झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 31 दिसंबर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 31 दिसंबर 2018

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 31 दिसंबर

कांग्रेस जनता से झुठे वादे करके सरकार में आई है  -ओम प्रकाष षर्मा
  • हम सभी को कांग्रेस पार्टी को हर स्तर पर झुठा साबित करने के लिये जुट जाना है-गुमानसिंह डामोर
  • भाजपा अजजा मोर्चे की जिला स्तराीय बैठक का हुआ आयोजन
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झाबुआ । विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जन जाति मोर्चे की जिला स्तरीय कामकाजी बैठक का आयोजन जिला भाजपा कार्यालय परिसर में जिला भाजपाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा की अध्यक्षता एवं क्षेत्रीय विधायक गुमानसिंह डामोर के मुख्य आतिथ्य मे आयोजित की गई । अजजा मोर्चा के जिलाध्यक्ष शैलेन्द्रसिंह सोलंकी के अलावा प्रदेश महामंत्री राजू डामोर, तानसिंह मेडा, कल्याणसिंह डामोर, भूपेश सिंगोड, कालुसिंह निनामा , राजेन्द्र सोनी,अर्पित कटकानी,  संजय भाबर सहित बडी संख्या में सभी 18 मंडलों के पदाधिकारीगण बैठक में उपस्थित थे । पण्डित ष्यामाप्रसाद मुकर्जी एवं दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण कर बैठक का शुभारंभ किया गया । इस अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने अपने उदबोधन में संभागीय बैठक मे लिये गये निर्णयानुसार जिले के भाजपा के सभी मोर्चो की बैठकों के आयोजन की जानकारी देते हुए आगामी 3 माह में दिये गये विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित करने की बात कहीं । उन्होने कहा कि प्रदेश में हम सशक्त विपक्ष के रूप में अपनी सार्थक भूमिका का निर्वाह करेगें तथा कांग्रेस सरकार द्वारा जो जो चुनावी वादे किये गये ह ै उन्हे पूरा कराने के लिये जमीनी स्तर तक लडेगें । श्री शर्मा ने कहा कि कार्यकर्ताओं को मतदान केन्द्र तक जाकर भाजपा की केन्द्र सरकार एवं पिछली भाजपा सरकार के कार्यक्रमों से हुए हितगा्रहियों के लाभ के बारे में जनता को वास्तविकता से बताना है । हर बुथ एवं हर पंचायत पर जाकर कांग्रेस सरकार की कथित कर्ज माफी के नाम पर किसानों के साथ हुए अन्याय के बारे में बताना है।उन्होने कहा कि झाबुआ विधायक गुमानसिंह डामोर सिर्फ झाबुआ ही नही वरन पूरे जिले के लोगों, किसानों की समस्याओं का हल करने के लिये आप सभी के साथ है वे  सकारात्मक भाव से अपने  पद प्रभाव का उपयोग करके लोगों की परेशानियों को दूर करने में पीछे नही रहेगें । भाजपा में सभी कार्यकर्ताओ ं को सम्मान दिये जाने की बात करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि गुटबाजी से परे रह कर भाजपा जिले में काम करेगी । उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता से झुठे वादे करके सरकार में आई है  ।  