वाराणसी (सुरेश गांधी)। मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत स्वदेशी तकनीक अपनाते हुए विश्व में पहली बार डीजल रेल कारखाना (डीरेका) में सबसे शक्तिशाली मालवाहक विद्युत रेल इंजन तैयार हो गया है। डीरेका की ओर से डीजल इंजन से विद्युत इंजन में रूपांतरित 12000 अश्व शक्ति के इस रेल इंजन को परीक्षण के लिए पश्चिम-मध्य रेलवे के तुगलकाबाद शेड को भेजा गया है। डीरेका के उपमहाप्रबंधक नितिन मेहरोत्रा ने बताया कि 12000 अश्व शक्तिके रेल इंजन का निर्माण कर डीरेका ने अपने स्वर्णिम इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ लिया है। 4000 अश्व शक्ति के दो डब्ल्यूडीजी-4 रेल इंजनों को रूपांतरित कर 12000 अश्व शक्ति का एक डब्ल्यूएजी-11 विद्युत इंजन बनाया गया है। इसके लिए पहले 4000 अश्व शक्ति के दो डीजल इंजनों को 6000 अश्व शक्ति के विद्युत इंजनों में रूपांतरित किया गया। बाद में उन्हें जोड़कर 12000 अश्व शक्ति का इंजन तैयार किया गया। इंजन 105 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है। 252 टन वजन वाले इस इंजन में तीन फेज इंडक्शन मोटर, चार पावर कन्वर्टर लगे हैं। साथ ही रिजेनेरेटिव व न्यूमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम से युक्त है। डीरेका ने इसे चितरंजन रेल इंजन कारखाना तथा अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के सहयोग से इंजन तैयार किया गया है।
शनिवार, 5 जनवरी 2019
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वाराणसी : डीरेका ने बनाया सबसे शक्तिशाली रेल इंजन जांच के लिए भेजा गया तुगलकाबाद शेड
वाराणसी : डीरेका ने बनाया सबसे शक्तिशाली रेल इंजन जांच के लिए भेजा गया तुगलकाबाद शेड
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