नयी दिल्ली, 02 जनवरी, राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले की समीक्षा करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा एवं अरुण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने बुधवार को एक याचिका दायर की। उच्चतम न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर 14 दिसंबर को निर्णय दिया था। इस निर्णय की समीक्षा करने के लिए तीनों ने याचिका दायर की है। तीनों ने अपनी समीक्षा याचिका पर खुली अदालत में मौखिक सुनवाई का भी आग्रह किया है। याचिका में कहा गया है कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर 14 दिसंबर के उच्चतम न्यायालय के फैसले में कई त्रुटियां हैं। याचिका में कहा गया है कि मामले में फैसला सुरक्षित रखे जाने के बाद कई नये तथ्य सामने आये हैं, जिन्हें देखते हुए इस मामले के तह तक जाने की जरूरत है। तीनों याचिकाकर्ताओं ने कहा,“ नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक (कैग) की राफेल पर रिपोर्ट न तो सौंपी गयी है और न ही इसका अध्ययन किया गया है ।” मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने 14 दिसंबर को राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर को लेकर दायर सभी याचिकाओं को निरस्त कर दिया था। याचिकाओं में फ्रांस के साथ हुए राफेल लड़ाकू विमान सौदे की न्यायालय की निगरानी में जांच का अनुरोध किया गया था। उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि सौदे की निर्णायक प्रक्रिया में शक की गुंजाइश नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा था कि कीमत देखना उसका काम नहीं है ।
बुधवार, 2 जनवरी 2019
राफेल सौदा मामले पर फैसले की समीक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका
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