यमुना सफाई के लिए 12 संयंत्रों पर काम शुरू : गडकरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018

यमुना सफाई के लिए 12 संयंत्रों पर काम शुरू : गडकरी

work-begins-at-12-plants-for-cleaning-yamuna
नई दिल्ली 28 दिसम्बर, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से होकर बह रही यमुना की सफाई के लिए 12 संयंत्रों पर काम शुरू किया गया है और उन्हें उम्मीद है कि यह काम पूरा होने के बाद यमुना में स्वच्छ जल प्रवाहित होने लगेगा। श्री गडकरी ने कहा कि गंगा सफाई का कार्य चुनौतीपूर्ण है। इसके लिए धन की कमी नहीं आने दी जायेगी। सरकार इस योजना पर 26 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है, लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में इस संबंध में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि इस कार्य के लिए कम से कम एक करोड़ लोगों से सीधे इलेक्ट्राॅनिक हस्तांतरण के जरिये आर्थिक सहयोग लिया जायेगा ताकि कम से कम इतने लोगों को यह एहसास हो कि उन्होंने भी गंगा को स्वच्छ अभियान बनाने में अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि गंगा को पूरी तरह से निर्मल बनाने में अभी दो साल से ज्यादा का समय लग जायेगा। उनका कहना था कि गंगा नदी पर बने नहरों में आपसी समन्वय के जरिये यह सुनिश्चित किया जायेगा कि अविरल गंगा के लिए कब कितना पानी छोड़ जाये। इस संबंध में उत्तराखंड की सरकार से भी सहयोग लिया जा रहा है और इसके लिए एक अधिसूचना भी जारी की गयी है।  श्री गडकरी ने यह विचार ‘स्पर्श गंगा अभियान’ और ‘नमामि गंगे’ के तत्वावधान में आयोजित इंटरनेशनल कनवेंशन आॅन एनवायरनमेंट एंड अवार्ड, 2018 कार्यक्रम को संबोधित करते हुये व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि इन सभी संयत्रों का निर्माण होने के बाद यमुना में गंदा पानी प्रवाहित नहीं किया जायेगा। परियोजनाओं पर लगभग 4,000 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है। उन्होंने गंगा सफाई के लिए चलाए जा रहे ‘स्पर्श गंगा अभियान’ की सराहना की और इससे जुड़े लोगों को सम्मान पत्र भी दिया। अभियान की शुरुआत उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने 2009 में की थी। इस अवसर पर केद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा एवं पतांजलि के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आचार्य बालकृष्ण भी मौजूद थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गंगा के साथ ही यमुना को भी स्वच्छ बनाने की कई योजनायें शुरू की गयी हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में यमुना की कुल लंबाई 22 किलोमीटर है, लेकिन यह 22 किलोमीटर बहते-बहते यमुना 80 फीसदी प्रदूषित हो जाती है। उन्होंने कहा कि न सिर्फ दिल्ली और हरियाणा में बल्कि यमुना की सफाई के लिए मथुरा, वृंदावन और आगरा में भी संयंत्र लगाये जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हिमाचल में भी इस नदी की सफाई का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। 

कोई टिप्पणी नहीं: