पटना 7 जनवरी 2018 भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने शेल्टर होम रेप मामले में सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट पर गहरा असंतोष जाहिर किया है. कहा कि इस मामले में राजनीतिक संरक्षण की जांच आंदोलनों की एक प्रमुख मांग थी लेकिन चार्जशीट में इस पहलू को छुआ तक नहीं गया है. जांच की प्रक्रिया को लेकर हमें पहले से ही संदेह था जो आज पूरी तरह सच साबित हो रही है. कहा कि बिहार की जनता के लंबे आंदोलनों के उपरांत मुजफ्फरपुर व अन्य शेल्टर होम की सीबीआई जांच आरंभ हुई. इस संस्थागत यौन उत्पीड़न के तार सत्ता के शीर्ष तक पहंुचने का अंदेशा पहले से ही लगाया जाता रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह सबकुछ राज्य सरकार के संरक्षण में हुआ है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के ही पास लंबे समय से सूचना व जनसंपर्क का विभाग था जिसके जरिए नकली अखबारों को करोड़ों का विज्ञापन दिया गया. इसी के जरिए ब्रजेश ठाकुर की लूट व दरिंदगी का साम्राज्य खड़ा हुआ. नीतीश-मोदी के एनजीओ माॅडल के तहत ही तमाम एनजीओ की फंडिंग होतेे रही है, जिसने अनाथ बच्चे-बच्चियों-महिलाओं की सेवा-सुरक्षा के बदले पूरे तंत्र को लूट, यातना और सेक्स रैकेट का अमानवीय व घृणित खेल बना दिया. ऐसी स्थिति में नीतीश कुमार व सुशील मोदी भी पूरी तरह शक के दायरे में हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में हम सुप्रीम कोर्ट से शेल्टर होम मामले की राजनीतिक संरक्षण की जांच के संबंध में हस्तक्षेप करने की मांग करते हैं.
सोमवार, 7 जनवरी 2019
बिहार : शेल्टर होम रेप मामले के राजनीतिक संरक्षण पर डाला जा रहा है पर्दा : माले
Tags
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
Labels:
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें