राजस्व न्यायालयों में चल रहे प्रकरणों की पेशी की अगली तारीख एक सप्ताह के भीतर ही हो - कलेक्टर
कलेक्टर ने ली राजस्व अधिकारियों की बैठक
कलेक्टर श्री गणेश शंकर मिश्रा ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में समस्त राजस्व अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह प्रकरण जो छह माह से अधिक समय से लंबित हैं, उनका निराकरण तीन माह के भीतर करें। प्रत्येक प्रकरण आरसीएमएस में दर्ज होना चाहिए। आरसीएमएस में दर्ज प्रकरण की पावती आवेदक को दें, एक पावती पर आवेदक के हस्ताक्षर करवा कर न्यायालय के रिकार्ड में अनिवार्य रूप से जमा करें। राजस्व न्यायालय में चल रहे सभी प्रकार के प्रकरणों की पेशी अगली तारीख एक सप्ताह के भीतर ही हो। ऐसा करने से सभी प्रकरणों का निराकरण तय समय में किया जा सकेगा। कलेक्टर ने निदेर्शित किया कि 31 जनवरी के पहले सीमांकन के सभी लंबित प्रकरण निराकृत कर लिये जाएं। नये पटवारियों को विस्तृत प्रशिक्षण दिया जाए। कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि 31 मार्च तक भू-अधिग्रहण का कार्य पूर्ण कर लिया जाए। आगामी लोक निर्वाचन 2019 की तैयारियों के संबंध में कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्र के राजनैतिक दलो के प्रतिनिधियों से बैठक में चुनाव से संबंधित चर्चा जल्द ही करलें। कलेक्टर ने मतदान केन्द्रों पर बिजली, पानी शौचालय, दिव्यांगों एवं वरिष्ठजनों के लिये रैम्प आदि की व्यवस्थाओं के बारे में भी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये। बैठक में अपर कलेक्टर श्री वी.के.चतुर्वेदी, संयुक्त कलेक्टर श्री राजेश रंजन पाण्डे सहित समस्त राजस्व अधिकारी उपस्थित थे।
दस्तक अभियान में लाभान्वित होंगे 1 लाख 88 हजार से अधिक बच्चे घर-घर जाकर दी जा रही 11 प्रकार की सेवाएं
ग्राम स्तर पर संचालित दस्तक अभियान के अंतर्गत जिले में शून्य से 5 वर्ष तक के 1 लाख 88 हजार 752 बच्चों को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से दस्तक अभियान में ए.एन.एम.,आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता(ट्रीपल ए) द्वारा घर-घर दस्तक दी जा रही है तथा 11 प्रकार की नि‘शुल्क सेवाएं प्रदान की जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.प्रभाकर तिवारी ने जानकारी दी कि 17 दिसंबर से 31 जनवरी 2019 तक संचालित दस्तक अभियान में 0 से 5 वर्ष तक के आष्टा ब्लाक के करीब 51 हजार 315 बच्चे, बुदनी 21 हजार 506,इछावर 23 हजार 889, नसरूल्लागंज 31 हजार 119, श्यामपुर 45 हजार 614 तथा शहरी क्षेत्र सीहोर के 15 हजार 309 बच्चों को घर-घर दस्तक देकर जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दस्तक अभियान के अंतर्गत 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों का एम.यू.ए.सी.टेप द्वारा गंभीर कुपोषण का चिन्हांकन, चिकित्सकीय जटिलतायुक्त चिन्हांकित गंभीर कुपोषित बच्चों को निकटस्थ एन.आर.सी.में भर्ती कराना,9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए अनुपूरण, जन्म से 6 वर्ष तक के बच्चों में जन्मजात विकृतियों की पहचान एवं त्वरित प्रबंधन, समस्त 5 वर्ष तक के बीमार बच्चों की पहचान एवं संभावित मूलभूत उपचार,मां कार्यक्रम का विस्तार एवं स्तनपान को बढ़ावा देने हेतु परामर्श,दस्तरोग नियंत्रण हेतु ओआरएस पैकेट का वितरण, निमोनिया से ग्रसित बच्चों में खतरे के लक्षणों की पहचान एवं निःशुल्क परिवहन द्वारा स्वास्थ्य केन्द्र पर उपचार हेतु रेफर किया जाना सहित और अन्य जरूरी सेवाएं घर-घर जाकर ग्राम स्तर पर दी जा रही है। अभियान के अंतर्गत जिला स्तर के अधिकारियो द्वारा प्रतिदिन ग्राम स्तर पर पहुंचकर अभियान का सघन निरीक्षण किया जा रहा है।
जिला पंचायत सामान्य सभा एवं सामान्य प्रशासन की बैठक स्थगित
