वेदांता स्टरलाइट काॅपर पलांट पर यथा स्थिति बनाये रखने का निर्देश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 21 दिसंबर 2018

वेदांता स्टरलाइट काॅपर पलांट पर यथा स्थिति बनाये रखने का निर्देश

madras-hc-directs-tn-govt-to-maintain-status-quo-on-sterlite-plant
मदुरै 21 दिसंबर, मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने तमिलनाडुु सरकार को शुक्रवार को निर्देश दिया कि वह जब तक राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील नहीं करती है तब तक को वेदांता स्टरलाइट कॉपर प्लांट पर यथा स्थिति बनाये रखे। न्यायमूर्ति के के साईधरन और न्यायमूर्ति पी डी अउदिकेश्वलु की खंडपीठ ने पर्यवारणविद फातिमा बाबू की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। खंडपीठ ने कहा कि जिस तिथि को एनजीटी ने संयंत्र के संचालन को बहाल करने की अनुमति दी थी, उसके 90 दिनों के अंदर उच्चतम न्यायालय में उसके फैसले को चुनौती दी जा सकती है। एनजीटी ने हाल ही में प्लांट को बंद करने के सरकार के फैसले को पलटते हुए उसका संचालन जारी रखने की अनुमति दी है। खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार 14 मार्च 2019 तक उच्चतम न्यायालय में एनजीटी के फैसले को चुनौती दे सकती है। खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार और तमिनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड न्यायालय को सूचित करें कि शीर्ष न्यायालय में अपील करने के बारे फैसला लिया गया है अथवा नहीं? संयंत्र पर फिलहाल यथा स्थिति बनी रहेगी। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 21 जनवरी मुकर्र की है। याचिकाकर्ता ने न्यायालय से अपील की है कि तूतीकारिन जिले में स्थित इस संयंत्र को बंद करने के राज्य सरकार के आदेश को एजीटी ने रद्द करते हुए इसे जारी रखने का जो ओदश दिया है उसे खारिज किया जाये। उल्लेखनीय है कि विभिन्न खामियों और मंजूरी नहीं होने के बावजूद एनजीटी ने संयंत्र को संचालन जारी रखने की अनुमति दी है। इस संयंत्र पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों ने 19 दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया था। यह विरोध प्रदर्शन 22 मई को हिंसक हो गया था। जिसे रोकने के लिए पुलिस ने गोलीबारी की थी। पुलिस की गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गयी थी।

कोई टिप्पणी नहीं: