राजनगर/मधुबनी (रजनीश के झा) 18 दिसंबर, मधुबनी के राजनगर में मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल कल से 21 दिसम्बर तक चलेगा। तीन दिवसीय फेस्टिवल को लेकर तैयारी को अंतिम रूप देने का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। फेस्टिवल में मिथिलांचल क्षेत्र के धरोहरों को सहेजने, वैभवशाली इतिहास से आज के पीढ़ी को अवगत कराने एवं कला-साहित्य को वैश्विक युग से जोड़कर नया आयाम देना है। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. सविता झा खान ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य रूप से मिथिला के प्राचीन जीवन-शैली, संस्कृति व मिथिला के अतीत को रेखांकित कर दर्शाया जाएगा। जैसे कि मिथिला चित्रकला, सुजनी सिलाई, गोदना विद्या, फूस से बने घर में व्यतित होनेवाली जीवन-शैली व मिथिला भोजन विन्यास आदि पर विषय मुख्य रूप से शामिल हैं। मौके पर भारत सरकार की ओर से पुस्तक प्रदर्शनी सह बिक्री केन्द्र लगाया जाएगा।
अमित आनंद ने बताया कि कार्यक्रम में देश विदेश के विद्वान् शामिल होंगे जिनमें जेएनयू से प्रो. मनीन्द्रनाथ ठाकुर, प्रो. देवशंकर नवीन, दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रो. सतीश झा, आईआईटी मद्रास से प्रो. श्रृष चौधरी, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से प्रो. एमजे वारसी, इतिहासकार रत्नेश्वर मिश्र व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से फनीकांत मिश्र समेत अन्य कई शिक्षाविद् अपने विचारों से अवगत कराएंगे। मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल के उदघाटन सत्र में पद्मश्री बौआ देवी, एलएनएमयू के कुलपति प्रो. एस के सिंह, प्रो. रामवतार यादव, प्रो. भीमनाथ झा, डॉ. फणीकांत मिश्र, डॉ. हीरानंदन आचार्य, जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक, एसएसबी कमांडेंट अजय कुमार शामिल हो रहे हैं। कार्यक्रम में कई साहित्यकार, इतिहासकार, कलाप्रेमी और शिल्पी भाग लेंगे।
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