नयी दिल्ली 29 दिसंबर, भारत ने जैव विविधता लक्ष्यों पर देश की प्रगति से संबंधित छठी रिपोर्ट आज संयुक्त राष्ट्र को सौंप दी। यह रिपोर्ट जैविक विविधता समझौते (सीबीडी) के तहत हर चार साल पर देनी होती है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने यहाँ एक कार्यक्रम में यह रिपोर्ट ऑनलाइन जमा की। इसके साथ ही राज्य जैव विविधता बोर्डों की 13वीं राष्ट्रीय बैठक का भी आयोजन किया गया जिसमें 23 राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। देश में जैव विविधता के संरक्षण और प्रयास की जरूरत को रेखांकित करते हुये डॉ. हर्षवर्द्धन ने आश्वासन दिया कि सरकार हर ग्राम पंचायत में जैव विविधता प्रबंधन समितियों (बीएमसी) के गठन में पूर सहयोग देगी। इससे पहले राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण की अध्यक्ष डॉ. बी. मीनाकुमारी ने कहा था कि देश में 74,575 बीएमसी हैं जबकि करीब तीन लाख बीएमसी की जरूरत है। हर ग्राम पंचायत स्तर पर एक बीएमसी की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं की रक्षा की भारत में परंपरा रही है। हमें वन्य जीवन के प्रति सम्मान सिखाया जाता था। आज समस्या इसलिए आ रही है कि हम पुरानी शिक्षाओं को भूल गये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है, लेकिन उसके प्रयास को सामाजिक आंदोलनों का समर्थन आवश्यक है।
शनिवार, 29 दिसंबर 2018
जैव विविधता के संरक्षण के लिए और प्रयास की जरूरत : हर्षवर्द्धन
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