की जानकारी संस्थापक अध्यक्ष श्री नागर ने दी एवं बताया कि हमारा ट्रस्ट जिला प्रषासन द्वारा संचालित सामाजिक गतिविधियों में भी समय-समय पर सहयोग प्रदान करता आया है। बाद ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों ने कलेक्टर श्री सिपाहा का मिठाई खिलाकर मुंह मीठा करवाया तथा झाबुआ पदस्थापना पर उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की।
सामाजिक कार्यों में अग्रणी है संस्थाएं
इस अवसर पर नवागत कलेक्टर श्री सिपाहा ने बताया कि मुझे ज्ञात हुआ है कि झाबुआ शहर में सभी सामाजिक और धार्मिक संस्थाएं मिलकर कार्य करती है। जिला प्रषासन द्वारा आगामी समय में भी सामाजिक क्षेत्र में सभी सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य किए जाएंगे। अंत में आभार ट्रस्ट के सुधीरसिंह कुषवाह ने माना।
आचार्य श्री नरेन्द्र सूरीष्वरजी मसा एवं मुनिराज श्री जिनेन्द्र विजयजी मसा ने विनती समिति की विनती को स्वीकारा, आगामी चातुर्मास झाबुआ में करने की घोषणा की
झाबुआ में समाजजनों में हर्ष व्याप्त
झाबुआ। राजस्थान के पाली (ग्राम झूठा) में विराजमान आचार्य नरेन्द्र सूरीष्वरजी मसा एवं मुनिराज श्री जिनेन्द्र विजयजी मसा से 28 दिसंबर, शुक्रवार को सुबह झाबुआ से रवाना हुई आचार्य श्री नरेन्द्र सूरीजी विनती समिति द्वारा भावभारी विनती की गई। जिसे आचार्य श्रीजी एवं मुनिराज ने स्वीकार करते हुए घोषणा की है कि अपना आगामी चातुर्मास झाबुआ शहर में करंेगे। जिसके बाद ना केवल आचार्य विनती समिति अपितु झाबुआ में भी समाजजनों में हर्ष व्याप्त है। आचार्य श्रीजी एवं मुनिराज से विनती करने हेतु झाबुआ से विनती समिति के नेतृत्व में श्वेतांबर जैन समाज के करीब 50 सदस्यों द्वारा विभिन्न जैन तीर्थों की यात्रा करते हुए 27 दिसंबर की रात्रि में पाली (ग्राम झूठा) पहुंचे एवं रात्रि विश्राम यहीं किया। सुबह पाली के जैन समाजजनों के बीच विनती समिति के वरिष्ठ सदस्य यषवंत भंडारी के नेतृत्व में सभी सदस्यों ने मिलकर आचार्य एवं मुनिराज से सा‘आग्रह किया कि वे अपने जन्मोत्सव के उपलक्ष में आज अपना अगला चातुर्मास झाबुआ को प्रदान करे। वरिष्ठ सदस्य श्री भंडारी ने बताया कि विनती समिति एवं सभी सदस्यगण आप आचार्य एवं मुनिराज से चातुर्मास हेतु आग्रह करने झाबुआ से लंबा सफर तय कर पाली नगरे आए है। विनती को स्वीकार कर झाबुआ चातुर्मास की घोषणा की विनती समिति एवं उपस्थित सभी सदस्यों की भावभरी विनती को स्वीकारते हुए आचार्य श्री नरेन्द्र सूरीजी एवं झाबुआ जिले की माटी के सपूत जिनेन्द्र विजयजी मसा ने इस दौरान घोषणा की कि वे नवीन वर्ष 2019 में अपना चातुर्मास झाबुआ नगर में करंेगे। जिसके बाद विनती समिति के सदस्यों में श्री भंडारी के साथ निलेष जैन (लोढ़ा), जितेन्द्र जैन, मुकेष संघवी, संतोष रूनवाल, नरेन्द्र संघवी, इंदरसेन संघवी सहित अन्य सभी सदस्यों ने आचार्य श्रीजी को कांबली ओढ़ाई एवं आचार्य तथा मुनिराज के जयकारों से परिसर गूंज उठा। उधर आचार्य श्रीजी एवं मुनिराज के चार्तुमास की घोषणा से ना केवल विनती समिति के सदस्यों अपितु झाबुआ में भी जैन समाजजनों में हर्ष व्याप्त हो गया है। करीब 12 वर्षों बाद मालवा की धरती पर पुनः आचार्य श्रीजी के साथ मुनिराज श्री जिनेन्द्र विजयी मसा का आगमन होगा।
मीजल्स व रूबेला बीमारी से बचाव हेतु समस्त सीडीपीओ एवं समस्त पर्यवेक्षकों को दिलाया संकल्प
