नयी दिल्ली 19 दिसंबर, संसद में राफेल के मुद्दे पर हंगामा आज भी जारी रहा जिससे दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी, लोकसभा में विपक्ष के भारी शोरशराबे एवं नारेबाजी के बीच सरकार सरोगेसी विनियमन विधेयक 2016 पारित कराने में कामयाब रही। राज्यसभा में लगातार छठवें दिन बुधवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी के अलग अलग मुद्दों पर भारी हंगामा किये जाने के कारण सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका और कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी। लोकसभा में दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे सदन की बैठक शुरू होने पर विपक्षी अन्नाद्रमुक, कांग्रेस और तेदेपा के सदस्य अपनी-अपनी माँगों को लेकर अध्यक्ष के आसन के समीप आ गये। वे माँगों वाली तख्तियाँ हाथों में लिए जोर-जोर से नारेबाजी कर रहे थे। कांग्रेस राफेल विमान सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग पर अड़ी है। अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी नदी पर बांध निर्माण का विरोध कर रहे हैं। तेदेपा की मांग आंध्र प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और वहां आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के अनुरूप विकास कार्य करने की है। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा को सरोगेसी विनियमन विधेयक पेश करने की अनुमति दी। करीब सवा घंटे तक चली चर्चा में नौ सदस्याें ने भाग लिया। इसके बाद विधेयक को सरकार द्वारा लाये गये 23 संशोधनों को शामिल करके पारित कर दिया गया। विपक्ष की ओर से कुछ संशोधन पेश किये गये जिन्हें नकार दिया गया।इस विधेयक में देश में सरोगेसी के कारोबार को बंद करने के लिए प्रभावी प्रावधान किये गये हैं।
तत्पश्चात श्रीमती महाजन ने श्री रामविलास पासवान से उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2018 पेश करने को कहा। श्री पासवान ने उठकर विधेयक के बारे में बोलना शुरू किया तो आसन के आसपास जमा विपक्षी सदस्यों ने शोरशराबा तेज कर दिया। इस पर अध्यक्ष ने अन्नाद्रमुक के सदस्यों से कहा कि उनके मुद्दे का समाधान शोर करने से नहीं होगा। इसके लिए चर्चा करनी होगी और चर्चा के लिए सीट पर जाना होगा। लेकिन उन पर कोई असर नहीं पड़ा। कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी के सदस्य भी नारेबाजी करते रहे। इस पर अध्यक्ष से सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। लोकसभा में भोजनावकाश से पहले कोई कामकाज नहीं हो सका तथा एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर 20 मिनट के भीतर अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, तेदेपा और अन्नाद्रमुक के सदस्य हाथों में अपनी मांगों की तख्तियां लिये अध्यक्ष के आसन के समीप आ गये और जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे। शोर-शराबे के बीच ही अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू की और पहले प्रश्न के उत्तर के लिए संचार मंत्री मनोज सिन्हा का नाम पुकारा। इस दौरान एक-दो पूरक प्रश्न पूछे भी गये और मंत्री ने हंगामे के बीच ही उनका उत्तर भी दिया, लेकिन भारी शोर-शराबे के कारण अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने पूर्ववत् रुख अख्तियार कर लिया। शोर-शराबे के बीच ही अध्यक्ष श्रीमती महाजन ने जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाये। कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राफेल मामले की जेपीसी से जाँच कराये जाने की मांग की। इस पर संसदीय कार्यमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार राफेल मामले पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन जेपीसी की आवश्यकता नहीं है। उनके इस बयान पर कांग्रेस के सदस्य जोर-जोर से नारे लगाने लगे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि यदि विपक्ष चाहता है तो सरकार राफेल पर चर्चा के लिए तैयार है। अध्यक्ष ने इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के संजय जायसवाल और तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय को बोलने का मौका दिया। इस दौरान शोर-शराबा जारी रहा। इस बीच अध्यक्ष के आसन के समीप नारेबाजी कर रहे अन्नाद्रमुक के एक सदस्य ने कागज के टुकड़े कर अध्यक्ष के कर्मचारियों की मेज पर फेंकने शुरू कर दिये। हंगामा बढ़ता देख श्रीमती महाजन ने सदन की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होने और आवश्यक दस्तावेज सदन पटल पर रखे जाने के बाद अन्नाद्रमुक , तेलुगु देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य आसन के निकट आकर कवेरी जल विवाद और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग को लेकर तख्तियां लहराने लगे तथा नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान कांग्रेस के सदस्य भी राफेल सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाये जाने की मांग को लेकर अपनी सीट पर खड़े हो गये और नारे लगाने लगे। इसके फौरन बाद भाजपा के सदस्य कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी की मांग को लेकर तख्तियां लहराते हुये अपनी सीट से आगे बढ़ गये। इसके जबाव में कांग्रेस के सदस्य भी सदन के बीचोंबीच आ गये। शोरगुल के बीच ही संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि मंगलवार को सदन में दिये गये उनके बयान को कांग्रेस के उपनेता आंनद शर्मा ने गलत तरीके से पेश किया है जिसे सदन की कार्यवाही से हटाया जाना चाहिए। इसका कांग्रेस के सदस्यों ने जोरदार विरोध किया जिससे हंगामा और बढ़ गया। इसके बाद भाजपा के भूपेन्द्र यादव ने कहा कि आज के शून्यकाल में उन्होंने कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के बयान को लेकर नोटिस दिया है लेकिन इस मुद्दे को नहीं उठाने देने के लिए कांग्रेस सदस्य हंगामा कर रहे हैं। इसके बाद सभापति एम वेंकैया नायडु ने कहा कि इस तरह की स्थिति में सदन को कैसे चलाया जा सकता है। उन्होंने सदस्यों से शांत होने और अपनी सीट पर जाने का अनुरोध किया लेकिन हंगामा जारी रहने पर सदन की बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें