पटना, 25 दिसंबर, पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान (चिड़ियाघर) को बर्ड फ्लू के कारण मंगलवार से अनिश्चितकाल तक के लिए बंद कर दिया गया है। चिड़ियाघर के अचानक बंद कर दिए जाने के कारण 25 दिसंबर को छुट्टी के मौके पर यहां घूमने आए लोगों को निराशा हाथ लगी। इस बीच, राज्य के उपमुख्यमंत्री और वन एवं पर्यावरण विभाग के मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पूरे उद्यान परिसर की जांच के बाद ही अब आम लोगों के लिए उद्यान खोलने का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नए वर्ष के मौके पर भी चिड़ियाघर आम लोगों के लिए खुलने की उम्मीद नहीं है, ऐसे में जो लोग अग्रिम टिकट ले चुके थे, उनके टिकट को लौटाने या विस्तारित करने की व्यवस्था की जाएगी। वन विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पिछले एक सप्ताह के दौरान संजय गांधी जैविक उद्यान में छह मोरों की मौत हो गई थी। मृत मोरों की जांच मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान में कराई गई थी, जांच में मृत मोरों में एच5एन1 वायरस पाया गया था। पटना के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ ) डी़ के. शुक्ला ने बताया कि सोमवार को मृत मोरों की जांच रिपोर्ट मिली, जिसके बाद मंगलवार से संजय गांधी जैविक उद्यान को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है।
उन्होंने बताया, "पूरे इलाके की घेराबंदी कर एक प्रोटोकॉल के तहत जांच कराई जा रही है और संक्रमणमुक्त करने की कार्रवाई प्रारंभ की गई है। संक्रमणमुक्त होने के बाद ही उद्यान को आम लोगों के लिए खोला जाएगा।" वन विभाग के अधिकारी का कहना है कि सभी पक्षियों की जांच की जाएगी। जांच पूरी होने के बाद जब 'क्लियरेंस' मिल जाएगा तभी चिड़ियाघर को फिर से खोला जाएगा। इस बीच, उपमुख्यमंत्री ने कहा उद्यान के अंदर जितने पिंजड़े हैं और पूरे क्षेत्र को 'सेनेटाइज' करने के बाद गहन जांचकर पुन: उद्यान को खोलने का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा, "इस वायरस का बाघ, जेबरा और तेंदुआ आदि में भी फैलने का खतरा रहता है, इसलिए तत्काल प्रभाव से उद्यान को बंद कर सभी पिंजड़े और पूरे क्षेत्र को 'फार्मालीन' को पानी में मिलाकर चूने के साथ छिड़काव करने का निर्णय लिया गया है। सेनेटाइज करने के बाद पूरे उद्यान की जांच कराई जाएगी और वायरस नहीं पाए जाने के बाद उद्यान को आम लोगों के लिए खोलने का निर्णय लिया जाएगा।" क्रिसमस के दिन 25 दिसंबर को छुट्टी के मौके पर यहां यहां बड़ी संख्या में लोग घूमने आए, मगर चिड़ियाघर बंद होने के कारण उन्हें निराश लौटना पड़ा।
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