जिला पंचायत सीहोर की सामान्य सभा एवं सामान्य प्रशासन की बैठक 28 दिसंबर 2018 को जिला पंचायत सीहोर के सभा कक्ष में आहुत की गई थी। उक्त बैठक अपरिहार्य कारणों से स्थगित की जाती है। आगामी बैठक की सूचना पृथक से भेजी जावेगी।
क्लीनिक व लैब की जांच के लिए जिला स्तरीय दल गठित
कलेक्टर एवं जिला स्वास्थ्य समित अध्यक्ष श्री गणेश शंकर मिश्रा के दिशा निर्देश पर जिले में संचालित एक्स-रे, पैथोलॉजी लैब एवं क्लीनिक के सघन निरीक्षण हेतु जिला स्तरीय दल का गठन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.प्रभाकर तिवारी ने बताया कि जिला स्तरीय दल में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.टी.आर.उईके, जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ.आनंद शर्मा तथा रेडियोलॉजिस्ट व नोडल अधिकारी अस्पताल प्रशासन डॉ.नीतिन पटेल को शामिल किया गया है। टीम को निर्देशित किया गया है कि पंजीकृत व अपंजीकृत संस्थाओं के समस्त महत्वपूर्ण दस्तावेज जिनका क्लीनिक वैधानिक रूप से संचालन में संलग्न होना जरूरी है उनकी जांच करेंगे। समस्त निजी चिकित्सकों, लैब तथा एक्स-रे के मान्यमा संबंधी दस्तावेजों की भी जांच करेंगे इस संबंध में अनुपब्धता होने पर संबंधितों के विरूद्ध नर्सिंग होम एक्ट 1973 के प्रावधानों के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जाएगी वहीं शहरी क्षेत्र सीहोर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जांच के लिए गठित समिति में डॉ.टी.आर.उईके जिला स्वास्थ्य अधिकारी की अध्यक्षता में संबंधित खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को बतौर सदस्य शामिल किया गया है। जांच अभियान विभाग द्वारा सुचारू रूप से चलाया जाएगा।
गोपाल पुरस्कार प्रतियोगिता के लिए आवेदन आमंत्रित
भारतीय उन्नत नस्ल के गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पुशओं के पालन को बढावा देने और अधिक दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए गोपाल पुरस्कार योजना का क्रियान्वयन जनवरी 2019 में किया जा रहा है। विकासखंड परियोजना का क्रियान्वयन 1 से 8 जनवरी 2019 तक एवं जिला स्तर पर 14 से 16 जनवरी 2018 तक किया जाएगा। इस योजना में भारतीय (देशी) नस्ल की ऐसी गाय जिसका दुध प्रतिदिन 4 लीटर या भैंस, जिसका उत्पादन 6 लीटर प्रतिदिन या उससे अधिक हो, उनके पालको को गोपाल पुरस्कार के तहत विकास खंड, जिला एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार मिल सकता है। इसके लिए पशु पालकों को अपने निकटतम पशु चिकित्सा संस्था में आवेदन प्रस्तुत कर गाय एवं भैंस का पंजीकरण करवाना होगा। प्रतियोगी गाय एवं भैंस के 3 समय के दुग्ध उत्पादन का औसत के आधार पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार चयन किया जावेगा। उप संचालक पशुपालन सीहोर ने बताया कि राज्य शासन द्वारा गोपाल पुरस्कार योजना के अंतर्गत विकास खंड स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आने वाली गाय एवं भैंस के पालक को 10 हजार रूपये, द्वितीय स्थान पर आने वाली गाय एवं भैंस के पालक को 7 हजार 500 रूपये एवं तृतीय स्थान पर आने वाली भैंस के पालक को 5 हजार रूपये का पुरस्कार प्रदान किया जावेगा। जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आने वाली गाय एवं भैस के पालक को 50 हजार रूपये, द्वितीय स्थान पर आने वाली गाय एवं भैंस के पालक को 25 हजार रूपये, एवं तृतीय स्थान पर आने वाली गाय एवं भैंस के पालको को 15 हजार तथा शेष सात गाय एवं भैंस पालको को 5-5 हजार रूपये का सांत्वना पुरस्कार दिया जावेगा। उपसंचालक पशुपालन ने जिले के पशुपालको से अपील की है कि वे इस प्रतियोगिता में अपने उन्नत पशुधन के साथ आवश्यक रूप से भाग ले।
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