बिहार : दो दिवसीय भूमि अधिकार जनजुटान खत्म - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 27 दिसंबर 2018

बिहार : दो दिवसीय भूमि अधिकार जनजुटान खत्म

  • 28 दिसम्बर से संवाद यात्रा चेतना अभियान
  • 18 फरवरी 2019 को पटना में भूमि अधिकार जनजुटान का शंखनाद

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पतरघट, 27 दिसम्बर। एकता परिषद, बिहार के पतरघट ,कोशी जोन, सहरसा के बैनर तले कहरा टोला,वार्ड नम्बर-5 में स्थित बाबा दीनाराम भदरी मेला के प्रांगण में 10 बजे से भूमि के अधिकार जन जागरण अभियान चलाया गया।पतरघट प्रखंड के अध्यक्ष ओम प्रकाश सादा और सचिव चलितर दास ने कहा कि आज भी लाखों वंचित समुदाय के लोग जल,जंगल और जमीन के अधिकार से वंचित हैं। इन वंचित समुदाय के अधिकारों को लेकर 26 और 27 दिसम्बर को  दो दिवसीय जन जागरण अभियान चलाया गया।

वंचित लोगों को भूमि देने  की मांगः पतरघट प्रखंड के अध्यक्ष ओम प्रकाश सादा और सचिव चलितर दास ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया गया है कि आवासीय भूमिहीनों को 10 डिसमिल जमीन देने का कानून बनाया जाए। सोनवर्षा प्रखंड के कार्यकर्ता हीरालाल सादा और छुतहरू सादा ने कहा कि बिहार भूदान यज्ञ कमिटी के द्वारा वंचित समुदाय को जमीन मिली है। उनका जमीन पर कब्जा नहीं है। दाखिल खारिज भी नहीं हो रहा है। ऐसे लोगों की जमीन की सम्पुष्टि करने के बाद भी उक्त जमीन को सरकारी जमीन घोषित कर जमीन के पर्चाधारी को बताया जा रहा है कि अवैध पर्चा है। 

मुख्यमंत्री के सात निश्चिय को वंचित समुदाय के गांवों में ईमानदारी से लागू किया जाएः जन जागरण अभियान में शामिल सुधीर कुमार ने कहा है कि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चिय को ईमानदारी से लागू नहीं किया जा रहा है। इस सात निश्चिय से वंचित समुदाय व उनके गांवों को अधूता छोड़ दिया रहा है। ऐसे लोगों को ‘हर घर नल का जल‘ कार्यक्रम दिवा स्वप्न लग रहा है । कार्यक्रम के रहते हुए भी लोगों को स्वच्छ पानी पीने को नहीं मिल रहा है। वहीं वंचित समुदाय के पास जमीन का अभाव है इसके चलते प्रधानमंत्री आवास योजना से मकान नहीं बन पा रहा है। और तो और जमीन नहीं रहने के कारण शौचालय नहीं बनने से लोगों को खुले मैदान में जाकर शौच क्रिया करना पड़ रहा है। दीवार लेखन में इस नारे को ‘श्रीमान खतरे के खिलाड़ी जाओं शौचालय छोड़ो झाड़ी‘ हम गरीब लोग अमल नहीें कर पा रहे हैं। वहीं गरीबों की संख्या के आधार पर उनके गाँव में ही सरकारी स्कूल खोलने की व्यवस्था हो। दिनेश सादा ने कहा कि सरकारी दफ्तरों के सरकारी बाबू हम गरीबों के साथ अषिष्ट व्यवहार करते हैं। यह सुनिश्चित हो कि जब कार्यालय में जाते हैं गरीब लोग। उनका कार्य  सहुलियत से हो तथा ऐसे लोगों इज्जत भी दिया जाए।उनके आवेदनों का पावती मिले तथा कार्य निस्पादन की तारीख दी जाए।

सहरसा जिले से अधिक संख्या में सत्याग्रह पदयात्रा में शामिल हुएः वीणा देवी, गीता देवी, विमला देवी, फुलेश्वरी देवी, शैलेन्द्र पासवान, चंचल दास, अशोक पासवान, नित्यानंद सादा, चैाधरी सादा, योगेश्वर शर्मा, बिरजू शर्मा एवं समस्त एकता आवास भूमिहीनों ने कहा कि हमलोग जन आंदोलन 2018 में शामिल होकर ग्वालियर से मुरैना तक सत्याग्रह पदयात्रा किए। वहां 6 सूत्री मांग को लेकर सत्याग्रह किए। राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार कानून की घोषणा एवं क्रियान्वयन, राष्ट्रीय कृषक हकदारी कानून की घोषणा एवं क्रियान्वयन, राष्ट्रीय भूमि नीति की घोषणा व क्रियान्वयन, भारत सरकार के द्वारा पूर्व में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और भारत सरकार के द्वारा पूर्व में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार कार्यबल समिति को सक्रिय करना, वनाधिकार कानून-2006 और पंचायत विस्तार उपबन्ध अधिनियम-1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना और भूमि सुधार संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित न्यायालयों का संचालन हो। सूबे के मुख्यमंत्री नीतीष कुमार से आग्रह है कि यथाषीघ्र आवासीय भूमि अधिकार कानून की घोषणा कर क्रियान्वयन करें। वनाधिकार कानून-2006 और पंचायत विस्तार उपबन्ध अधिनियम-1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए व प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना और भूमि सुधार संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित न्यायालय गठित हो, कृषक हकदारी कानून की घोषणा एवं क्रियान्वयन, राष्ट्रीय भूमि नीति की घोषणा व क्रियान्वयन। एकता परिषद कोशी जोन,सहरसा ने भी आगे जमीन पीछे वोट नहीं देंगे जमीन तो नहीं देंगे वोट का नारा उछाल दिया है। एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी ने ऐतिहासिक गांधी मैदान, पटना में 18 फरवरी 2019 को भूमि अधिकार जनजुटान का शंखनाद किया। वहीं सीएम से भूमि समस्या का समाधान करने पर जोर दिया। 

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