विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 23 दिसंबर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 23 दिसंबर 2018

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 23 दिसंबर

(सफलता की कहानी) : वृद्वाश्रम के निराश्रितों ने भी मतदान में निभाई सहभागिता 

vidisha-news
विधानसभा निर्वाचन के मतदान में सभी मतदान करें की अवधारणा से मतदाताओं को अवगत कराने हेतु हर संभव प्रयास विदिशा जिले में किए गए है। मतदान तिथि 28 दिसम्बर को जहां नव युवा मतदाताओं ने मतदान के प्रति उत्साह था ठीक वैसा ही उत्साह श्री हरिवृद्वाश्रम में रह रहे दिव्यांग निराश्रित वृद्वजनों मंे देखने को मिला। आश्रम के संचालक ने अपने स्वंय के वाहन में दिव्यांगजनों को बैठाकर होमगार्ड कार्यालय में स्थापित मतदान केन्द्र क्रमांक 214 पर मतदान हेतु लाया गया। 84 वर्षीय वायोवृद्व श्रीमती कस्तूरी बाई जैन जो पैरो से लाचार है और पिछले छह साल से आश्रम में रह रही है। उनके द्वारा मतदान हेतु जो उत्साह देखा गया वह सभी के लिए प्रेरणादायी है। पैरो से लाचार कस्तूरीबाई ने प्रण कर रखा है कि मतदान जरूर कर करेंगे। इसी जिद के आगे आश्रम के संचालक ने अपने वाहन मंे उन्हें बैठाकर मतदान केन्द्र तक लाएं और अपने दोनो हाथो से मतदान केन्द्र की सीढ़िया चढें और सहायक की मदद से मतदान करने के उपरांत चर्चा मेें उन्होंने बताया कि लगभग 11 चुनाव में अब तक मतदान कर चुकी हूं। उन्होंने प्रजातंत्र के लिए मतदान को अतिमहत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि पहली बार हम दिव्यांगजनों के लिए जो सुविधाएं निर्वाचन आयोग के द्वारा दी गई है इससे पहले कभी नही मिली है। मैं जीते जी हर बार मतदान करूंगी और ऐसी ही कामना में दूसरों से करती हूं।  विदिशा नगर के लक्ष्मीबाई धर्मशाला मतदान केन्द्र पर 81 वर्षीय सेवानिवृत्त अभियांत्रिकी व्याख्याता दिव्यांग श्री शिवनारायण अग्रवाल ने अपने पुत्र श्री धीरज अग्रवाल के साथ व्हीलचेयर से पहुंचकर मतदान का जज्बा दिखाया। उन्होंने कहा कि संविधान के द्वारा जो मतदान का जो अधिकार मिला है उसका हम सबकों सदुपयोग करते हुए प्रजातंत्र राष्ट्र निर्माण के कदम में सहभागी बने रहें। क्रमांक 72/अहरवाल

कोई टिप्पणी नहीं: