भाजपा के वरिष्ठ नेता लक्ष्मीनारायण पाठक, का निधन जिला कांग्रेस ने दी श्रद्धांजलि
झाबुआ । जिले के भाजपा के कद्दावर नेता एवं समाजसेवी लक्ष्मीनारायण पाठक जी का लंबी बिमारी के चलते निधन हो गया । उनके निधन पर श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए सांसद कांतिलाल भूरिया ने अपने संदेष में कहा कि पाठक एक कर्मठ एवं जुझारू एवं ईमानदार नेता थें, उन्होने हमेषा क्षेत्र के विकास के लिये अग्रणी भूमिका निभाई हैं । उनके निधान से क्षेत्र में एक कर्मठ नेता एवं समाजसेवी खो दिया हैं, जिसकी क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती हैं । जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, युवा नेता एवं ए.आई.सी.सी. सदस्य डाॅ विकांत भूरिया, विधायक वीरसिंह भूरिया, वालसिंह मेडा, सुश्री कतावति भूरिया, जिला कांग्रेस कोषाध्यक्ष प्रकाष रांका, जिला कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष सुरेषचंद जैन, वरिष्ठ कांग्रेस नेता हनुमंतसिंह डावबी, गेंदाल डामोर, नगीन शाह, गुरूप्रसाद अरोडा, नारायण भट्ट, जसवंत भाबर,फोैजदार सिंह, जिला कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भट्ट, आचार्य नामदेव, साबिर फिटवेल, कांग्रेस नेता चंन्द्रवीरसिंह राठौर, राजेष भट्ट, सुरेष मुथा, राजेन्द्र अग्निीहोत्री, विजय पांण्डेया, मनिष व्यास, जितेन्द्र प्रसाद अग्निीहोत्री, अलिमुद्दीन सैयद, विरेन्द्र मोदी, हेमचंद डामोर, बंटू अग्निीहोत्री, गौरव सक्सेना,यामिन शेख, नंदलाल मेड, कलावति मेडा, आषिष भूरिया, रिकूं रूनवाल, गोपाल शर्मा, चंनसिह डामोर, कालू नलवाया, जयवंत भाबर, विकास रावत, आदि ने पाठक के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की और ईष्वर से प्रार्थना की इस दुख को सहन करने की पाठक परिवार को शक्ति प्रदान करें ।
गुरू करे वह मत करो बल्कि जो गुरू कहे वही करना ही जीवन का ध्येय होना चाहिये - पण्डित लोकेषानंद
भागवत कथा के चतुर्थ दिवस श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में जम की झुमे श्रद्धालु जन
झाबुआ । भगवान भोले नाथ की कथा जहां प्रत्येक परिवार को पारिवारिक मेनेजमेंट का गुर सिखलाती है वरिवार मे एकता एवं भाईचारा का अनुपम उदाहरण भी है। वही ध्रुव चरित्र मे यह ज्ञान मिलता है कि भक्ति करने की कोई उम्र नही होती है ।मनुष्य मे एक धारणा है कि बुढापा आने पर ही भजन कीर्तन करेगें यह पूरी तरह मिथ्या है, परलोक सुधारने के लिये जवानी में ही भगवान के नाम का सुमिरन प्रारंभ कर देना चाहिये ।व्यक्ति को जब शिष्य बनना आजाये तो भगवान स्वयं ही उसके लिये योग्य गुरू की व्यवस्था कर देता है। गुरू खोजने का विषय नही है हमे शिष्य बनना आजाना चाहिये । गुरू का अर्थ व्यक्ति से नही उसके व्यक्तित्व से होता है। हमे गुरू को नही वरन गुरू की बातों को मानना चाहिये । गुरू करे वह मत करो बल्कि जो गुरू कहे वही करना ही जीवन का ध्येय होना चाहिये ।उक्त सारगर्भित बात श्री साई मंदिर में परिसर मे चल रही श्री मदभागवत कथा के चैथे दिन व्यास पीठ पर बिराजित पण्डित लोकेशानंद ने उपस्थित श्रद्धालुओ ं कोभागवत कथा सुनाते हुए कही । पण्डित लोकेशानंद ने आगे जड भरत की कथा स्रुनाते हुए कहा कि मनुष्य को ऐसे कर्म करना चाहिये कि अन्त मे मति सुधर जाये । भारतवर्ष स्वयं ही वात्सल्य एवं प्रेम का स्वरूप है। हमारा देश ही विश्व मे एक मात्र ऐसा देश है जिसके जय जय कारे लगाये जाते है। विश्व के बडे बडे देशो के कभी जयकारे नही सुनाई देते है जबकि हम सभी गर्व के साथ भारतमाता की जय केजयघोष करते है । भारत देश वीरों की भूमि रही है, जहां