2 लाख तक का कर्जा केवल डिफाल्टरों का माफ हुआ है रेग्यूलर कर्जा माफ नही किया गया इसकेलिये भाजपा किसानों के साथ लडाई लडेगी । श्री शर्मा ने 29 दिसम्बर से 20 जनवरी तक बिरसा मुण्डा गौरव यात्रा के आयोजन के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी । विधायक गुमानसिंह डामोर ने मुख्य अतिथि के रूप  में सबोधित करते हुए कहा कि उनकी चुनाव में हुई जीत मे अजजा मोर्चा की अहम भूमिका रही  है  । इसका श्रेय भी आप सभी को जाता है ।राजनीति के बारे में बताते हुए गुमानसिंह ने कहा कि अभी तक यह धारणा रही है कि दूसरों को आगे मत बढने दो, लेकिन मेरा आपसे कहना है कि आप भाजपा के लिये  काम करके स्वयं आगेबढे और लोगों एवं जनता का विश्वास जीते ,कोइ्र ताकत आपको आगे बढने से रोक नही सकती है ।भाजपा में हर पदाधिकारी एण्वं कार्यकर्ता को सम्मान दिया जाता रहेगा। आपको अपने कार्यक्षेत्र का पूरा ज्ञान अर्जित करके लोगों की समस्याओं एवं परेशानियों को दूर करने में आगे होना होगा । श्री डामोर ने कहा कि हम सभी को कांग्रेस पार्टी को हर स्तर पर झुठा साबित करने के लिये जुट जाना है ।कांग्रेस ने इन्दौर संभाग मे 2 लाख तक के सभी कर्जो को माफ करने की झुठी बात फैला कर वोट हांसील किये है  और हमारे जनजाति वर्ग के लोग इनकी चिकनी चुपडी झुठी बातों में आकर उन्हे जीत दिलवाइ्र है ।कांग्रेस के इस धुर्तपने को ह मारे भाई बहिन समझ नही पाये थे । भाजपा के हर कार्यकर्ता में लोगों के विश्वास जितने की कला होना चाहिये इसके लिये सतत संपर्कएवं भ्रमण करना पडता है  ।जनजाति वर्ग की हर नपरेशानी कठिनाई के समय भाजपा का कार्यकर्ताभागीदार बन कर उनकी मदद करें ।आगामी समय में हमे हर गा्रम पंचायत, जनपद, मंडी, सोसायटी, सभी दूर भाजपा की जीत दर्ज कराने के साथ ही लोकसभा के चुनाव में भी केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में फिर से भाजपा की सरकार बनाने के लिये सतत मेहनत करना होगी । श्री डामोर ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ताकी कार्यप्रणाली अलग ही तरह की दिखना चाहिये  खुद नेता बने और पट्ठागिरी की जो आदत बनी है उसे दूर करें ।मेरा सपना है कि आगामी 5 सालों में हर आदिवासी के हाथ मे काम हो  इसके लिये वे भरसक प्रयास करेगें ।हर व्यक्ति की जुबान पर सिर्फ भाजपा का नाम रहेगा । लोकसभा के चुनाव मे नरेन्द्र मोदी को जीताने के लिये भाजपा के लिये कडी मेहनत करने का भी आव्हान किया । बैठक का संचालन करते हुए मोर्चे के जिलाध्यक्ष शैलेन्द्रसिंह सोलंकी ने भीकहा कि कांग्रेस सरकार वैशाखियों पर खडी हुई सरकार है। कर्नाटक का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि 8 माह मे वहा ंसिर्फ 800 किसानों के ही ऋण माफ हुए है। कांग्रेस की सरकार कब चली जाये तय नही है और प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनना तय दिखाई देने लगा है। किसानों को यहां खाद बीज के लिये लाठिया खाना पड रही है कमलनाथ भोपाल से बाहर ही नही निकल रहे है जबकि शिवराजसिंह चैहान गा्रव गांव मे बाईक आदि से भ्रमणकरके लोगों से संपर्क कर उनकी समस्याओं को पुछ रहे है। अजजा मोर्चे की बैठक को  कल्याणसिंह डामोर, आदित्य अमलियार, प्रकाश डामोर, दिलीप मावी, कालुसिंह निनामा, जिला महामंत्री राजू डामोरन ने भी संबोधित करते हुए लोकसभा चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं को निर्भिक होकर भाजपा के पक्ष मे काम करने का आव्हान किया । कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन मुन्नालाल निनामा ने व्यक्त किया ।

