नयी दिल्ली 04 फरवरी, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) राजीव महर्षि ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को आजादी के बाद का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार बताते हुये आज कहा कि उनका संगठन जीएसटी राजस्व का लेखा परीक्षण करने के तौर-तरीकों पर विचार कर रहा है। श्री महर्षि ने इंस्टीट्यूट आॅफ चार्टर्ड अकांउटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के प्लेटिनम जुबिली समाराेह को संबोधित करते हुये कहा कि कैग राज्यों से संबंधित रिपोर्ट राज्यपाल को और केन्द्र से संबंधित रिपोर्ट संसद को सौंपता रहा है, लेकिन जीएसटी ऐसा कानून है जो राज्य और केन्द्र दोनों पर एक समान क्रियान्वित है। इसके तहत राजस्व संग्रह भी एक ही स्थान पर होता है। इसलिए, कैग को भी इस संबंध में विचार करना पड़ रहा है कि इसका लेखा परीक्षण किस तरीके से किया जाये।
सोमवार, 4 फ़रवरी 2019
जीएसटी लेखा परीक्षण के तौर-तरीकोें पर विचार कर रहा है कैग
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