बिहार : ऊपर की अदालत में भी राजवल्लभ यादव की सजा बरकरार रहनी चाहिए: ऐपवा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 22 दिसंबर 2018

बिहार : ऊपर की अदालत में भी राजवल्लभ यादव की सजा बरकरार रहनी चाहिए: ऐपवा

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पटना (आर्यावर्त डेस्क) अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ( ऐपवा ) की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने विधायक राजवल्लभ यादव को मिली सजा का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि ऊपर की अदालत भी इस सजा को बरकरार रखेगी. मीना तिवारी ने कहा कि राजवल्लभ यादव को मिली सजा बिहार की महिलाओं के संघर्ष की जीत है. 6 फरवरी 2016 की इस घटना पर आरंभ में सरकार द्वारा लीपापोती करने की कोशिश के खिलाफ और राजवल्लभ की गिरफ्तारी के लिए महिलाओं को आवाज उठानी पड़ी.बाद में चार्जशीट दाखिल करने में भी देर किया जा रहा था. 30मार्च को जब दुबारा तारीख बढ़ा दी गई तो स्पष्ट हो गया कि सरकार की कोशिश है कि राजवल्लभ यादव को जमानत मिल जाए. तब 21अप्रैल 2016 को ऐपवा ने राजभवन मार्च निकाला. मार्च करती हुई महिलाएं विधानसभा के गेट के अंदर प्रवेश कर गईं तब जाकर सरकार जागी और 22 अप्रैल 2016 को पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया.  23 अप्रैल को जेल के भीतर राजवल्लभ को विशेष सुविधाएं दिए जाने का ऐपवा ने विरोध किया. 26 अप्रैल 2016 को ऐपवा के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की. इस प्रतिनिधि मंडल में मीना तिवारी, सरोज चैबे, शशि यादव, भारती एस कुमार और अनीता सिन्हा शामिल थीं. इस प्रतिनिधि मंडल ने मई 2016 में ही विधानसभा अध्यक्ष से भी मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की थी. महिलाओं के आंदोलन का ही दबाव था कि सरकार को ऊपरी अदालत में भी राजवल्लभ की जमानत याचिका का विरोध करना पड़ा. ऐपवा उम्मीद करती है कि ऊपर की अदालत भी राजवल्लभ यादव की सजा को बरकरार रखेगी. आज भाजपा के राज में दलित, गरीब,कमजोर तबकों पर अत्याचार बढ़ गया है खासकर महिलाओं पर बलात्कार और हिंसा थम नहीं रही है ऐसे समय में आया यह फैसला सत्ता संरक्षित अपराधियों के लिए एक सबक है.

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