नयी दिल्ली 13 दिसम्बर, भारत और रूस ने आज इस बात पर सहमति व्यक्त की कि रूस से खरीदे गये विमानों, हेलिकॉप्टरों और पनडुब्बी तथा अन्य प्लेटफार्म के कलपुर्जे मेक इन इंडिया के तहत संयुक्त रूप से भारत में ही बनाये जायेंगे। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु की सह अध्यक्षता में सैन्य तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग की आज यहां हुई 18 वीं बैठक में यह सहमति बनी। दोनों पक्षों ने कामोव 226 हेलिकॉप्टरों और युद्धपोतों और सेना की हथियार प्रणालियों से संबंधी संयुक्त विनिर्माण परियोजनाओं पर गहन विचार विमर्श किया। दोनों इस बात पर राजी हुए कि भारतीय सेनाओं द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे विभिन्न रूसी मूल के प्लेटफार्म के कलपुर्जे मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया योजना के तहत भारत में ही बनाये जायेंगे। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सामरिक भागीदारी के तहत रक्षा उपकरणों, उद्योग और तकनीकी सहयोग से संबंधित मुद्दों पर व्यापक चर्चा की । दोनों रक्षा मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में प्रगति और गतिशीलता पर संतोष व्यक्त किया। सैन्य तकनीकी सहयोग पर सरकारी आयोग के कामकाज को तर्कसंगत बनाने तथा अंतर सरकारी सहयोग व्यवस्था में बदलाव के समझौते पर भी हस्ताक्षर किये गये। इसके तहत एकीकृत रक्षा स्टाफ चेयरमेन तथा रूस के जनरल स्टाफ संचालन निदेशालय के उप प्रमुख की सह अध्यक्षता में एक अतिरिक्त कार्य दल का गठन किया जायेगा। अंतर सरकारी आयोग की अगली बैठक रूस में अगले वर्ष होगी।
गुरुवार, 13 दिसंबर 2018

‘मेक इन इंडिया’ के तहत बनेंगे रूसी विमानों, हेलिकॉप्टरों तथा पनडुब्बियों के कलपुर्जे
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