बाल उपन्यास ‘‘सबक’’ का बच्चों द्वारा किया गया विमोचन, उपन्यास में षिक्षा के महत्व को किया प्रतिपादित

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झाबुआ। स्थानीय सिद्धेष्वर काॅलोनी स्थित द्वारिकाधीष भवन में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के बेनर तले कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शुभारंभ मां सरस्वतीजी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर हुआ। कार्यक्रम के संयोजक भेरूसिंह चैहान ‘तरंग’ रहे। इस अवसर पर प्रख्यात साहित्यकार बाल साहित्य विषेषज्ञ डाॅ. रामषंकर ‘चंचल’ के ताजा बाल उपन्यास ‘‘सबक’’ का विमोचन बच्चों द्वारा किया गया। उपन्यास का परिचय देते हुए साहित्यकार श्री चैहान ने बताया कि लेखक ‘चंचल’ ने उपान्यास में सोमला पात्र के माध्यम से षिक्षा का महत्व दर्षाया है। वहीं शराब के घातक परिणाम को उजागर किया है। उपान्यास ग्रामीण परिवेष पर आधारित है, जो काफी रोचक, पठनीय एवं प्रेरक है। बाल साहित्य के अमूल्य कृति के रूप में इसे याद किया जाएगा। इस अवसर पर श्री चंचल एवं श्री तरंग ने बाल कविताएं सुनाकर बच्चों को काफी गुदगुदाया।

स्वदेश के जिला प्रतिनिधि लक्ष्मीनारायण पाठक को स्वदेश परिवार की ओर से श्रदांजलि अर्पित की।

झाबुआ । दैनिक स्वदेश के लंबे अंतराल तक जिला प्रतिनिधि के रुप मे कार्य करते रहे वरिष्ठ भाजपा नेता लक्ष्मीनारायण पाठकजी के निधन पर पत्रकार जगत से लगाकर राजनैतिक क्षैत्र मे भी उनके निधन को अपूर्णनीय क्षति के रुप मे देखा जा रहा है। पाठक एक दंबग सहकारिता नेता के रुप मे जिले मे उभर के आये थे आपने सहकारिता के क्षैत्र मे कई संस्थाओ को निर्माण कर सहकारिता जगत से लोगो को जोडने का काम किया ये उदगार श्री पाठक के निधन पर स्वदेश ब्युरो चीफ कार्यालय झाबुआ पर आयोजित शोक सभा एवं श्रदांजली अर्पित करते हुए कही। इस अवसर पर स्वदेश ब्युरो चीफ कार्यालय पर दो मिनट का मौन रखकर उन्हे श्रंदाजलि भी दी गई । ब्युरो चीफ दौलत भावसार अंतर्राष्ट्रीय गुर्जर गौड ब्राहमण सभा ईकाई झाबुआ के जिलाध्यक्ष आशिष शर्मा अंबरीश भावसार अवि भावसार अंकुर पाठक विशाल शर्मा श्री डाबी सहित बडी संख्या मे प्रेस जगत से जुडे साथी उपस्थित थे।

भागवत कथा के पांचवे दिन श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रसंग सुनाया
  • भागवत कथा को सुनना कठिन काम है वही श्रोता श्रेष्ठ होता है जो भागवतामृत को अपने जीवन मे अंगीकार करले- पण्डित लोकेषानंद जी
  • छप्पन भोग का नैवेद्य किया अर्पण