झाबुआ । मीजल्स रूबेला अभियान अंतर्गत आज महिला बाल विकास के समस्त सीडीपीओ एवं समस्त पर्यवेक्षकों को डॉ राहुल गणावा जिला टीकाकरण अधिकारी ने मीजल्स रूबेला संक्रामक बीमारी पर उन्मुखीकरण करते हुए करते हुए संकल्प दिलाया कि 9 माह से लेकर 15 वर्ष के समस्त बालक बालिका को दाहिने हाथ की बाजू में चमड़ी में दर्द रहित एम आर का टीका लगा कर भारतवर्ष को इन दो गंभीर बीमारियों मीजल्स व रूबेला से बचाव करेंगे। इस कार्यशाला में श्री आर एस बघेल प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री अजय चैहान सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग, की मौजूदगी में समस्त सीडीपीओ ,समस्त महिला पर्यवेक्षकगण व लोक सेवक उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री सिपाहा ने मीडिया प्रतिनिधियो से भेंट की
झाबुआ । झाबुआ जिले के नवागत कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा ने आज अपना कार्यभार ग्रहण कर कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष मे मीडिया प्रतिनिधियो से भेंट की। कलेक्टर श्री सिपाहा ने मीडिया प्रतिनिधियो से जिले की भौगोलिक, प्रशासनिक कार्यप्रणाली की जानकारी प्राप्त की। जिले में क्रियान्वित गतिविधियों के सम्बंध में प्राथमिकताओं की जानकारी मीडिया प्रतिनिधियो को दी एवं मीडिया प्रतिनिधियो से परिचय प्राप्त किया। इस अवसर पर जनसंपर्क अधिकारी श्रीमती अनुराधा गहरवाल, डिप्टी कलेक्टर श्री पराग जैन सहित मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे। कलेक्टर श्री सिपाहा ने अपना मोबाइल नंबर 9424419090 भी प्रदान किया।
किसान कृषि की उन्नत तकनीकी अपनाकर समृद्ध बने
झाबुआ । कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में विगत 27 दिसंबर 2018 को सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे की अध्यक्षता मे कृषि विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान उपस्थित प्रगतिशील किसान एवं जनप्रतिनिधियों को बताया कि कृषि विभाग अंतर्गत संचालित विभागीय योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने के साथ ही कृषि एवं उद्यानिकी की उन्नत तकनीकी के साथ साथ पशु पालन एवं मत्स्य पालन अपनाकर आय दोगुनी कर समृद्ध होकर खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकते है। साथ ही उपस्थित प्रगतिशील कृषक एवं जनप्रतिनिधी को विभागीय योजनाओ एवं खेती किसानी की उन्नत तकनीकी की जानकारी का ग्रामीण स्तर पर क्षेत्रीय किसानों के मध्य अधिक से अधिक प्रचार प्रसार कर जाकरूक करने हेतु प्रेरित किया।
जिले में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग अंतर्गत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, स्वाईल हैल्थ कार्ड योजना, राष्ट्रीय खाद्य सूरक्षा मिशन, आत्मा, पी.के.व्ही.वाय फर्टिलाइजर डीबीटी, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, नेशनल मिशन आॅन सस्टेनेबल एग्रीकल्चर एवं भावान्तर भुगतान योजना की समीक्षा की गई। समीक्षा बैठक के दौरान विभागीय योजनाओं का विस्तार पूर्वक पावरर्पोइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से उप संचालक कृषि श्री जी.एस. त्रिवेदी द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया। सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे द्वारा उप संचालक कृषि को जिले की समितियों में पर्याप्त उर्वरक उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया। उप संचालक कृषि ने सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे को बताया कि जिले में अद्यतन स्थिति में पर्याप्त उर्वरक उपलब्धता है। सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे द्वारा किसानों को मिट्टी परीक्षण कराने तथा मृदा परीक्षण रिपोर्ट अनुशंसा के आधार पर ही उर्वरकों का उपयोग करने हेतु कहा गया ताकि मृदा स्वास्थ्य के साथ कम लागत मे अधिक लाभ प्राप्त कर सके। साथ ही किसानो को रबी मौसम में कम पानी की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुये सुक्ष्म सिंचाई पद्धति जैसे स्प्रिकंलर सेट, ड्रीप सिंचाई का उपयोग करने पर जोर दिया गया।
