फासीवाद की ताकतों से देश-संविधान और धर्मनिरपेक्षता को बचाने का लिया संकल्पपटना शहर के बुद्धिजीवियों की हुई भागीदारी.हाइकोर्ट परिसर स्थित डाॅ. अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम हुआ आरंभगांधी मैदान में हुई सभा.
पटना 6 दिसंबर 2018, बाबरी मस्जिद की शहादत और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर स्मृति दिवस के मौके पर वाम दलों के संयुक्त आह्वान पर आज पटना में संविधान बचाओ-धर्मनिरपेक्षता बचाओ मार्च का आयोजन किया गया. मार्च के पूर्व हाइकोर्ट परिसर स्थित बाबा साहेब भीम राव अंबेदकर की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. उसके पश्चात सैंकड़ों की तादाद में वामपंथी दलों के नेतागण व कार्यकर्ता और नागरिक समाज के लोगों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर गांधी मैदान तक मार्च किया. गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के समक्ष एक संकल्प सभा आयोजित की गई. उस सभा में फासीवादी ताकतों को परास्त करने तथा देश-संविधान और धर्मनिरपेक्षता के लिए संघर्ष को तेज करने का संकल्प लिया गया.
संकल्प सभा को सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. राजाराम सिंह, सीपीआईएम की केंद्रीय कमिटी के सदस्य अरूण मिश्रा, फारवर्ड ब्लाॅक के अमेरिका महतो, आरएसपी के वीरेन्द्र ठाकुर, ऐपवा की बिहार राज्य सचिव शशि यादव, ऐडवा की रामपरी देवी तथा बिहार महिला समाज की निवेदिता झा ने संबोधित किया. जबकि संकल्प सभा का संचालन भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, सीपीआई के रामनरेश पंाडेय तथा सीपीआईएम के गणेश शंकर सिंह ने संयुक्त रूप से किया. इस अवसर पर सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार, माले के वरिष्ठ नेता केडी यादव, राजाराम, शिवसागर शर्मा व अभ्युदय, प्रसिद्ध समाजशास्त्री एम एन कर्ण, पटना विश्वविद्यालय इतिहास विभाग की पूर्व अध्यक्ष भारती एस कुमार, प्रो. संतोष कुमार, साक्षरता आंदोलन की उर्मिला जी, इसकस के अशोक कुमार, सीपीआई के रवीन्द्र नाथ राय व विश्वजीत कुमार, अनीश अंकुर, इपटा के बिहार महासचिव तनवीर अख्तर, कोरस की समता राय, शिक्षा आंदोलन के मो. गालिब, बिहार महिला समाज की सुशीला सहाय सहित कई लोग शामिल थे. वाम नेताओं ने संकल्प सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिन ताकतों ने बाबरी मस्जिद को गिराया था आज वे पूरे देश को लिंचिस्तान बना देना चाहते हैं. भाजपा-संघ परिवार न केवल देश में नफरत का माहौल पैदा कर रहा है बल्कि आजादी के आंदोलन के गर्भ से निकले संविधान की भी खुलेआम धज्जियां उड़ा रहा है. आज पूरे देश में इन ताकतों के सांप्रदायिक मंसूबे को नाकाम करने के लिए हम सब संघर्ष तेज करने का संकल्प लेते हैं.
सांप्रदायिक दंगे, घृणा, अपराध, फर्जी एनकाउंटर, दलितों पर अत्याचार, महिलाओं पर हमले भाजपा सरकार की चारित्रिक विशिष्टताएं बन चुके हैं. सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराने के लिए आज यूपी में एक बार फिर से नफरत का माहौल खड़ा किया जा राह है. अब माॅब लिंचिंग में आम लोगों की बिसात क्या, पुलिस अधिकारियों की भी हत्या कर दी जा रही है. उन्होंने कहा कि 2019 का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है भाजपा व संघ हत्यारी भीड़ के माध्यम से मंदिर और गाय के नाम पर मुस्लिम विरोधी घृणा और उन्माद भड़काने के जहरीले अभियान द्वारा मूल सवालों से जनता का ध्यान भटकाने और उनकी एकता को तोड़ने की कोशिश में है. ऐसे सांप्रदायिक मंसूबे तो फेल होंगे ही, अगले चुनावों में भाजपा को सत्ता से भी बाहर होना है. राममंदिर बनाने हेतु सर्वोच्च न्यायालय को नजरअंदाज कर केंद्र सरकार से कानूनी अध्यादेश लाने की मांग कर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करवाने की कोशिश हो रही है. संघ ब्रिगेड को आस्था के नाम पर संविधान और धर्मनिरपेक्षता की धज्जी उड़ानकी कभी इजाजत नहीं दी जाएगी. आज पटना के अलावा तमाम जिला मुख्यालयों पर इस तरह के कार्यक्रम आयाजित किए गए.
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