विधि के विधान समझकर दो लड़कों को खोने के बाद सामान्य होने लगी हैं मुन्नी देवी
डूमर,31 दिसम्बर। कटिहार जिले के डूमर पंचायत में है डूमर आदिवासी टोला.यहां स्वर्गीय बंसत उरांव की विधवा मुन्नी देवी रहती हैं.मां-पिता के 6 बच्चे हुए.3 लड़के और 3 लड़किया.1 लड़की और 2 लड़कों की मौत हो गयी है. सिम्पल बाड़ा 25 साल का है.वह अविवाहित था. इनका निधन 8 दिसम्बर को हो गया.धर्मपाल बाड़ा 22 साल का है.वह अंजु तिर्की से विवाह किया है. घर में 2 लड़की सपना बाड़ा और सिफोड़ा बाड़ा हैं.एक लड़का रिडॉल कुमार है. 46 साल की मुन्नी देवी कहती हैं कि एम.ए. उर्त्तीण हैं सपना बाड़ा और सिफोड़ा बाड़ा मैट्रिक उर्त्तीण हैं.संत जोसेफ स्कूल मेें रिडॉल कुमार नौवी कक्षा की पढ़ाई बीच में छोड़ दी.
आठवीं कक्षा तक पढ़ी है मुन्नी देवी: जब मुन्नी 14 साल साल की थीं. पोठिया गर्ल्स स्कूल में पढ़ती थीं.उसी समय सिलाई-कटाई सीखना शुरू कर दी.इसके बाद सिलाई-कटाई में परिपक्व हो गयी. इसका असर यह पड़ा कि जगह-जगह से लोग आकर मुन्नी टेलर के पास सिलाई करवाने लगे. चकला, मोहजान, छोहार, बखरी, डूमर, बकिया आदि से आते हैं.आज 500-600 रू.कमा लेती हैं मुन्नी देवी.
तब मुन्नी टेलर थीं अब मुन्नी ट्रेनर हो गयी: सिलाई-कटाई में मास्टर हो जाने के बाद मुन्नी टेलर ने नवयुवतियों को सिलाई-कटाई में प्रशिक्षण देने लगी.अबतक सैकड़ों नवयुतियों को प्रशिक्षित कर चुकी है.6 माह का प्रशिक्षण अवधि है.बतौर फीस तीन हजार लेती हैं. ट्रेनर मुन्नी कहती हैं कि प्रशिक्षुओं का डॉप आउट अधिक है.मां-बाप विवाह पर जोर दे देते है.इसी कारण डॉप आउट अधिक है.
इंडो ग्लोबल सोशल सर्विस सोसायटी: आई.जी.एस.एस.एस. के सॉल थ्री के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के समेली प्रखंड के प्रखंड समन्वयक राजकुमार भारती ने कहा कि धर्मपाल बाड़ा की पत्नी अंजु तिर्की को परिवार लाभ योजना से लाभ दिलवाने का प्रयास होगा.इसके अलावे मोडिफाइड एरिया डेवलपमेंट एप्रोच (माडा)से लाभ दिलवाया जाएगा।
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