महाराणाप्रताप, शिवाजी महाराज,झांसी की रानी, चन्द्रशेखर आजाद,जैसे का्रंतिवीर चाहे भगवान नही कहलाते है किन्तु यह सत्य है कि इनकी वजह से ही हमारे देश के मंदिरों में भगवान बिराजित है। हमे अपने स्वाभिमान को जिन्दा रखना चाहिये साथ ही हम भारतवंशी सभी को हृदय से लगाने वाले लोग भी कहे जाते है । भक्त प्रहलाद की कथा सुनाते हुए तथा हिरण्यकश्यप् मोक्ष की कथा सुनाते हुए पण्डित लोकेशानंदजी ने कहा कि परिस्थिति चाहे जो भी रहे, भगवान का नाम कीर्तन एवं भजन करना नही छोडना चाहिये । परमात्मा पर विश्वास रखने वाला व्यक्ति कभी निराश नही होता है । खचाखच भरे पाण्डाल में श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा स्रुनाते हुए पण्डित लोकेशानंदजी ने कहा कि मनुष्य के जीवन में अच्छे व बुरे दिन प्रभु की कृपा से ही आते हैं। उन्होंने कहा कि जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, जेल के ताले टूट गये। पहरेदार सो गये।वासुदेव व देवकी बंधन मुक्त हो गए। प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है। कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते हैं। भगवान का जन्म होने के बाद वासुदेव ने भरी जमुना पार करके उन्हें गोकुल पहुंचा दिया । वहां से वह यशोदा के यहां पैदा हुई शक्तिरूपा बेटी को लेकर चले आये। कृष्ण जन्मोत्सव पर नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गीत पर भक्त जमकर झूमे। श्रीकृष्ण चरित्र सुनाते हुए पण्डित लोकेशानंद ने कहा कि कंस ने वासुदेव के हाथ से कन्या रूपी शक्तिरूपा को छीनकर जमीन पर पटकना चाहा तो वह कन्या राजा कंस के हाथ से छूटकर आसमान में चली गई। शक्ति रूप में प्रकट होकर आकाशवाणी करने लगी कि कंस, तेरा वध करने वाला पैदा हो चुका है।भयभीत कंस खीजता हुआ अपने महल की ओर लौट गया। उधर नंद बाबा के यहां बधाइयों को तांता लग गया। भक्तों ने भगवान का जन्मोत्सव धूम-धाम के साथ मनाया व भजनों पर ठुमके लगाये। पुजारी दुर्विजय ने हवन में आहुतियां डलर्वाइं। पण्डित जी भगवान श्री कृष्ण के बाल चरित्र की व्याख्या करते हुए कहा कि भगवान कृष्ण का जन्म उत्सव है। कृष्ण को जगद्गुरु कहा जाता है। कृष्ण एक पूर्ण आनंद की प्रतिमूर्ति हैं। इसीलिए उनके साथ कुछ शरारतों की घटनाएं भी जुड़ी हुई हैं। शरारत का उदय ही प्रसन्नता से होता है। लोग उनकी शिकायतें करने आते, लेकिन उन्हें देखते ही सभी शिकायतें और गुस्सा गायब हो जाते। शुद्ध प्रसन्नता और आनंद के समक्ष कोई शिकायत और गुस्सा नहीं ठहरता है। आपके जीवन में सब कुछ ठीक हो तो आप खुल कर मुस्करा सकते हैं, जब बुरे दिनों में आप मुस्करा पाएं तो ही आपने जीवन में कुछ उपलब्धि प्राप्त की है। कृष्ण में यही गुण था। उनकी मुस्कान सबको मोहित करती थी।. उनका मटकी तोड़ना, उसमें से मक्खन निकलना..., इस कहानी का गहरा अर्थ है। यहां पर मटके का तात्पर्य है शरीर और मक्खन का अर्थ है सार। जब हम शरीर की सीमा से अपने आप को बाहर पाते हैं तो हमें जीवन के सार का पता चलता है। हमारे असीम चैतन्य को खिलने से कौन रोकता है, ‘मैं एक शरीर हूंश्- यह विचार ही एकमात्र बंधन है। जब हम प्रसन्न होते हैं तो सब कुछ तोड़ कर हम हंसते हैं। उसी प्रकार जब हम प्रेम में हों तो प्रेम से खिल उठते हैं। हमारा सार प्रेम के रूप में बाहर निकलता है।. कृष्ण को माखन चोर कहा जाता है एकमात्र वही चोर हैं, जिनका पूर्ण सम्मान हुआ है। वह माखन चोर हैं, क्योंकि वह उनका मन भी चुरा लेते हैं, जिन्होंने प्रेम को पा लिया है, जिनकी चेतना पूर्ण खिल चुकी है। हम उन्हें चितचोर भी कहते हैं, जिसका अर्थ है मन को चुराना। उनका जन्म