बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य) क्रांतिकारियों के शहादत के कारण ही आज हम आजाद वतन के नागरिक कहलाने का हक़ रखते हैं वर्ना आप तो जानते ही हैं कि गुलामी क्या चीज होती है।इसी बावत उन्हें याद करते हुए उनके नक्शेकदम पर चलने को प्रेरित करते हुए खगड़िया जिले के मुख्यालय के दाननगर स्थित गुरु नरेंद्र भवन में कल बुधवार के दिन दिनांक 19 दिसम्बर 2018 को क्रांतिकारी युवा परिषद द्वारा राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खान के 91वें शहादत दिवस का आयोजन कर शहीदों के तैल चित्र पर पुष्पाञ्जलि करते हुए सभा को संबोधित किया गया,जिसमें क्रांतिकारी युवा परिषद के अध्यक्ष धर्मेन्द्र शास्त्री ने राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खान की जीवनी पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज ही के दिन काकोरी कांड के अभियुक्त एवं देश के लिये अपने प्राणों की आहुति देनेवाले महान क्रांतिकारी बिस्मिल और अशफाक को गोरखपुर जेल में फाँसी ढ़ी गई थी। श्री शास्त्री ने कहा कि बिस्मिल ऐसे क्रांतिकारियों में से थे जिन्होंने मारने के दिन अपने देशवासियों को सन्देश देते हुए कहा था कि मुझे मृत्यु का तनिक भी भय नहीं है,मुझे पुरणी विश्वास है कि मैं शीघ्र ही नूतन शरीर धारण कर आऊँगा और अंग्रेजी साम्राज्य से भारत माता को मुक्त करने के लिये फिरसे नैय ऊर्जा के साथ संघर्ष करुँगा।उन्होंने कहा कि ऐसे ही क्रान्तिकारों के संघर्ष,आंदोलन और बलिदान से देश आजाद हुआ।मगर आज भी कुछ ऐसे जयचंद नेताओं के कारण भारत की स्थिति बाद से बद्दतर होते जा रही है।इसके लिये आवश्यकता है कि आगे आकर राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खान के पदचिन्हों पर चलकर ऐसे नेताओं के खिलाफ क्रांति का शंखनाद करें।सभा को परिषद के उपाध्यक्ष संजीव पोद्दार, अवनीश यादव आदि ने भी संबोधित किया।मौके पर युवा परिषद के राहुल कुमार,सौरभ कुमार,सावन यादव,आदित्य कुमार,रोशन कुमार,आदित्य राज, आर्यन,प्रिंस,बिट्टू,राजकुमार,गोलू,निकेतन,सुमन झा आदि कार्यकर्ता मौजूद हो अपनी सहभागिता निभाये।
गुरुवार, 20 दिसंबर 2018
बेगुसराय : शहादत दिवस पर रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला को किया गया याद
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