बिहार : कार्यकर्ताओं द्वारा बेहतर कार्य करने का प्रभाव सामने दिखने लगा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 2 जनवरी 2019

बिहार : कार्यकर्ताओं द्वारा बेहतर कार्य करने का प्रभाव सामने दिखने लगा

  • कटिहार जिले के समेली और कुर्सेला प्रखंड में
  • गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के

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पटना,02 जनवरी। कटिहार जिले के समेली और कुर्सेला प्रखंड में गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा बेहतर कार्य करने का प्रभाव सामने दिखने लगा है। उक्त समिति को जलापूर्ति केंद्र को चालू करवाने में सफलता मिली है। करीब डेढ़ साल से तीन जगहों में बनकर तैयार था। मगर चालू नहीं किया जा रहा था। काफी दबाव के बाद जलापूर्ति केंद्र चालू हो सका। वहीं लगातार समेली और कुर्सेला प्रखंडों में दबाव बनाने से प्रखंडकर्मी सक्रिय हो गए हैं। इसका सकारात्मक परिणाम सामने आने लगा है।  बताते चले कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चिय के तहत तीन जगहों पर जलापूर्ति केंद्र निर्माण किया गया था। समेली प्रखंड के डूमर पंचायत के कामास्थान, बकिया में जलापूर्ति केंद्र निर्माण किया गया। इसी तरह उत्तरी मुरादपुर ग्राम पंचायत के बल्थी महेशपुर मुसहरी और पूर्वी मुरादपुर ग्राम पंचायत के तिनघरिया दलित मोहल्ला में जलापूर्ति केंद्र निर्माण किया गया। तीनों जलापूर्ति केंद्र हाथी के सफेद दांत प्रतीत होने लगा। डेढ़ साल से बंद था।  सफेद ह लोगों को स्वच्छ पेयजल मिलने लगा है। समिति के कार्यकर्ताओं के द्वारा बारम्बार प्रयास करने से जलापूर्ति केंद्र चालू हो सका। करीब 150 परिवारों को शुद्ध पेयजल मिलने लगा है।  बताते चले कि कुर्सेला प्रखंड के उत्तरी ग्राम पंचायत के वार्ड नम्बर-7 के बल्थी महेशपुर के महादलित मुसहर समुदाय के लोग भूमिहीन थे। तब कल्याणकारी सरकार के द्वारा  महादलितों को लाल कार्ड के माध्यम से जमीन मिली। महादलितों को लाल कार्ड की जमीन का विवरण यह है, लाल कार्ड केस 33/1984-85 द्वारा भूमि प्राप्त है। खेसरा सं0 10830 का सीमांकन किया गया। खेसरा सं0 10830 के पूरब एवं दक्षिण से लाल कार्ड धारियों का दखल कब्जा है। मौजा -मुरादपुर चादर है। थाना नं. 291, थाना-कोड़ा, पुलिस थाना-कुर्सेला, जिला-कटिहार, पैमाना-16‘‘ Ú 1 मील, सन् 1954-56। खाता सं. 1936, खेसरा-10830 और रकवा-1650 है। महादलित कब्जा नहीं होने से परेशन थे। तब जाकर पीजीभीएस के कार्यकर्ताओं ने आवेदन लिखकर सीओ कुर्सेला को दिया गया। 16 महादलितों को सीमांकन कराकर जमीन पर कब्जा करा दिया गया है। यह जमीन करीब 16 लाख रू. की है। सभी 16 लोगों को 1 लाख रू.की जमीन प्राप्त हुई। महादलितों को 16.9.2018 को कब्जा मिला। कागजात अक्टूबर में प्राप्त हुआ। इसी तरह समेली प्रखंड के मलहरिया ग्राम पंचायत के मलहरिया गांव में रहने वाले टुनटुन मुनी को वासगीत पर्चा मिला। 2 डिसमिल जमीन की कीमत 2 लाख रू.है। बताते चले कि डूमर पंचायत के बकिया मुसहरी के आवासीय भूमिहीनों ने 23 नवम्बर को समेली प्रखंड सह अंचल कार्यालय में जाकर अंचल पदाधिकारी राजेश कुमार की गैरमौजूदगी में अंचल कार्यालय के बड़ा बाबू को आवेदन दिया। वार्ड सदस्य बहादूर ऋषि ने कहा कि आजकल कार्यालय के लोग बहुत ही होशियार हो गए हैं। आवासीय भूमिहीनों से सवाल दर सवाल कर उगलवाना चाहते हैं कि उनके पास जमीन है। कहते हैं कि आपके पास अगर जमीन है तो तुरंत ही वासगीत निर्गत कर देंगे। ऐसा करने से आवासीय भूमिहीनों को जमीन नहीं दी जाएगी। यहां पर कर्मचारी ने जांचकर 40 आवासीय भूमिहीनों का चयन किया है। अब देखना है कि कब जमीन मिल रही है। समेली प्रखंड के प्रखंड समन्वयक राजकुमार भारती ने कहा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लेने जा रहे है कि प्रेषित आवेदनों पर क्या कार्रवाई की गयी और कितने आवासहीनों को जमीन देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। बताते चले कि कुर्सेला प्रखंड के तिनघरिया दलित टोला के 44 दलितों को वासगीत पर्चा नहीं मिल रहा है। इन लोगों का आवेदन तैयार किया गया। कुर्सेला प्रखंड के प्रखंड समन्वयक प्रदीप कुमार ने 3 दिसम्बर को कटिहार जाकर उप समाहर्ता भूमि सुधार के कार्यालय में आवेदन जमा कर दिया। अब 44 दलितों का वासगीत पर्चा नहीं देने का मसला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी,लोक शिकायत निवारण कानून को 29 दिसम्बर को भेज दिया गया है। आवासीय भूमि अधिग्रहण मोर्चा के अध्यक्ष अनिल राम ने शिकायत दर्ज किए हैं।

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