नयी दिल्ली, 02 जनवरी, सरकार ने पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से ठंडे बस्ते में पड़े असम समझौते को प्रभावी ढंग से लागू करने के उपाय सुझाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। सरकार ने बोड़ो समुदाय से संबंधित लंबित मुद्दों के समाधान के लिए भी कई कदम उठाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इन निर्णयों से संबंधित प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी। बैठक के बाद केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि केन्द्र, असम सरकार और अखिल असम छात्र संघ (आसु) ने 15 अगस्त 1985 को असम समझौते पर हस्ताक्षर किये थे लेकिन 35 वर्ष बीतने के बावजूद यह प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसके प्रभावी क्रियान्वयन का निर्णय लिया है और इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। समिति इस समझौते के अनुच्छेद 6 की पूरी तरह समीक्षा करेगी और अपनी सिफारिशें देगी। समिति के स्वरूप और उसकी सेवा शर्तों के बारे में दो-तीन में जानकारी सार्वजनिक कर दी जायेगी। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि समिति में असम के लोगों का भी प्रतिनिधित्व होगा।
बुधवार, 2 जनवरी 2019
असम समझौते के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समिति गठित
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