अरुण कुमार (पूर्णियाँ से रंगमंचीय सामाचार) संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के व्यक्तिगत प्रस्तुति अनुदान योजना के अंतर्गत भरत नाट्य कला केन्द्र भनक पूर्णिया के तत्वावधान में 4 और 5 फरवरी 2019को जिला स्कूल पूर्णिया के प्रांगण में कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु की कहानियों पर आधारित नाटक रेणु के रंग, ठेस और आदिम रात्रि की महक का मंचन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन आकाशवाणी पूर्णिया के केन्द्र प्रधान डॉ प्रभात नारायण झा ने किया। बाद में प्रदर्शन के दौरान सदर पूर्णिया के माननीय विधायक श्री विजय खेमका जी भी पधारे।रेणु के रंग का निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी श्री उमेश आदित्य ने किया। ठेस का रूपांतरण और निर्देशन युवा रंगकर्मी शशिकांत प्रसाद ने किया।आदिम रात्रि की महक का रूपांतरण शशिकांत प्रसाद ने किया और निर्देशन किया वरिष्ठ रंगकर्मी श्री मिथिलेश राय ने।ज्ञात हो कि भनक ने पंद्रह दिसंबर 2018 से पंद्रह जनवरी 2019 तक तीस दिवसीय नाट्य प्रशिक्षण कार्यशाला रंग बोध में इन नाटकों की तैयारी की।बाद में पंद्रह दिन के सघन पूर्वाभ्यास के बाद इसकी प्रस्तुति की गई।रेणु के रंग एक कथा विमर्श है जिसमें रेणु की कहानियों पर केन्द्रित दृश्यात्मक टिप्पणियां हैं। ठेस रेणु की कहानियों में एक अलग स्थान रखती है।एक लोक कलाकार सिरचन की पीड़ा को व्यक्त करने में सक्षम यह रचना गहरा प्रभाव छोड़ती है।आदिम रात्रि की महक रेणु की एक भिन्न भाव भूमि पर आधारित कृति है जिसमें रेणु मानवीय प्रेम की गहराई से अवगत कराते हैं। पूर्णिया रंगमंच पर पहली बार मिथिलेश राय और उमेश आदित्य मंच पर दिखे। मुख्य रूप से शामिल कलाकारों में रामभजन, किशोर सिन्हा, प्रदीप कुमार गुप्ता, शशिकांत प्रसाद, तुषार सिंह, मनोरंजन कुमार, मनोरंजन झा,बादल कुमार झा, ज्योत्स्ना कुमारी, रंजना शर्मा,आरज़ू प्रवीण, खुशी प्रवीण,श्वेता स्वराज, पंकज जायसवाल, अर्जुन ठाकुर,सौरभ कुमार,प्रवीण यादव, विकास कुमार, रमाशंकर,ने अपनी प्रभावी भूमिका से काफी प्रभावित किया।सदर पूर्णिया के विधायक श्री विजय खेमका जी ने भनक के कलाकारों के लिए एक कार्यक्रम स्थल देने का आश्वासन दिया है। आकाशवाणी पूर्णिया के केन्द्र प्रधान डॉ प्रभात नारायण झा ने आगामी 12 और 15फरवरी को आकाशवाणी पूर्णिया के कार्यक्रम रेडियो किसान दिवस पर भनक को कार्यक्रम हेतु आमंत्रित किया है।भनक के अध्यक्ष श्री कन्हैया मरांडी ने कलाकारों को नाटकों के प्रभावशाली मंचन पर धन्यवाद दिया और कहा कि इन नाटकों की और भी प्रस्तुतियां होंगी। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कवि डॉ के के चौधरी ने किया। मौके पर बड़ी संख्या में अन्य कलाकार और दर्शक मौजूद थे।
मंगलवार, 5 फ़रवरी 2019
पूर्णियाँ : रंगमंच से ऊपर कोई मंच नहीं, इसका विस्तारीकरण होना चाहिये
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