नयी दिल्ली, एक फरवरी, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि शुक्रवार को पेश किये गये बजट में किसानों को प्रति माह पांच सौ रुपये देने की घोषणा से पता चलता है कि गांव और किसानों के, सरकार द्वारा पैदा किये गये संकट से खुद सरकार किस हद तक नावाकिफ है। बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये येचुरी ने कहा, ‘‘अगर किसी किसान परिवार में पांच सदस्य हैं तो इस घोषाणा के तहत प्रत्येक सदस्य को तीन रुपये प्रतिदिन मिलेगा। यह इस बात का सबूत है कि मोदी सरकार ग्रामीण संकट से कितनी दूर है।’’ येचुरी ने किसान और गांव की समस्याओं के लिये सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा कि सरकार की गलत नीतियों ने ‘अन्नदाता’ को तबाह कर दिया है। इतना ही नहीं सरकार ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य और उनके वाजिब बकाया राशि का भी भुगतान करने से इंकार कर दिया है। उन्होंने रक्षा क्षेत्र के बजट में कटौती पर भी सरकार की आलोचना की। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘‘भारत के इतिहास में रक्षा क्षेत्र के लिये यह अब तक का सबसे कम बजट आवंटन है। मंहगाई दर और विदेशी विनिमय दर के लिहाज से सशस्त्र बलों को मौजूदा पायदान पर ही बरकरार रखना मुमकिन नहीं है।’’ बजट में सरकार के वादों के पूरे होने की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुये येचुरी ने कहा ‘‘मोदी सरकार 2014 में दस करोड़ रोजगार देने, सौ स्मार्ट शहर बनाने, किसानों की आय दोगुना करने और प्रत्येक व्यक्ति के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा कराने के वादे के साथ सत्ता में आयी थी। यह बजट आम चुनाव से पहले लोगों को बेवकूफ बनाने का एक और प्रयास है, लेकिन यह कोशिश कामयाब नहीं होगी।’’
शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2019
किसानों के संकट से सरकार वाकिफ नहीं : येचुरी
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