नयी दिल्ली 30 नवम्बर, अकाली दल की वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के इस दावे को आज खारिज कर दिया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के ‘दबाव’में भारत को करतारपुर गलियारे के कार्यक्रम में शिरकत करनी पड़ी। श्री कुरैशी के इस दावे कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ‘गुगली’ के कारण भारत को इस कार्यक्रम में शिरकत के लिए बाध्य होना पडा, श्रीमती बादल ने कहा , “श्री करतापुर साहिब जाना मेरे लिए आस्था का मामला था। इस पवित्र मामले में किसी के किसी पर हावी होने का मुद्दा उठाना बेमानी है। उन्होंने जोर देकर कहा, “ कोई किसी की गुगली से बोल्ड नहीं हुआ। ” केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्रियों ने, “इस कदम से सिख समुदाय की भावना का सम्मान किया है। ” उधर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी पाकिस्तानी विदेश मंत्री के बयान की निंदा करते हुए कहा कि करतारपुर साहिब गलियारे को गुगली कह कर पाकिस्तान ने अपनी असली सोच को उजागर कर दिया है जो बहुत दुख की बात है। जबकि भारत अौर हमारे सिख समुदाय के लिए यह एक धर्म एवं आस्था का मामला है। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने पंजाब सरकार में मंत्री एवं कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बयानों को दुखद बताया और कहा कि कांग्रेस ने 1947 में बंटवारे के समय भारतीय सीमा से चार किलोमीटर दूर इस गांव को पाकिस्तान में क्यों जाने दिया। अगर कांग्रेस चाहती तो करतारपुर साहिब भारत में होता।
भारत की ओर से उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरदासपुर जिले के मन्न गांव में डेरा बाबा नानक करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखी। इस गलियारे को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा बनाया जायेगा और इस पर आने वाला खर्च केन्द्र सरकार वहन करेगी। यह गलियारा एक सर्विस लेन के साथ चार लेन का होगा और इस पर पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी। इस परियोजना को श्री मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गयी थी। गत बुधवार को श्री इमरान खान ने करतारपुर में पाकिस्तान की ओर से इस गलियारे की आधारशिला रखी थी। इस मौके पर श्रीमती बादल और एक अन्य मंत्री हरदीप पुरी भी मौजूद थे इस पर श्री कुरैशी ने गुरूवार को कहा , “इमरान ने एक ‘गुगली’ फेंकी और भारत ने दो मंत्रियों को पाकिस्तान भेज दिया। श्री कुरैशी ने यह भी कहा कि यह भारत की वही सरकार है जिसने संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनकी मुलाकात को रद्द कर दिया था।” करतारपुर मामले में भी श्रीमती स्वराज ने भारत का रूख स्पष्ट करते हुए कहा था कि इस कार्यक्रम को भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता से जोडकर नहीं देखा जाना चाहिए और बातचीत से पहले पाकिस्तान को उसकी जमीन पर सक्रिय आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी होगी।
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