नयी दिल्ली, तीन जनवरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत लाल बहादुर शास्त्री के प्रसिद्ध नारे ‘जय जवान जय किसान’ और पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के नारे ‘जय विज्ञान’ में बृहस्पतिवार को ‘जय अनुसंधान’ जोड़ दिया। उन्होंने कॉलेजों और राज्य विश्वविद्यालयों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजना तैयार किए जाने का आह्वान किया। वह जालंधर में आयोजित 106वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस में ‘भविष्य का भारत : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी’ विषय पर बोल रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों का जीवन और कार्य प्रौद्योगिकी विकास तथा राष्ट्र निर्माण के साथ गहरी मौलिक अंतदृर्ष्टि के एकीकरण का शानदार उदाहरण है। मोदी ने कहा कि नवोन्मेष और स्टार्ट अप्स पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। पहले के 40 साल के मुकाबले पिछले चार साल में प्रौद्योगिकीय व्यवसाय के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘आज का नया नारा है- जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान। मैं इसमें जय अनुसंधान जोड़ना चाहूंगा।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का प्राचीन ज्ञान केवल अनुसंधान पर आधारित रहा है और भारतीयों ने गणित, विज्ञान, संस्कृति और कला में अपने योगदान के जरिए विश्व को नयी दिशा दिखाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में, खासकर किसानों की मदद के लिए बड़े डेटा विश्लेषण, कृत्रिम मेधा, ब्लॉक श्रृंखला प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने वैज्ञानिकों से लोगों के जीवन को असान बनाने की दिशा में काम करने का आग्रह भी किया। मोदी ने कहा कि यह विज्ञान ही है जिसके माध्यम से भारत अपने वर्तमान को बदल रहा है और अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए कार्य कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारतीय विज्ञान के लिए 2018 एक अच्छा वर्ष रहा। इस साल हमारी उपलब्धियों में उड्डयन श्रेणी के जैव ईंधन का उत्पादन, दृष्टिबाधितों के पढ़ने में मदद करने वाली मशीन -दिव्य नयन, सर्वाइकल कैंसर, टी बी, डेंगू के निदान के लिए किफायती उपकरणों का निर्माण और भूस्खलन के संबंध में सही समय पर चेतावनी प्रणाली जैसी चीजें शामिल हैं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘हमें अपनी अनुसंधान एवं विकास उपलब्धियों के व्यावसायीकरण के लिए औद्योगिक उत्पादों के जरिए एक सशक्त योजना की आवश्यकता है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य चीजों को साथ लाने और संयुक्त प्रौद्योगिकियों का है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें देश की समृद्धि के लिए उत्प्रेरित, तैयार होना चाहिए और बदलाव का प्रबंधन करना चाहिए। अनुसंधान और विकास में हमारी शक्तियां हमारी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, आईआईएससी, टीआईएफआर और आईआईएसईआर के आधार पर निर्मित हैं। हालंकि हमारे 95 प्रतिशत विद्यार्थी राज्य विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों में जाते हैं।’’ मोदी ने यह भी कहा कि इन विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अनुसंधान का सशक्त माहौल बनना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कॉलेजों और राज्य विश्वविद्यालयों में अनुसंधान को मजबूती देने के लिए मैं आपको इन मुद्दों पर व्यापक रूप से चर्चा करने और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ मशविरा कर कार्य योजना तैयार करने के लिए प्रधानमंत्री विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष परिषद में आमंत्रित करता हूं।’’
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