देवकी यानी शरीर और वासुदेव यानी श्वास के यहां पर हुआ। जब प्राण का शरीर के साथ समागम होता है तो आनंद का जन्म होता है। इसीलिए कृष्ण को नंदलाल कहा जाता है, क्योंकि नंद या आनंद का अर्थ है प्रसन्नता। जब कृष्ण का जन्म हुआ था सभी पहरेदार सो गए थे। ये पहरेदार और कोई नहीं, हमारी पांचों इंद्रियों को कहा गया है, जो आंतरिक प्रेम और आनंद को अनुभव नहीं होने देते। कृष्ण का मामा कंस और कोई नहीं, हमारा अहंकार है, जिसने हमारे वासुदेव और देवकी को बंधक बना रखा है, जिसके कारण हमारे प्राण और शरीर कैद में हैं। अहंकार सदैव प्रसन्नता से दूर होता है, इसीलिए यह प्रसन्नता का वध करने के प्रयास में लगा रहता है।.बच्चे सदैव प्रसन्नता से भरे होते हैं, क्योंकि उनमें अहंकार नहीं होता। जिस क्षण हम में पृथकता या अलग होने की प्रवृत्ति जन्म लेती है, आनंद समाप्त हो जाता है। इसीलिए कृष्ण को आधी रात को लेकर जाना पड़ा, क्योंकि उस आनंद को कंस समाप्त नहीं कर सकता था। कृष्ण को बचाने के लिए वासुदेव उनको यमुना नदी,जो प्रेम का सूचक है, के पार लेकर गए। पूरे साहस से भरे वासुदेव बाढ़ से उफनती यमुना नदी को पार कर रहे थे और जैसे ही वे डूबने को हुए, तभी कृष्ण ने अपना पैर टोकरी से बाहर निकाल कर यमुना के उफान को रोका। इसका अर्थ है कि जब भी विपत्ति नाक तक आती है तो ईश्वरीय सहायता सदैव वहां पर रहती है। इस से ऊपर कठिनाई आ नहीं सकती, क्योंकि यह इसके बाद ईश्वर की जिम्मेदारी बन जाती है। पण्डित लोकेशानंद ने कहा कि जब आनंद एक बार आप में उत्पन्न होता है तो आप इसे परिवार में बांटते हैं। पूरा विश्व आपका परिवार है। तब आपका आनंद असीम हो जाता है और आप ही कृष्ण बन जाते हैं। अपने अंदर के आनंद को जगाना ही श्रीकृष्ण का संदेश है। यही कृष्ण के जन्मोत्सव का सन्देश है । इस अवसर पर आकर्षक संगीतमय भजनों पर महिलाओं एवं श्रद्धाल्रुओ ं ने गरबा रास प्रस्तुत कर अपनी भक्ति भावनाये उंढेली वही भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर आकर्षक जीवन्त झांकी के साथ ही मटकी फोड का जीवन्त दृष्य श्रद्धालुओं को मोहित कर गया । अन्त में महा मगलआरती के बादमाखन मिश्री की प्रसादी का वितरण किया गया । कार्यक्रम में आयोजक ठा.कुमार मनोहरसिंह, दिलीपसिंह वर्मा, स्रश्री रूकमणी वर्मा सहित नगर के गणमान्यजन उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन दिलीपसिंह वर्मा ने किया ।
सिंगरोली के दल ने शासकीय हाईस्कूल तलावली का अवलोकन किया, विद्यार्थियों की योग एवं तीरंदाजी की प्रस्तुति को काफी सराहा
झाबुआ। झाबुआ जिले में 29 दिसंबर, शनिवार को सिंगरोली के जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) एसके त्रिपाठी एवं उनके साथ सिंगरोली माॅडल स्कूल के प्राचार्य एवं कुछ अन्य षिक्षकों का अकादमिक दल भ्रमण हेतु आया। इस दौरान दल ने जिले की ग्रामीण क्षेत्रों की शालाओं का निरीक्षण किया। ज्ञातव्य है कि यह भ्रमण दल सिंगरोली कलेक्टर अनुराग चैधरी के निर्देष पर झाबुआ जिले में कम संसाधन होने के बावजूद साक्षरता दर बड़ा होने से, इसके अध्ययन हेतु पहुंचा। झाबुआ विकासखंड के शासकीय हाईस्कूल तलावली में अवलोकन के दौरान डीपीसी सिंगरोली श्री त्रिपाठी ने छात्र-छात्राओं से सवाल-जवाब किए, जिसका बच्चों ने सटिक जवाब दिया। इस दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा दल के समक्ष योगासन करके दिखाया। जिस पर श्री त्रिपाठी ने अत्यधिक प्रसन्नता व्यक्त की। इस अवसर पर संस्था के उच्च श्रेणी षिक्षक जितेन्द्रसिंह सोलंकी ने बताया कि हमारी स्कूल द्वारा योग एवं तीरंदाजी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है एवं राष्ट्रीय स्तर पर भी योग एवं तीरंदाजी में यहां के बच्चों ने सफलता अर्जित की है।