श्री प्रबल सिपाहा ने झाबुआ कलेक्टर का कार्यभार किया ग्रहण
- कलेक्टर श्री सिपाहा ने विभागीय कार्यालयो का निरीक्षण भी किया
झाबुआ । जिले के नवागत कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा ने आज 28 दिसम्बर को कलेक्ट्रेट कार्यालय में कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे, अपर कलेक्टर श्री एस पी एस चैहान सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। श्री सिपाहा को 2009 मे भारतीय प्रशासनिक सेवा का अवार्ड हुआ हैं। आप इससे पहले अपर कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत देवास, मंडला एवं अन्य महत्वपूूर्ण पदों पर दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। शासन द्वारा श्री सिपाहा को नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के संचालक पद से कलेक्टर झाबुआ पदस्थ किया गया है। उन्होने अधिकारियो से जिले की भौगोलिक, प्रशासनिक कार्यप्रणाली की जानकारी प्राप्त की। जिले में क्रियान्वित गतिविधियों के सम्बंध में प्राथमिकताओं की जानकारी प्राप्त की एवं अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया। नवागत कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा ने गर्मी मे पेयजल की समस्या ना हो इसके लिये सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे एवं अन्य संबंधित अधिकारियो को आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिये कार्ययोजना बनाकर कार्य करने हेतु निर्देशित किया। अधिकारी कर्मचारियो से मिलकर आगामी लोकसभा निर्वाचन की तैयारी का फीडबैक लिया। जिले की प्राथमिकताओ एवं चुनौतियो पर चर्चा की। तत्पश्चात कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा ने कलेक्टर कार्यालय परिसर मे लगने वाले विभागीय कार्यालयो का निरीक्षण भी किया। जिले मे नवागत कलेक्टर श्री सिपाहा का सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे, एडीएम श्री एसपीएस चैहान, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती प्रीति संघवी, डिप्टी कलेक्टर श्री पराग जैन, डिप्टी कलेक्टर श्री के.सी. पर्ते सहित कलेक्टर कार्यालय के अधिकारी/कर्मचारियो ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
प्रशिक्षु आईएएस को कलेक्टर ने दी जिले की जानकारी
झाबुआ । असम से आये प्रशिक्षु आईएएस को श्री प्रबल सिपाहा ने जिले की मूलभूत जानकारियो से अवगत कराया। जिले मे प्रशिक्षण प्राप्त करने आये अधिकारियो ने कलेक्टर श्री सिपाहा एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे का प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया।
किसान कीट का प्रकोप बढने पर कीटनाशक दवा की अनुशंसित मात्रा का छिडकाव करे
झाबुआ 28 दिसम्बर 2018/कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ द्वारा किसानो को सलाह दी गई है कि आगामी 5 दिवसों में आसमान मे साफ से छिटपुट बादल रहने, तापमान सामान्य से कम रहने व वर्षा नहीं होने की संभावना है इसे देखते हुए चना व सरसो फसल की सतत निगरानी रखे। कीट का प्रकोप बढने पर कीटनाशक दवा की अनुशंसित मात्रा का छिडकाव करे। कपास के खिले हुए डेंडुओ की समय पर चुनाई सफाई के साथ करे जिससे बाजार भाव अच्छा मिले। भिण्डी, बैगन एवं हरी मिर्च की समय पर तुडाई कर ग्रेडिंग कर बाजार मे बेचे।
