बेगूसराय : ग्रीनसाइक्लोथोन का नारा,पॉलीथिन को करो बाय बाय तब होगा पर्यावरण से प्यार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 19 दिसंबर 2018

बेगूसराय : ग्रीनसाइक्लोथोन का नारा,पॉलीथिन को करो बाय बाय तब होगा पर्यावरण से प्यार

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बेगूसराय (अरुण शाण्डिल्य)  यू०पी०एस० इंटरटेनमेंट के बैनर द्वारा संचालित विगत कई वर्षों से ग्रीनसाइक्लोथोन का आयोजन किया जा रहा है,जो आज भी अनवरत चल रही है।इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण बचाओ अभियान से है।इसका अलख जगाने वाले पत्रकार,कलाकार श्री प्रभाकर कुमार राय के द्वारा इस वर्ष पॉलीथिन को करो बाय बाय और पर्यावरण से तब होगा प्यार का नारा दिया गया।इसका मतलब साफ है कि पॉलीथिन का व्यवहार पर रोक लगाना,मतलब जितने भी पॉलीथिन हैं,जैसे :- कुरकुरे,टकाटक,मोटू-पतलू आदि यहाँ तक कि शिखर,राजनीगंधाआदि जितने भी गुटखे हैं वो सभी भी तो एक तरह से पॉलीथिन ही है जो ना सड़ता है ना गलता है यहाँ तक कि जलाने पर भी वह अपना प्रदूषित अवयव तो वातावरण में फैला ही देता है तो क्या ये सब भी बन्द ही जानी चाहिये,मगर इसकव बन्द करना शायद मुमकिन नहीं।इतना ही नहीं आजकल तो बड़े बड़े फैक्ट्रियों,कंपनियों वाले भी मोटर पार्ट्स,घी,तेल यहाँ तक कि सुधा और गंगा डेयरी का दूध,घी आदि जो भी प्रोडक्ट हैं उनके अधिकाधिक तो पॉलीथिन या उसी से सम्बंधित डब्बा आदि का भी प्रयोग तो होता ही रहेगा तो फिर बन्द क्या होगा।शायद बन्द वह पॉलीथिन होगा जोसके सहारे गरीब तबके के लोग जो ठेला पर सब्जी बेचते हैं सिर्फ उसी के लिये ये अभियान है या सभी किस्मों के पोलिथिनों के लिये,ये तो कहना बड़ा ही मुश्किल है क्यों कि नारा तो लगाया गया है फ़क़त पॉलीथिन हटाओ पर्यावरण बचाओ तो सभी तरहों के पॉलीथिन जबतक नहीं हटेंगे तबतक पर्यावरण क्या स्वच्छ होना संभव होगा यह एक अपने आप में सवाल बानाकर खड़ा होनेवाला है आनेवाले समयों में।अगर सही मायने में प्रदूषण को दूर करना है तो ऐसे जितने भी वस्तु है  जो कार्य विशेष के लिये इस्तेमाल किया जाता है और काराय हो जाने पर फेंक दिया जाता है और फेंकने के बाद जो मिट्टी के संसर्ग में आकर मिट्टी नहीं हो जाता हो ऐसे सभी वस्तुओं पर रोक लगा देना ही पर्यावरण के हिट में होगा।आगे देखना है कि ग्रीनसाइक्लोथोन इस बावत अगला क्या कदम उठाती है।

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