सुशासन सरकार के द्वारा आंदोलन के 30 दिनों के बाद भी सुनवाई नहीं मांगों को लेकर हर द्वार खटखटाया
पटना,05 जनवरी। सूबे के 38 जिले में महिलाओं के द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। 01 दिसम्बर से आशा कार्यकर्ता और 05 दिसम्बर से आंगनबाड़ी व सेविका आंदोलनरत हैं। राज्यकर्मी घोषित कर वेतन 18 हजार रूपए देने की मांग रहे हैं। इस ओर सरकार किंकर्तव्यविमूढ़ है। इसके कारण आंदोलनकारियों को विभिन्न तरह का कार्यक्रमों का सहारा लेना पड़ रहा है।सटरडे को आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं ने थाली बजाकर सरकार को जगाने के रैली निकालकर अपनी मांगें को मांगी। बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले पटना जिला इकाई कुमारी रंजना यादव की अध्यक्षता में आज दिनांक 05 -01-019 को दानापुर परियोजना से दानापुर (पटना) मिलेट्री छावनी गोलंबर तक थाली बजाकर रैली निकाली। आंदोलनकारी अपनी-अपनी हाथों में थाली लेकर बजाते चल रही थीं। वहीं गगनचुम्बी आवाज में मांगे मांग रही थीं। अभी तुरंत मांगे पूरी करो, नहीं तो कुर्सी छोड़ दो ,छोड़ दो।अभी करो अर्जेंट करो,हमलोगों को परमानेंट करो। जब तक सेविका- सहायिका भूखा है, ज्ञान की सागर सूखा है। हम आंगनबाड़ी की नारी हैं, फूल नहीं चिंगारी हैं । इसके थाली बजाकर गीत भी गाकर रैली निकाली मांगें मांग रही थीं। बताते चले कि 05 दिसंबर, 2018 से अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। पूरे राज्य में हड़ताल सफल है। चट्टानी एकता रहने के कारण समाज कल्याण विभाग के निदेशक के द्वारा पत्र जारी कर हड़ताल तोड़ने की धमकी दे रहे हैं। इस तरह की धमकी से सेविका व सहायिका डरने वाली नहीं है। मीडिया भाई मुख्यमंत्री को संदेश अपने माध्यम से पहुंचा दीजिए कि थाली बजाकर रैली निकालकर उनके दरवाजे में मजदूरी मांग रही हैं। आन्दोलन में पूनम कुमारी कोषाध्यक्ष ,रीता कुमारी, पिंकी तिवारी, देवमुनी देवी, सुमन सिंहा, सुनीता कुमारी, मंजू देवी, मीना कुमारी,गीता कुमारी ,आशा देवी ,शोभा कुमारी ,सविता देवी, संध्या कुमारी आदि शामिल थे।
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