यू-ट्यूब पर एलबम अपलोड शोहरत हासिल करने वाला युवा नीरज बाबा के अभिनय व गीतों के लोग हैं दिवाने
दुमका (अमरेन्द्र सुमन) भोजपुरी गायन के क्षेत्र में उभरता हुआ नाम है नीरज बाबां। यू-ट्यूब पर भोजुपरी, बंग्ला व खोरठा में गायन व अभिनय के अपलोड एलबम से इस 26 वर्षीय युवक ने अपनी एक अलग पहचान बना रखी है। लाखों फाॅलोवर उसके अभिनय व गायन के दिवाने हैं। यू-ट्यूब पर कई-कई एलबम अपलोड कर इसने जो शोहरत हासिल की है, कम ही लोगों को नसीब हो पाता है। संताल परगना प्रमण्डल के जिला पाकुड़ के छक्कुधारा ग्राम के रहने वाले नीरज बाबा ने दुमका में रहकर जहाँ एक ओर उच्चस्तरीय षिक्षा पायी, वहीं दूसरी ओर दुमका को अपनी कर्मभूमि बनाकर राष्ट्रीय फलक पर अभिनय व गायन के क्षेत्र में इसने एक बड़ी दस्तक दी है। वर्ष 2017 से अभिनय व गायन साथ-साथ प्रारंभ करने वाले इस होनहार युवक को अब बड़ी-बड़ी भोजपुरी फिल्मों के संगीत निर्देषकों का आॅफर भी मिल रहा है। पंचायत समिति सदस्य अरुण प्रसाद के इस होनहार पुत्र में इतनी क्षमता है कि अपने अभिनय व गायन के दम पर बड़े-बड़ो को इसने अपना दिवाना बना लिया है। पहले विष्णु गुरु जी व बाद में ललन जी महाराज के संगीत महाविद्यालय माँ काली आदर्ष महाविद्यालय से संगीत की षिक्षा हासिल करने वाले नीरज बाबा ने जहाँ एक ओर ’’हैप्पी न्यू इयर मोदी जी’’ एलबम से रातों-रात बुलन्दियों को छू लिया वहीं दूसरी ओर ’’दिल भईलवा पागल’’, जब से देखले बानी दुमका बाजार’’, ’’बनारस वाली साड़ी’’, ’’मोदी जी चलीं देवघर’’, दही-चूड़ा खाऐंगे नया साल में’’, मुर्गा भंुजाई तेल डाल-डाल रे’’, ’’ ऐ राजा हो, कमरिया दुखात ह’’, व कांवर किनेल चलऽ दुमका बाजार में’’, जैसे एलबम के गीतों को लाखों लोगों ने देखा और उसे अपने-अपने तरीके से अपलोड किया। यू-ट्यूब मंे अभिनय के साथ अपने लिखे गानों से लाखों रुपये इसने कमाए। अभिनेता व गायक नीरज बाबा का कहना है जिस धरती से उसे अभिनय व गायन के क्षेत्र मंे शोहरत हासिल हुई है उस धरती को राष्ट्रीय फलक पर पहुँचाना ही उसका सबसे बड़ा उद्देष्य है। अभी तक सैकड़ो स्टेज शो व बड़े-बड़े कार्यक्रमों में षिरकत कर चुके नीरज बाबा क्षेत्रीय भाषा को अपनाकर ही आगे बढ़ने की तमन्ना रखते हैं। नीरज बाबा का कहना है हाॅलीबुड में सैकड़ों ऐसे अभिनेता-अभिनेत्री, गायक व संगीतकार हैं जिन्होंने क्षेत्रीय भाषा को अपनाकर और उसके माध्यम से ही अपनी एक मुकम्मल पहचान बनायी है। भोजपुरी के कई सुपर स्टार आज पूरे भारतवर्ष में छाये हैं। नीरज बाबा का कहना है अपनी भाषा को कभी भूलना नहीं चाहिए। पंजाबी, बंग्ला, मराठी की तरह ही भोजपुरी भाषा भी पूरे विष्व में प्रचारित है। एकबार जो भोजपुरी गायन का लुप्त उठा लेते हैं उसे वे छोड़ते नहीं। मूलतः भोजपुरी भाषी नीरज बाबा से जब यह सवाल पूछा गया कि अभिनय व गायन के क्षेत्र में आप किसे अपना आदर्ष मानते हैं का जबाव देते हुए कहा कि उनके गुरु उनके पिताजी हैं। बचपन से ही वे पिता के साथ सुल्तानगंज से बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण के लिये जाते रहे हैं। भक्तिमय भोजपुरी गायकों की टोली का गायन श्रवण कर वे हमेषा ही कहा करते थे टेलेन्ट खुद-ब-खुद निखरता है, एक जुझारु प्रयास की जरुरत है। भोजपुरी के अलावे बंग्ला, व खोरठा में भी इस कमउम्र लड़के ने कई एलबम तैयार किये हैं। बंग्ला भाषा मंे तैयार किया गया एलबम नुनु कांदिस ने, कांवर किनी दिबो’’, काफी लोकप्रिय रहा जिसे बंगाल व अन्य बंग्लाभाषी प्रदेषों में भरपूर देखा गया। इसी तरह खोरठा में ’’मुखिया की बेटी शादी कराय दे’’, भी काफी लोकप्रिय रहा। दुमका में कुरुवा वाले प्रिय मित्र मुन्ना भाई के सहयोग को नीरज बाबा नहीं भूलते। नीरज बाबा का कहना है जब भी एलबम बनाने की योजना पर काम प्रारंभ होता है मित्र मुन्ना भाई का सहयोग हमेषा बना रहता है। वैसे और भी मित्र हैं जिनका सानिध्य व सहयोग मिलता रहता है किन्तु कुरुवा वाले मुन्ना भाई की बात ही जुदा है। नीरज बाबा उन्हें नहीं भूलना चाहते जिन्होंने इस मुकाम तक पहुँचने में उनकी सहायता की। बक्सर के लेखक द्वय बिट्टू तिवारी व नन्हें नितिष तथा वीडियो डायरेक्टर संजय कुमार सिंह नीरज बाबा को इस मुकाम तक पहुँचाने वाले सबसे आदरणीय रहे हैं। नीरज बाबा का कहना है यदि उपरोक्त का सहयोग प्राप्त नहीं होता तो वह इतना लोकप्रिय नहीं होता। वर्षा फिल्म प्रोडक्षन जो भोजपुरी फिल्मों की सुटिंग्स की बड़ी कम्पनी है नीरज बाबा इस प्रोडक्षन हाउस के भी बड़े आभार हैं जिसने उसके अभिनय व गायन को उँचाई तक पहुँचाया। फिलवक्त बनारस में रहकर कई बड़े एलबम पर नीरज बाबा काम कर रहे हैं जो आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा।
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