भ्रमण दल में झाबुआ से ये थे शामिल
सिंगरोली के भम्रण दल में बीईओ झाबुआ श्रीमती आयषा कुरैषी, बीआरसी मनीष पंवार, जुल्फीकार सैयद, महेन्द्र कछावा भी सम्मिलित थे। निरीक्षण के दौरान तलावली हाईस्कूल के स्टाॅफ में मानसिंह बामनिया, प्रतिभा पारगी, मोनिका नलवाया, बाबू खपेड़, राकेष कुषवाहा, दुला परमार आदि मौजूद रहे। अंत में पधारे दल के प्रति आभार संस्था प्राचार्य आरबी रायपुरिया ने माना।
बैंकर्स हितग्राही एवं स्वरोजगार मूलक योजनाओं के प्रकरणों में 10 जनवरी तक कार्यवाही करें-कलेक्टर
बैंकर्स ने नवागत कलेक्टर का पुष्पगुच्छ भंेट कर किया स्वागत
झाबुआ । नवागत कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा ने कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष मे बैंकर्स एवं विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देश देते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने में तीन माह शेष है। इस दौरान लोकसभा निर्वाचन की कार्यवाही भी शुरू हो जाएगी। ऐसे में बैकर्स एवं अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि शासन की हितग्राही एवं स्वरोजगार मूलक योजनाओं में निर्धारित लक्ष्यों के तहत शत-प्रतिशत प्रकरणों की स्वीकृति कर वितरण की कार्यवाही 10 जनवरी 2019 तक सुनिश्चित करें। उन्होंने जिला अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि योजनाओं के तहत लक्ष्य से अधिक ऐसे प्रकरण भेजे जाए जो उपयोगी हो, जिससे प्रकरण को स्वीकृत एवं वितरण में किसी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बैंको को भेजे जाने वाले प्रकरणों के संबंध में बैंको से समन्वय कर प्रकरणों की स्वीकृति एवं वितरण में आने वाली कठिनाईयों को दूर करने के लिये अपने विभाग के एक अधिकारी को बैंक विजिट के लिये बैंक से समय लेकर भेजे, जिससे हितग्राहियों को अविलम्ब योजनाओं का लाभ मिल सके। बैठक में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना, आचार्य विद्यासागर योजना आदि में निर्धारित लक्ष्यों के तहत स्वीकृत एवं वितरण प्रकरणों की समीक्षा की गई। बैंकर्स अधिकारियो ने नवागत कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा का पुष्पगुच्छ भेेंट कर स्वागत भी किया। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे, एलडीएम श्री नरेंद्र गोठवाल सहित बैंकर्स एवं शासकीय सेवक उपस्थित थे। बैठक मे संभाव्यतायुक्त ऋण योजना 2019-20 पुस्तक का विमोचन भी कलेक्टर द्वारा किया गया।
जिले मे चायना मेड पतंग धागा के क्रय-विक्रय एवं उपयोग पर प्रतिबंध
एडीएम श्री एसपीएस चैहान ने किया आदेश जारी
झाबुआ । जिले मे पतंगबाजी के दौरान चायना मेड धागा नायलोन परस्पर पतंग काटने के लिये इस्तेमाल किया जाता है, जिससे नागरिको एवं पशु-पक्षियो के घायल होने की स्थितियां बनती है। विद्युत वितरण कंपनी के तारो मे यह धागा उलझने से तार टकराने के कारण विद्युत व्यवस्था प्रभावित होती हैं। उक्त स्थिति को ध्यान मे रखने हुए जिले मे चायनामेड नायलोन धागे पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिससे निकट भविष्य मे भी पुनः उपरोक्त घटनाएं घटने से बचाव होगा। व्यक्तियो की जान-माल एवं पशु-पक्षियो के जान को खतरे से बचाया जा सकेगा। इस हेतु अपर कलेक्टर श्री एसपीएस चैहान द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है। जारी आदेशानुसार जन सामान्य के हित/जानमाल व लोकशांति को बनाये रखने के लिये संपूर्ण जिले