कुरैशी ने पाकिस्तान का असली चेहरा दिखा दिया : सुषमा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 2 दिसंबर 2018

कुरैशी ने पाकिस्तान का असली चेहरा दिखा दिया : सुषमा

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बीकानेर 02 दिसम्बर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि करतारपुर कॉरीडोर मुद्दे पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने जो बयान दिया है उससे पाकिस्तान का असली चेहरा सामने आ गया है। श्रीमती स्वराज आज यहां पत्रकारों को पाकिस्तान के श्री कुरैशी के उस बयान का जवाब दे रहीं थीं जिसमें कुरैशी ने कहा था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ऐसी गुगली फेंकी जिससे करतारपुर कॉरीडोर के निर्माण के लिये पाकिस्तान में आयोजित समारोह में भारत को दो मंत्री भेजने पर मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि भारत के मंत्री वहां समारोह में शिरकत करने के लिये नहीं बल्कि करतारपुर गुरुद्वारे में माथा टेकने गये थे, लेकिन श्री कुरैशी ने इस पर जो नाटकीय ढंग से टिप्पणी की है उससे पाकिस्तान का असली रूप उजागर हो गया है। पाकिस्तान ने इसे जिस नाटकीय रूप में लिया उसे स्पष्ट हो गया कि वह सिखों की भावनाओं का सम्मान नहीं करता।  उल्लेखनीय है कि सिखों के धार्मिक आस्था के प्रमुख केंद्र करतारपुर और ननकाना साहिब के लिये गलियारे बनाने के लिये भारत पाकिस्तान के मध्य समझौता हुआ है। इस अवसर पर पाकिस्तान में करतारपुर में समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें श्रीमती स्वराज को आमंत्रित किया गया था। श्रीमती स्वराज की व्यस्तता के कारण दो केन्द्रीय मंत्रियों को वहां भेजा गया था। उसी को लेकर कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ऐसी गुगली फेंकी जिसमें भारत फंस गया और उसे अपने दो मंत्री भेजने पड़े। श्रीमती स्वराज ने कहा कि शांति की पहल के लिये ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था। लेकिन उसके दो सप्ताह बाद ही पठानकोट पर हमला हो गया। वानी को स्वतंत्रता सेनानी बताया गया। फिर उरी पर हमला किया गया। पाकिस्तान ने आतंकवादियों को समर्थन देना बंद नहीं किया। लिहाजा उनसे किसी तरह की बातचीत संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि चीन से भारत का व्यापार बढ़ा है। श्रीमती स्वराज ने कहा ने राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) में किसी तरह का साम्प्रदायिक भेदभाव नहीं किया गया है। बंगलादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के उन अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है जो वहां धार्मिक आधार पर भेदभाव के शिकार हैं और उन्हें सताया जा रहा है। इन पीड़ितों में हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन हैं। ऐसे लोगों को भारत की नागरिकता देने की बात कही गई है।

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