नयी दिल्ली 03 जनवरी, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरूवार काे कहा कि ऋण चुकाने में अक्षम कंपनियों के मामलों के राष्ट्रीय कंपनी लॉ न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा एनपीए के 66 मामलों में 80 हजार करोड़ रुपये की वसूली करने में मदद मिली है और चालू वित्त वर्ष के अंत तक 70 हजार करोड़ रुपये की वसूली प्रक्रिया पूरी होने वाली है। श्री जेटली ने शोधन एवं दिवालियपन संहिता (आईबीसी) के प्रभावी होने के दो वर्ष पूरे पर लिखे अपने ब्लाग में कांग्रेस पर व्यावसायिक ऋण के निपटान के लिए ‘अराजक व्यवस्था’ विरासत में छोड़कर जाने का आरोप लगाते हुये कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने एनपीए वसूली की दिशा में तेजी से काम किया और आईबीसी कानून बनाया। उन्होंने कहा कि एनसीएलटी ने वर्ष 2016 के अंत में कंपनियों के एनपीए के मामलों पर काम करना शुरू किया और अब तक 1322 मामले स्वीकार किये जा चुके हैं जबकि 4452 मामलों का एनसीएलटी द्वारा स्वीकार किये जाने से पहले ही समाधान हुआ जिससे 2.02 लाख करोड़ रुपये के एनपीए का समाधान करने में मदद मिली है। 66 मामलों का एनसीएलटी में आपसी बातचीत पर निटपाये गये हैं जिससे 80 हजार करोड़ रुपये के एनपीए का समाधान हुआ है जबकि 260 मामलों में नीलामी के आदेश दिये गये हैं। एनसीएलटी भूषण पॉवर एंड स्टील लिमिटेड और एस्सार स्टील इंडिया लिमिटेड जैसी 12 बड़े मामलों के समाधान की दिशा में बढ़ रहा है और इन मामलों में समाधान होने पर ऋणदाताओं को 70 हजार करोड़ रुपये मिलनेे वाले हैं। उन्होंने कहा कि एनपीए खातों के संचालित खातों में बदलने में तेजी आयी है और नये एनपीए बनने के मामलों में कमी आयी है। इससे कर्ज लेने और ऋण देने दोनों में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि वर्श 2008 से 2014 के दौरान मनमाने ढंग से दिये ऋण की वजह से एनपीए में भारी बढोतरी हुयी।
गुरुवार, 3 जनवरी 2019
एनसीएलटी से 80 हजार करोड़ रुपये की वूसली में मदद मिली : जेटली
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