की राजस्व सीमा अंतर्गत आने वाले क्षेत्रो मे दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अंतर्गत प्रतिबंध आदेश जारी रहेगा। जिसके अनुसार झाबुआ जिले की राजस्व सीमा मे चायना मेड नायलोन डोर का क्रय-विक्रय एवं उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। यह आदेश 30 जून 2019 तक प्रभावशील रहेगा तथा उक्त प्रभावशील अवधि मे उक्त आदेश का उल्लंघन धारा 188 भारतीय दंड विधान अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी होकर उसके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।
सीएमएचओ ने कलेक्टर का पुष्पगुच्छ भेंट कर किया स्वागत
झाबुआ । नवागत कलेक्टर झाबुआ श्री प्रबल सिपाहा का सीएमएचओ डाॅ चैहान, सिविल सर्जन डाॅ प्रभाकर एवं स्वास्थ्य विभाग के डाॅक्टरो ने पुष्पगुच्छ भेेंट कर स्वागत किया।
जिले मे उर्वरक पर्याप्त मात्रा मे उपलब्ध है-कलेक्टर
किसान निर्धारित मूल्य का भुगतान कर उचित मूल्य की दुकान से उर्वरक खरीद सकते है, कृषि विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न
झाबुआ । कलेक्ट्रेट कार्यालय में आज कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा की अध्यक्षता मे कृषि विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक मे उप संचालक कृषि श्री त्रिवेदी ने बताया कि जिले मे उर्वरक पर्याप्त मात्रा मे उपलब्ध है। कलेक्टर श्री सिपाहा ने किसानो से अपील की है कि किसान निर्धारित मूल्य का भुगतान कर उचित मूल्य की दुकान से उर्वरक खरीद सकते है। किसानो को आवश्यकतानुसार उर्वरक उपलब्ध करवाया जायेगा। बैठक मे कलेक्टर श्री सिपाहा ने कृषि विभाग से संबधित अन्य योजनाओ की समीक्षा भी की। उद्यानिकी विभाग, मत्स्य पालन विभाग एवं पशु पालन विभाग के अधिकारियो को भी विभागीय योजनाओ मे किसानो को पात्रतानुसार लाभांवित करने के निर्देश दिये। नवागत कलेक्टर झाबुआ श्री प्रबल सिपाहा का कृषि विभाग के अधिकारियो ने पुष्पगुच्छ भेेंट कर स्वागत भी किया। बैठक में उप संचालक कृषि श्री त्रिवेदी सहित संबंधित विभागो के अधिकारी एवं शासकीय सेवक उपस्थित थे।
तापमान मे गिरावट देखते हुए किसान पाले सेे फसल को बचाने का करे उपाय
झाबुआ । कृषि विभाग ने किसानो को बताया कि किसान पाले से फसल बचाने के उपाय करें। पाले से बचाव के लिये रात में खेत में 6-8 जगह धुंआ करना चाहिये। धुंआ इस प्रकार किया जाना चाहिये, जिससे धुंआ सारे खेत में छा जाये तथा खेत के आसपास का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक आ जाये। इस प्रकार धुंआ करने से पाले से फसल का बचाव किया जा सकता है। पाले की संभावना पर हल्की सिंचाई, जिससे कि खेत गीला हो जाये, कर देना चाहिये। इसी तरह रस्सी का उपयोग भी पाले से काफी सुरक्षा प्रदान करता है। इसके लिये दो व्यक्ति सुबह-सुबह जितनी जल्दी हो सके, एक लम्बी रस्सी को उसके दोनों सिरों से पकडकर खेत के एक सिरे से दूसरे सिरे तक ले जाते हैं। इससे फसल पर रात का जमा पानी गिर जाता है और फसल की पाले से रक्षा हो जाती है।
31 दिसम्बर को रहेेगा स्थानीय अवकाश
झाबुआ । कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा ने बताया कि आगामी 31 दिसम्बर 2018 को बालीनाथ जी बैरवा जयंती पर सम्पूर्ण जिलें में स्थानीय अवकाश रहेगा। यह आदेश कोषालय उपकोषालय एवं बैंको में प्रभावशील नही होगा। जिन शैक्षणिक संस्थाओ की इन दिनांको मे परीक्षाएं नियत है। इन पर भी यह अवकाश प्रभावशील नही होगा। परीक्षाएंेे निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यथावत रहेगी।
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