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झाबुआ । बिना भाव के भगवान कीमती चीजों को भी ग्रहण नहीं करते। यदि भाव से एक फूल ही चढ़ा दें तो प्रभु प्रसन्न हो जाते हैं। जिस व्यक्ति में ईश्वर प्रेम का भाव पैदा हो जाए तो उसे ईश्वर की लगन लगी रहती है। यह बात रविवार को भागवत कथा के दौरान पण्डित लोकेशानन्द जी व्यास पीठ से कहीं । भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का जिक्र करते हुए उनके नामाकरण, माखन चोरी, मटकी फोडनेतथा गोवर्धन पूजा का जिक्र करते हुए पण्डित लोकेशानंद ने कहा कि भागवत कथा को सुनना कठिन काम है वही श्रोता श्रेष्ठ होता है जो भागवतामृत को अपने जीवन मे अंगीकार करले । श्रोता की चार अवस्था ह ोती है एक श्रोता सोता रहता है, एक सरोता होता है जो बीच बीच मे बात करता रहता है। एक श्रोता सर्वदा होता है उसका मन कही और भटकता है और एक सच्चा श्रोएक श्रोता सर्वदा होता है उसका मन कही और भटकता है और एक सच्चा श्रोता होता है जो मनन करता है । कंस का अर्थ अहंकार होता है  इसलिये भगवान श्रीकृष्ण ने अहंकार रूपी मथुरा को त्याग कर गाकूल याने जहां गायो का समुह है वह स्थान चुना था । गाकूल वह समुह है जहां इन्द्रिया शुद्ध होती है नंद का अर्थ जो सभी आनन्द प्रदान करें वही नंद होता है इसी तरह जो दूसरों को यश प्रदान करती है वही यशोदा कहलाती है। भगवान श्रीकृष्ण ने इसीलिये नन्द यशोदा का चुना था । पण्डित जी ने आगे कहा कि भगवान श्री राम 9 वी तिथि को जन्मे थे और कृष्ठ का जन्म चाहे 8 वी तिथि को हुआ हो किन्तु उनके जन्म की खबर 9 वी तिथि को मिली थी इसलिय े राम और कृष्ण जिन्हे पूर्णावतार कहा जाता है दोनों के प्राकट्य की तिथि का अंक 9 ही है। पण्डित जी आगे कहा कि जिस भक्त की भक्ति की परम पराकाष्ठा हो जाती है वहां स्वय परमात्मा आजाते है ।और हमारी भक्ति फलिभूत हो जाती है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की पहली खबर ननद सुनंदा को मिली थी ।जिन्होने कृष्ण को यशोदा को कृष्ण के पास सोया देखा था । आम तौर पर जन्माष्टमी और कथा प्रसंग मे कृष्ण जन्मोत्सव पर हम इतना अधिक आनन्दित हो जाते है  तो जब स्वयं भगवान जहां जन्मे होगें तब कितना आनंद रहा होगा यह अवर्णनीय है ।उन्होने कहा कि आम तौर पर पाश्चात्य संस्कृति के अनुसार केक काट कर जन्म दिन मनाते है, वास्तव में जन्म दिन मनाना हो तो गरीबो के बीच जाये  जितना आनन्द ह मे  इनके बीच जन्म दिन मनाने में मिलता है वह पांच सितारा होटलों में भी नही मिल सकता है।कथा के उत्सव को  लाभ तभी होगा जब कथा सुनते सुनते हमारे हृदय में भगवान बिराजित हो जायें । तथी ठाकुरजी का प्रादूर्भाव होगा । श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन श्रीकृष्ण जन्म लीला, गोवर्धन पूजा व माखन चोरी लीला की कथा और लीला दिखाई गई। लोकेशानंदजी ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा विस्तार से सुनाते हुए कहा कि जब श्रीकृष्ण के पैदा होने की खबर राजा कंस को मिली तो वह कारागार में पहुंचा। वहां कन्या को देखकर पत्थर पर पटक कर मारना चाहा तो कन्या हाथ से छूट कर यह कहते हुए आकाश में चली गई कि तेरा मारने वाला ब्रज में पैदा हो चुका है। इसके बाद वह राक्षसों को ब्रज भेजता है, किंतु वे कृष्ण का कुछ नहीं कर पाते हैं। इसके बाद कंस पूतना को