राज्यसभा के सत्र की अवधि बढी, आज भी नहीं हुआ कामकाज - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 8 जनवरी 2019

राज्यसभा के सत्र की अवधि बढी, आज भी नहीं हुआ कामकाज

session-of-the-rajya-sabha-exended-no-work-today
नयी दिल्ली 08 जनवरी, राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के कारण आज भी कोई कामकाज नहीं हो सका और इसके शीतकालीन सत्र की अवधि अचानक बढा दी गयी जिसका विपक्षी सदस्यों ने कड़ा विरोध किया है, शीतकालीन सत्र का आज अंतिम दिन था और विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए सदन में सुबह से ही जबरदस्त हंगामा किया जिसके चलते पांच बार के स्थगन के बाद उप सभापति हरिवंश ने आखिरकार तीन बजकर 35 मिनट पर कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी। सत्र का अंतिम दिन होने के मद्देनजर कार्यवाही अनिश्चतकाल के लिए स्थगित की जानी थी लेकिन इसे बुधवार सुबह तक स्थगित करने की घोषणा की गयी।  विपक्षी सदस्य इससे खासे नाराज हो गये और वे सत्र की अवधि बढाये जाने का विरोध करते हुए सदन की कार्यवाही स्थगित किये जाने के बाद भी वहां बैठे रहे।  विपक्षी सदस्यों ने सीबीआई के दुरूपयोग के मुद्दे को शून्यकाल में ही जोर शोर से उठाया और हंगामे के चलते कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गयी। कार्यवाही पुन: शुरू होने पर विपक्ष ने इस मुद्दे को फिर से उठाया जिसके कारण कार्यवाही पहले दो बार और फिर तीन बजे तक स्थगित की गयी।  तीन बजे कार्यवाही फिर शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने सदन में एक बार फिर से शोर शराबा शुरू कर दिया। जिस पर उप सभापति ने पहले कार्यवाही साढे तीन बजे तक और बाद में दिन भर के लिए स्थगित कर दी। इस दौरान हंगामे के बीच ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने भारतीय चिकित्सा परिषद से संबंधित अध्यादेश के स्थान पर विधेयक पेश किया। हालाकि विपक्ष के हंगामे के कारण इस पर चर्चा नहीं हो सकी।  शीतकालीन सत्र की बैठक 11 दिसम्बर से शुरू हुई थी लेकिन विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण एक दिन छोडकर किसी भी दिन कामकाज नहीं हो पाया। हंगामे के कारण तीन तलाक से संबंधित बहुचर्चित विधेयक सदन में अभी तक पेश नहीं हो सका। लोकसभा इसे पारित कर चुकी है। 

कोई टिप्पणी नहीं: