संवाद : बिहार-यूपी के युवाओं उनको उनके हाल पर छोड़ दो। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 23 दिसंबर 2018

संवाद : बिहार-यूपी के युवाओं उनको उनके हाल पर छोड़ दो।

#कमलनाथ_प्रसंग (1)

प्रिये बिहार-यूपी के भाइयों,

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तुम लोग इस वक्त गुस्से में हो! गुस्सा का कारण भी मुझे मालूम है। आजकल एक राज्य के मुख्यमंत्री ने तुमको झकझोर दिया है। तुम्हारे प्रतिभा को झकझोर दिया है। लेकिन अपने गुस्से को शांत कर ठंडे दिमाग से बैठ जाओ। एक दार्शनिक ने कहा है, "क्रोध मूर्खता से प्रारंभ होकर पश्चाताप पर खत्म होती है।"  इसलिए शांत हो जाओ। पूर्ण रुप से। 

अक्सर ऐसा होता है कि कोई शख्स जब किसी राज्य का मुख्यमंत्री बनता है, तो वो अपने राज्य के जनता के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ना चाहता है। लेकिन उसे ये नहीं पता होता है कि देश और राज्य भावनाओं से नहीं चलता है। भावनात्मकता का ही उदाहरण हाल ही में कमलनाथ के द्वारा दिया गया एक बयान है। जिसमें उन्होंने कहा है, बिहार यूपी के लोगों को रोजगार नहीं मिलेगा। सिर्फ एमपी वालों को रोजगार देंगे (इस बयान को आप अपने भी तरह पढ़ सकते हैं)

दोस्तों, दस साल पहले भी मध्यप्रदेश के एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसी तरह का एक बयान सतना सर्किट हाउस में दिया था। जिस पर आजके सत्ताधारी दल आज के विपक्ष की तरह विरोध किया था। विरोध और प्रतिरोध का काम राजनीति दलों का है। जो वो कर रहे हैं। इससे न एमपी के जनता को मतलब है और न ही बिहार-यूपी के।

कमलनाथ के तरह ही शिवराज के बयान से क्या बदला? बिहार यूपी छोड़ दीजिए। क्या एमपी के जनता को ही रोजगार मिला? नहीं क्योंकि एनसीआरबी का आंकड़ा कहता है कि मध्यप्रदेश में बेरोजगारी के कारण रोज 2 युवा आत्महत्या करता है। एक और सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 15 सालों में मध्यप्रदेश में बेरोजगारी 10 लाख से बढ़कर 24 लाख हो चुका है। आखिर जो सरकार अपने ही युवाओं को नौकरी देने में असफल रही वो आपको नौकरी क्या देगा? मध्यप्रदेश पर आज भी 2 लाख करोड़ का कर्ज है जिसको चुकाने में ही दस साल से अधिक का समय लग सकता है। जिस सरकार के पास अपना कर्ज चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं वो आपको रोजगार कहां से देगा?

कमलनाथ को उनके अपने ही हालत में छोड़ दीजिए। उन्हें बोलिए कि पांच साल में आप अपने ही युवाओं को रोजगार देकर देख लीजिए। कम से कम एक राज्य से तो बेरोजगारी हटेगा। हम बिहार यूपी के हैं अपना रोजगार कहीं भी ले लेंगे। पांच साल बाद कमलनाथ को उसके अपने ही बयान पर पूछा जाएगा। जब अपने ही युवाओं को रोजगार नहीं दे पाएंगे तो वे खुद ही पूछेंगे, बता कमलनाथ तेरी रज़ा क्या थी?
आप सबको शुभकामनाएं सहित।


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आपका (बिहार का एक युवा)
अविनीश कुमार
भारतीय जनसंचार संस्थान (नई दिल्ली)

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