भेजते हैं। इसके बाद श्रीकृष्ण की माखन लीला, गोवर्धन लीला, बाल लीलाओं के दृश्यों का संजीव चित्रण किया गया। इस अवसर पर भागवत जी कोा छप्पन भोग लगाया गया। गोवर्धन पूजा के सम्बन्ध में पण्डित जी व्यास पीठ से बताया कि देवराज इन्द्र को अभिमान हो गया था। इन्द्र का अभिमान चूर करने हेतु भगवान श्री कृष्ण जो स्वयं लीलाधारी श्री हरि विष्णु के अवतार हैं ने एक लीला रची। प्रभु की इस लीला में यूं हुआ कि एक दिन उन्होंने देखा के सभी बृजवासी उत्तम पकवान बना रहे हैं और किसी पूजा की तैयारी में जुटे। श्री कृष्ण ने बड़े भोलेपन से मईया यशोदा से प्रश्न किया  मईया ये आप लोग किनकी पूजा की तैयारी कर रहे हैं । कृष्ण की बातें सुनकर मैया बोली लल्ला हम देवराज इन्द्र की पूजा के लिए अन्नकूट की तैयारी कर रहे हैं। मैया के ऐसा कहने पर श्री कृष्ण बोले मैया हम इन्द्र की पूजा क्यों करते हैं ? मैया ने कहा वह वर्षा करते हैं जिससे अन्न की पैदावार होती है उनसे हमारी गायों को चारा मिलता है। भगवान श्री कृष्ण बोले हमें तो गोर्वधन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि हमारी गाये वहीं चरती हैं, इस दृष्टि से गोर्वधन पर्वत ही पूजनीय है और इन्द्र तो कभी दर्शन भी नहीं देते व पूजा न करने पर क्रोधित भी होते हैं अतः ऐसे अहंकारी की पूजा नहीं करनी चाहिए।लीलाधारी की लीला और माया से सभी ने इन्द्र के बदले गोवर्घन पर्वत की पूजा की। देवराज इन्द्र ने इसे अपना अपमान समझा और मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी। प्रलय के समान वर्षा देखकर सभी बृजवासी भगवान कृष्ण को कोसने लगे कि, सब इनका कहा मानने से हुआ है। तब मुरलीधर ने मुरली कमर में डाली और अपनी कनिष्ठा उंगली पर पूरा गोवर्घन पर्वत उठा लिया और सभी बृजवासियों को उसमें अपने गाय और बछडे समेत शरण लेने के लिए बुलाया। इन्द्र कृष्ण की यह लीला देखकर और क्रोधित हुए फलतः वर्षा और तेज हो गयी। इन्द्र का मान मर्दन के लिए तब श्री कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से कहा कि आप पर्वत के ऊपर रहकर वर्षा की गति को नियत्रित करें और शेषनाग से कहा आप मेड़ बनाकर पानी को पर्वत की ओर आने से रोकें। इन्द्र लगातार सात दिन तक मूसलाधार वर्षा करते रहे तब उन्हे एहसास हुआ कि उनका मुकाबला करने वाला कोई आम मनुष्य नहीं हो सकता अतरू वे ब्रह्मा जी के पास पहुंचे और सब वृतान्त कह सुनाया। ब्रह्मा जी ने इन्द्र से कहा कि आप जिस कृष्ण की बात कर रहे हैं वह भगवान विष्णु के साक्षात अंश हैं और पूर्ण पुरूषोत्तम नारायण हैं। ब्रह्मा जी के मुंख से यह सुनकर इन्द्र अत्यंत लज्जित हुए और श्री कृष्ण से कहा कि प्रभु मैं आपको पहचान न सका इसलिए अहंकारवश भूल कर बैठा। आप दयालु हैं और कृपालु भी इसलिए मेरी भूल क्षमा करें। इसके पश्चात देवराज इन्द्र ने मुरलीधर की पूजा कर उन्हें भोग लगाया। कथा के दोरान भागवत जी को छप्पन भोग की प्रसादी अर्पित की । आरती के बाद छप्पनभोग की प्रसादी का वितरण श्रद्धालुओं में किया गया ।

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