दरभंगा : ल॰ना॰मि॰विश्वविद्यालय डिजिटलाईजेसन प्रक्रिया में सूबे में सबसे आगे । - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 26 दिसंबर 2018

दरभंगा : ल॰ना॰मि॰विश्वविद्यालय डिजिटलाईजेसन प्रक्रिया में सूबे में सबसे आगे ।

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दरभंगा (आर्यावर्त संवाददाता) 26 दिसंबर, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय सूबे का पहला विश्वविद्यालय होगा जो विश्वविद्यालय प्रबंधन सूचना प्रणाली (यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम ) जैसी महत्वाकांक्षी योजना को मूर्त रूप देने जा रही है ।राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के तत्वावधान में गत 4 अगस्त 2018 को सभी विश्वविद्यालयों को डिजिटाईज करने के उद्देश्य से यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम पर एक कार्यशाला आयोजित किया था।सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों  या उनके प्रतिनिधि ,नैक से “ए” ग्रेड प्राप्त महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य  उसमें सम्मिलित हुए थे ।विकास पदाधिकारी डॉक्टर के॰के॰साहू , सी॰एम॰विज्ञान महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉक्टर प्रेम कुमार प्रसाद एवं आई॰क्यू॰ए॰सी॰ कोर्डिनेटर प्रोफ़ेसर रतन कुमार चौधरी को माननीय कुलपति ने उक्त बैठक में  इस विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने हेतु अधिकृत किया था ।विश्वविद्यालयों की अलग अलग आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कुलपतियों की माँग पर महामहिम कुलाधिपति ने सभी विश्वविद्यालयों को इस कार्य हेतु अपने स्तर से वीडर तय करने का निर्देश दिया ।ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर सुरेन्द्र कुमार सिंह ने इस कार्य को प्राथमिकता से लिया तथा गत नवम्बर माह में चार समाचारपत्रों, हिंदुस्तान , हिन्दुस्तान टाईम्स, डेक्कन हेराल्ड तथा राष्ट्रीय सहारा में निविदा आमंत्रित करने हेतु विज्ञापन निकालने का निर्देश दिया ।कई बीडरों ने इस हेतु निविदा भी दिया है । गत 18 दिसंबर को प्री-बीड भी हुआ जिसमें कई कम्पनी ने अपना पक्ष भी रखा। अब विश्वविद्यालय किसी वीडर को इस कार्य को सौंपने से पहले सभी विभागों से जनवरी के प्रथम सप्ताह में पूर्व विडींग इंट्रैक्शन कराने का निर्णय लिया है ।22 दिसम्बर 2018 को हुई पदाधिकारियों की बैठक में कुलपति प्रो॰सिंह ने पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि दो जनवरी के बाद सभी सेवा साधक विभाग अपनी अपनी ज़रूरतों तथा नियम परिनियमानुसार कार्य योजना बनाकर वीडर  से इंटरेक्ट करेंगे।यू॰एम॰आई॰एस॰विश्वविद्यालय में छात्रों कानामांकन ,पंजीकरण ,परीक्षा ,वेतन,पेंशन,नियुक्ति ,प्रोन्नति ,फलप्रद क्लास रूम टीचिंग ,शैक्षिक गतिविधियॉं,प्रशासनिक एवं शैक्षणिक सुधार आदि पर केंद्रित होगा। राज भवन नें सभी विश्वविद्यालयों को 15 जनवरी 2019 तक इस कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया है ताकि अगले शैक्षिक सत्र से यह लागू हो जाए । विश्वविद्यालय स्तर पर इस कार्य के मॉनिटरिंग का दायित्व कुलपति प्रो॰ सिंह ने प्रतिकुलपति प्रो॰जय गोपाल की देख रेख में कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय तथा विकास पदाधिकारी डॉक्टर के के साहू को दिया है। डॉक्टर साहू ने बताया कि राज भवन द्वारा समय सीमा के अंदर इसे पूरा करने हेतु विश्वविद्यालय कृत संकल्पित है तथा बिहार में सबसे पहले इस विश्वविद्यालय में यह सिस्टम पूर्ण रूप से कार्य करने लगेगा।

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