बिहार : खेतिहर मजदूरों की भी बड़ी तादाद उतरेगी बंद में: धीरेन्द्र झा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 6 जनवरी 2019

बिहार : खेतिहर मजदूरों की भी बड़ी तादाद उतरेगी बंद में: धीरेन्द्र झा

  • 9 जनवरी के बिहार बंद को लेकर पटना में चला प्रचार.
  • संगठित-असंगठित मजदूरों की देशव्यापी हड़ताल म ोदी-नीतीश को करारा जवाब.
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पटना 6 जनवरी 2018 , 8-9 जनवरी को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में वाम दलों ने आगामी 9 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान किया है. बंद के समर्थन में आज राजधानी पटना में प्रचार वाहन निकाला गया और छात्र-नौजवानों, दुकानदारों, शिक्षकों व कामकाजी लोगों से 9 जनवरी को बिहार बंद ऐतिहासिक बनाने की अपील की गई. प्रचार वाहन व नुक्कड़ सभाओं का नेतृत्व नौजवान नेता सुधीर कुमार, आइसा नेता निशांत व रामजी यादव आदि कर रहे थे. आज अहले सुबह से गांधी मैदान, अशोक राजपथ, कंकड़बाग, कुम्हरार, हनुमाननगर, चितकोहरा, राजाबाजार, दीघा, दानापुर आदि इलाकों में माइक से प्रचार किया गया और नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया गया.

भाकपा-माले ने बंद के समर्थन में रेलवे, बैंकों व अन्य विभागों में भी सघन प्रचार अभियान चलाया.
खेग्रामस के महासचिव धीरेन्द्र झा ने कहा कि मजदूरों की हड़ताल का खेत व ग्रामीण मजदूर भी समर्थन कर रहे हैं. खासकर मोदी राज में मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों की वजह से मनरेगा व अन्य मजदूर भूखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. हम मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी की गारंटी व साल में न्यूनतम 200 दिन काम की मांग पर हड़ताल में शामिल हो रहे हैं. हम बंद में खेतिहर मजदूरों के लिए वास-आवास की जमीन की भी मांग कर रहे हैं उन्होंने यह भी कहा कि  देश के हर दलित-गरीब-मजदूर परिवार को अपने ही देश में अपना एक निश्चित ठिकाना हो-आशियाना हो, इसकी गारंटी भी आजादी के 70 साल से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद भी हुक्मरान नहीं कर पा रहे हैं. देश में बहस इस बात पर नहीं हो रही है कि संसद में विशेष अध्यादेश लाया जाय जो देश के हर नागरिक के वास-आवास के अध्किार की गारंटी करे और सबों के लिए घर के सपना को पूरा करे.

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