अरुण कुमार (बेगूसराय) क्या उमंग,क्या उत्सव होता है घ में जब बेटा जन्म लेता है।बड़ा ही हर्षित होता है वह घर जिस घर में बेटे की जन्म की बात कानों में जाति है,बेटी जन्म पर जबरदस्ती खुशी जताई जाती है यह कह कर की घर मे लक्ष्मी आई है।किंतु बेटे के जन्म की बात सुनकर तो बाहें खिल जाती है,पौरुषता झलकने लगता है सबों के साथ साथ खुद बाप बनने पर मर्द समझलेते हैं ऐसे ही पुत्र को जन्म देकर।जी हाँ आपको शायद अटपटा लगी हो हमारी बातें संभव है,मेरी लेखनी ही कुछ ऐसी ही है।ऐसे शब्दों को इस्तेमाल करने पर खुद मुझे अफसोस ही रहा है कि एक पुत्र रत्न के लिये ऐसे शब्दों का इस्तेमान ठीक नहीं,मगर क्या करें आज एक बेटा ने अपने ही बाप का जिह्वा काट डाला है तो अब आप ही बताइये की खुशियाँ क्यों न हम बेटी के लिये मनायें जिसे हम पाल पोषकर विदा भी कर देते हैं तो वहाँ से भी अपने माता पिता पर ध्यान लगाये रहती है।क्यों न हम ऐसे बेटे को ही जन्मदिन के दिन ही क्यों न संतोष कर लें और किसी अनाथालय में पलने छोड़ दें उसको,एक पिता हिने के नाते मार तो नहीं देंगे न पर परित्याग तो कर ही सकते हैं न।जी हाँ आज ऐसा लिखने को विवश कर दिया एक वहसी बेटे ने। बेगूसराय जिले के बीरपुर थाना अंतर्गत वीरपुर पूर्वी पंचायत भैरव स्थान वार्ड नंबर 10 के निवासी रंजीत भगत को अपने बेटे ने दारू के लिए रुपया नही देने पर बाप का जीभ काट दिया, मौके पर पहुची पुलिस और अपने कार्यवाही में लग गई है,जख्मी पिता को इलाज हेतु अस्पताल पहुँचवा दिया गया है।जरा सोचें कि क्या सोच रहा होगा वो पिता जिसका जीभ बेटा ने काट दिया है।
शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2019
बेगूसराय : बेटा बाप का जीभ काट डाला, क्या खूब सिला दिया है लालन पालन का
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