अनसिंह को 4 लाख रूपये आर्थिक सहायता स्वीकृत
झाबुआ । जिले के झकनावदा उप तहसील के ग्राम मोरझरिया में रहने वाली पुनीबाई पति अनसिंह की सर्प के काटने से मृत्यु हो जाने पर मृतक पुनीबाई के वैध वारिस उसके पति श्री अनसिंह ंिपता नंदू भूरिया निवासी मोरझरिया को 4 लाख रूपयें की आर्थिक सहायता राशि एसडीएम पेटलावद द्वारा स्वीकृत की गई है। स्वीकृत राशि बैंक खाते में ई-पेमेन्ट द्वारा भूगतान की जाएगी।
प्रदेश की कृषि उपज मण्डियों में ई-लायसेंस प्रणाली 1 जनवरी से लागू होगी
अब मण्डी व्यापारी अपना लायसेंस स्वयं घर बैठे जारी कर सकेंगे
झाबुआ । प्रदेश की सभी कृषि उपज मण्डियों में आगामी 1 जनवरी से कृषि उपज के परिवहन के लिए शत् प्रतिशत आॅन लाइन लायसेंस ही जारी किये जायेंगे। पूर्व से प्रचलित अनुज्ञापत्र माड्यूल में व्यापारियों की मांग अनुरूप आवश्यक परिवर्तन किये जाकर परिवर्तित ई-अनुज्ञापत्र माड्यूल को लागू किया जा रहा है। जिससे व्यापारियों को वाणिज्यक संव्यवहार में सुगमता हो सके। ई-अनुज्ञापत्र प्रणाली लाूग होने से कृषि उपज का व्यापार और अधिक सरल एवं सुगम होने के साथ ही उपज के परिवहन में होने वाले व्यय में कमी आयेगी। व्यापारी को पारदर्शी कार्यप्रणाली की सुविधा उपलब्ध होगी। व्यापारियों को स्वयं अनुज्ञापत्र जारी करने की सुविधा उन्हें प्रदाय की गई है वह चाहे तो घर बैठे स्वयं अनुज्ञापत्र जारी कर सकते है। परन्तु जो व्यापारी स्वयं अनुज्ञापत्र जारी करने में असमर्थ है उनको मण्डी में पदस्थ अमले के सहयोग से अनुज्ञापत्र कर्मचारी द्वारा जारी किया जा सकेगा। मण्डी प्रशासन का कार्य भी आॅन लाइन बैकिंग सिस्टम की भांति जायेगा। व्यापारी एक क्लिक पर कृषि उपज के क्रय विक्रय, मण्डी फीस, शेष स्कंध की जानकारी कहीं पर भी त्वरित रूप से देख सकेंगे। साथ ही उनके खाते की जानकारी का प्रिंट भी प्राप्त कर सकेंगे, जिसमें उनको क्रय विक्रय संबंधी कागजी रखरखाव से मुक्ति मिलेगी व मण्डी पर उनकी निर्भरता कम होगी। परिवर्तित अनुज्ञापत्र माड्यूल में कृषि उपज के वाहन में खराबी आने, सौदा निरस्त, सौदा निरस्त कर पुनः दूसरे व्यापारी को बेचने की स्थिति में व्यापारी फर्म के नाम में परिवर्तन करने की सुविधा व्यापारी बंधुओं को उपलब्ध करायी गई है। व्यापारी बंधुओं द्वारा मण्डी कार्यालय में माह में दो बार जमा की जाने वाली पाक्षिक विवरणी, अनुज्ञापत्र मण्डी कार्यालय में 14 दिवस के भीतर जमा करने एवं वर्ष के अंत में कराये जाने वाले लेखा सत्यापन से राहत मिलेगी। मण्डी बोर्ड द्वारा समय समय पर ई अनुज्ञापत्र माड्यूल के संबंध में कार्यशाला आयोजित कर व्यापारी बंधुओं व मण्डी में पदस्थ अमले को प्रशिक्षित किया गया है। जिससे ई अनुज्ञा प्रणाली का उपयोग करने में सुगमता हो सके।
भारत निर्वाचन आय¨ग की अनुमति से ही स्थानान्तरण ह¨ंगे
झाबुआ । मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री व्ही. एल. कान्ता राव ने बताया कि 26 दिसम्बर 2018 के बाद निर्वाचन आय¨ग की बिना अनुमति के निर्वाचन से जुड़े अधिकारिय¨ं जैसे - जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी का स्थानांतरण राज्य शासन के द्वारा नहीं किया जा सकेगा।
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