आम सभा में अध्यक्ष ने सामुहिक माफी मांगी
जमशेदपुर ---रविवार 3 फरवरी को मिथिला सांस्कृतिक परिषद के गोलमुरी परिषद के सभागार में काफी तु तु मै मै और औकात बता देने के माहौल के साथ आम सभा प्रारम्भ हुई । दोनो पक्ष यानी सत्ता पक्ष और विरोधी पक्ष दोनों ही पक्ष पुर्ण तैयारी के साथ सभागार में पहुंचे थे । इस आमसभा मे वर्ष 2018 के प्रस्ताव की जबरदस्ती और सत्ता पक्ष के गैरजिम्मेदाराना हरकत से संपुष्टि की गयी । यह बताना होगा कि जिस मुद्दे को लेकर हो हंगामा हुआ उस मुद्दे पर हर समय2000 ई से लेकर हरेक वर्ष यह मुद्दा छाया रहता है और इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष अपने जरूरत के मुताबिक आम सभा प्रस्ताव को पारित करवाने का काम करते रहे हैं ।मुद्दा है कि कोई समस्वरूप समाजिक सांस्कृतिक संस्था के पदाधिकारी या कार्य कारिणी सदस्य परिषद की कार्य कारिणी सदस्य नहीं हो सकते। इसी प्रस्ताव पर हो हल्ला शुरू हो गया । भारी विरोध के बाबजूद भी संपुष्टि कर दिया गया और यह तत्काल से ही लागू कर दिया गया ।इससे पहले सभी पदाधिकारी ,कार्यकारिणी सदस्य और आजीवन सदस्यों ने विद्यापति की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित ,मल्यापर्ण करसभा की शुरुआत की । सोसायटी एकट का उल्लंघन करते हुए भवन निर्माण के नाम पर काम में बाधा न हो इसके लिए 31दिसंबर तक वर्तमान कार्य कारिणी के कार्य काल को बढा दिया गया , इस प्रस्ताव को परिषद के वर्तमान उपाध्यक्ष अरूण कुमार झा कलाकार ने लाया जिसे आजीवन सदस्य ने एक दो विरोध के बाद पारित कर दिया गया । आजीवन सदस्यों ने अध्यक्ष और महासचिव से पुछा गया कि आप लोगों को कितना टाईम चाहिए महासचिव ने दिसंबर तक का समय माँगा और 31 दिसंबर 2019 से पहले नयी कार्यकारिणी गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी । कैलाश झा ने एक प्रस्ताव लाया कि एस एन ठाकुर को तीसरे ट्रेस्टी के रूप में चुना गया , कैलाश झा के इस प्रस्ताव को कुछ लोगों के विरोध के बाद आम सभा से पारित किया गया । एस एन ठाकुर के नाम पर आम सभा में एक मत नहीं था । कोषाध्यक्ष ने पिछले वित्तीय वर्ष के आय व्यय का लेखा जोखा सामने रखा इस पर क ई सदस्यों ने सवाल उठाये और कोषाध्यक्ष से इस्तीफा देने तक कह डाला कि कोषाध्यक्ष किसी लायक नहीं है सभा अध्यक्षीय भाषण के दौरान अध्यक्ष ने आम सभा में पुरी टीम के तरफ से माफी मांगी । मंच संचालन डा अशोक अविचल और राजेश कुमार झा ने की । अंत मे धन्यवाद ज्ञापन राजेन्द्र कुमार कर्ण ने किया और स्वागतभाषण राजीव रंजन ने किया । यह जानकर आश्चर्य होगा कि 1100 आजीवन सदस्यों वाली संस्था कोई भी प्रस्ताव 130 सदस्यों की उपस्थिति मे ही पारित करवा लेती है । जो सोसायटी एकट का खुल्लमखुल्ला खुल्ला उल्घंन है
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