भाजपा शहादत पर कर रही सियासत.
22 फरवरी, पटना 2019, भाकपा-माले की एक उच्चस्तरीय टीम ने आज पटना जिले के मसौढ़ी का दौरा किया और पुलवामा में आतंकी हमले के शिकार संजय कुमार सिन्हा के परिजनों से मुलाकात की. टीम में भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद, केन्द्रीय कमिटी के सदस्य गोपाल रविदास, राज्य कमिटी सदस्य सत्यनायण प्रसाद, निर्माण मजदूर नेता कमलेश कुमार, भाकपा-माले की जिला स्तरीय नेता दयमंती सिन्हा, रिंकू देवी, प्रमोद यादव, विनेश चैधरी, खेग्रामस नेता संजय पासवान, श्रीभगवान पासवान, विरेन्द्र प्रसाद, जितेन्द्र राम, खुर्शीद अंसारी, योगेन्द्र केवट, जितेन्द्र राम, खुर्शीद अंसारी, योगेन्द्र केवट, पूर्व मुखिया गंगा दयाल सहित बड़ी संख्या में पार्टी के स्थानीय नेता-कार्यकर्ता शामिल थे. माले नेताओं की टीम सबसे पहले संजय कुमार सिन्हा के घर पहुंची, उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण किया तथा उन्हें पूरी पार्टी की ओर से श्रद्धांजलि दी. पीड़ित परिजनों में उनके पुत्र-पुत्र व पिता श्री महेन्द्र महतो से मिलकर शांक-संवेदना व्यक्त की. माले नेताओं ने पीड़ित परिजनों के साथ हर कदम पर होने का आश्वासन दिया. माले नेताओं ने आम ग्रामीणों से भी बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी घटना न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा में गंभीर चूक की ओर इशारा करती है बल्कि यह भाजपा सरकार की कश्मीर नीति की असफलता को भी दिखलाती है.
आज जहां पूरा देश इस दुख से उबरने की कोशिश कर रहा है, वहीं संघ ब्रिगेड इस जोड़-तोड़ में है कि कैसे हमारे जवानों के बलिदान का इस्तेमाल जन-भावनाओं को भड़काने के लिए किया जाय. वे इस हमले के जरिए वोटों की फसल काटना चाहते हैं. पाकिस्तान से युद्ध और उसकी बरबादी के नाम पर नफरत का माहौल खड़ा करने की कोशिश की जा रही है. इस माहौल की आड़ में कश्मीर, कश्मीर के लोगों, पूरे मुसलमान समुदाय के साथ साथ शांति, सद्भाव व न्याय की बात करने वालों, सरकार से जवाबदेही मांगने वालों पर हमला किया जा रहा है. आगे कहा कि यह बेहद चिंता की बात है कि संविधान की रक्षा की शपथ लेने वाले मेघालय के राज्यपाल और दिल्ली में एक भाजपा समर्थक विधायक समेत कई लोग सीधे-सीधे कश्मीरी जनता का बहिष्कार करने, कश्घ्मीरियों का जनसंहार करने, उनकी महिलाओं से बलात्कार करने के लिए लोगों को उकसा रहे हैं और समाज में जहर घोलने की कोशिश कर रहे हैं. गुजरात के एक भाजपा नेता ने तो अपने कार्यकर्ताओं से खुल कर कह ही दिया कि ‘राष्ट्रवाद की इस लहर को भाजपा के लिए वोटों में बदल दो’ माले नेताओं ने ग्रामीणों का आह्वान किया कि जवानों के बलिदान का फायदा भाजपा जैसी विभाजनकारी ताकतों को कभी नहीं मिलनी चाहिए. सरकार से पुलवामा में मारे गए सैनिकों को शहीद का दर्जा, पेंशन आदि सवालों पर संघर्ष जारी रखना होगा.
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