कारेंग चापोरी (असम), 25 दिसम्बर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को असम के बोगीबील में ब्रह्मपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे रेल-सह-सड़क पुल का उद्घाटन करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने विकास परियोजनाओं को लागू करने में ‘‘टालमटोल’’ की कार्य संस्कृति को बदल दिया है। देश के सबसे लंबे रेल सह सड़क पुल का असम के बोगीबील में उद्घाटन करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक निश्चित समय सीमा के तहत परियोजनाओं को पूरा किया जाना अब कागजों तक सीमित नहीं है बल्कि हकीकत बन गया है। 4.94 किलोमीटर लंबे पुल के उद्घाटन के मौके पर असम के राज्यपाल जगदीश मुखी, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, रेल राज्य मंत्री राजन गोहैन और असम के वित्त मंत्री हिमंत विश्वशर्मा भी उपस्थित थे। मोदी ने कहा, ‘‘अगर पहले की सरकारें परियोजनाओं को अटकाने के लिये जानी जाती हैं तो हमारी सरकार की पहचान परिवहन से कायाकल्प और भावी पीढ़ी की आधारभूत संरचना के लिये है। हमने 12 लाख करोड़ रुपये मूल्य की ऐसी सैकड़ों परियोजनाएं पायी हैं जो कई वर्षों से अटकी पड़ी थीं या उनका काम बेहद धीमा था। अगर वही रफ्तार जारी रहती तो अगली शताब्दी भी बीत जाती।’’ उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘आज ‘सुशासन दिवस’ के मौके पर मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमने ‘लटकाने भटकाने’ की कार्य संस्कृति को पूरी तरह बदल दिया है।’’
दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती सुशासन दिवस के तौर पर मनाई जाती है। असम समझौते का हिस्सा रहे बोगीबील पुल को 1997-98 में मंजूरी दी गई थी। ऐसा माना जा रहा है कि यह पुल अरूणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा के पास रक्षा गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। इस परियोजना की आधारशिला पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने 22 जनवरी,1997 को रखी थी जबकि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में 21 अप्रैल,2002 को इसका काम शुरू हुआ था। कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने 2007 में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया था। रक्षा सूत्रों के अनुसार यह पुल अरूणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा पर लड़ाकू विमानों के उतरने समेत रक्षा साजो-सामान को लाने-ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। रैली में मोदी ने कहा, ‘‘मिजोरम के तुइरियाल में पनबिजली परियोजना और सिक्किम हवाई अड्डा समेत कई परियोजनाएं पूरी की गई हैं। असम में भी इस तरह की कई अटकी हुई परियोजनाएं या तो पूरी हो गई हैं या पूरे जोर-शोर से काम चल रहा है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘हम इस तरह की परियोजनाएं पूरी करने पर जोर दे रहे हैं। इस तरह का विकास पूर्वोत्तर की तस्वीर बदल देगा। अगर पूर्वोत्तर विकसित होता है तो समूचा भारत प्रगति करेगा।’ बोगीबील पुल को खोले जाने को ‘ऐतिहासिक’ बताते हुए उन्होंने कहा कि 2004 के लोकसभा चुनाव में राजग के हारने के बाद इस पुल का निर्माण समय पर पूरा करने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। मोदी ने इस पुल को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिये जन्मदिन का तोहफा करार देते हुए कहा, ‘‘अगर अटलजी को 2004 में दूसरा कार्यकाल मिला होता तो बोगीबील पुल 2008-09 तक तैयार हो जाता। दुर्भाग्य से, 2004 के बाद देश में कई अन्य परियोजनाओं की तरह यह परियोजना भी अटकी पड़ी थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार से सबसे अधिक क्षति गरीबों और शोषित तबके को होती है। यह (भ्रष्टाचार) मध्य वर्ग पर सबसे बड़ा बोझ है। यह देश के विकास की रीढ़ तोड़ देता है--इसलिये पिछले साढ़े चार साल से हमारी सरकार भ्रष्टाचार और कालाधन से पूरी ताकत से लड़ रही है।’’
मोदी ने दावा किया कि उनकी सरकार ने भ्रष्ट लोगों के 5000 करोड़ रुपये मूल्य के मकान और कार जब्त किये हैं, 3.25 लाख से अधिक संदिग्ध कंपनियों के लाइसेंस रद्द किये हैं, पिछली सरकारों द्वारा दिये गए बैंकों के कर्ज के तीन लाख करोड़ रुपये वसूल किये हैं और मेडिकल सेवाओं में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिये कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘चार साल पहले कोई सोच नहीं सकता था कि हेलीकॉप्टर घोटाले का सबसे बड़ा आरोपी भारतीय जेल में होगा। हमारी सरकार ने उसे भारत लाया और साहस के साथ जेल में डाला। यह हमारी सरकार की कामकाज की शैली और हमारी कार्य संस्कृति है।’’ उन्होंने वस्तुत: अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में गिरफ्तार कथित बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल के संदर्भ में कही। मोदी ने कहा कि पुल समेत सभी रुकी हुई आधारभूत ढांचा परियोजनाएं तेज की गई हैं और 2014 से पूरी की जा रही हैं। मोदी ने कहा, ‘‘70 साल में पिछली सरकारों ने ब्रह्मपुत्र नदी पर सिर्फ तीन पुल बनाए। हालांकि, हमारी सरकार के साढ़े चार वर्षों में संपर्क में सुधार के लिये तीन और पुलों पर काम शुरू हो गया है। यह सुशासन है।’’
बोगीबील पुल को असम और अरूणाचल प्रदेश के करोड़ों लोगों के लिये जीवन रेखा करार देते हुए उन्होंने कहा कि इससे दोनों राज्यों के बीच की दूरी 700 किलोमीटर से घटकर 200 किलोमीटर से भी कम हो जाएगी। साथ ही यात्रा में लगने वाला समय 24 घंटे से घटकर पांच से छह घंटे हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के पूरी तरह इस्पात से निर्मित एकमात्र पुल से भारत के रक्षा कौशल को मजबूती मिलेगी। उन्होंने तिनसुकिया-नाहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई के लिए संक्षिप्त कनेक्टिविटी मिल सकेगी। 14-कोच वाली ट्रेन सप्ताह में पांच दिन चलेगी और असम में तिनसुकिया से अरुणाचल प्रदेश के नाहरलागुन शहर के बीच ट्रेन-यात्रा के समय में 10 घंटे से अधिक की कटौती करने के लिए 4.9 किलोमीटर लंबे पुल का उपयोग करेगी। मोदी ने कहा कि लगभग 5,500 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग पूर्वोत्तर में 70,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे हैं, जबकि लगभग 2,500 किलोमीटर पर काम पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में हर राज्य की राजधानी को ब्रॉड-गेज लाइनों से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, "हम 15 नई लाइनें बिछाने के लिए 46,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रहे हैं। पहले, केवल 100 किमी रेल लाइनों का निर्माण प्रतिवर्ष किया जाता था, लेकिन अब यह पिछले साढ़े चार वर्षों में 350 किमी प्रति वर्ष तक पहुंच गया है ... इसके अलावा, ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों पर 19 जलमार्ग विकसित किए जा रहे हैं।’’
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