पोटली में जीवन के आधार तलाशने की नाकाम कोशिशपटना सदर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रमाण-पत्र निर्गत करने की पहल करें
पटना, 26 मार्च। पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर-22 बी में है कुर्जी पुल। इसके बगल में उदासीन मठ है। इस मठ की दीवार सटे खाली भूखंड पर आवासीय भूमिहीन झोपड़ी बनाकर रहते हैं। खाना बनाते से चिंगारी से झोपड़ी में आग लगी। करीब दो दर्जन झोपड़ियों में आग लगी। देखते ही देखते झोपड़िया राख में तब्दील हो गयी। फ्रिज, सिलाई मषीन, बाॅक्स, साइकिल, बर्तन आदि मलवा में बदल हो गया। वहीं उस दिन लोग जो कपड़े पहने थे वह ही सही सलामत रहा। शनिवार 16 मार्च को शाम में आग लगी थी। अब 10 दिन हो गए। दस दिनों के बाद भी अग्निपीड़ित स्टेबल नहीं हुए। हालांकि इंडियन रेडक्रास सोसाइटी, वार्ड पार्षद, कुर्जी पल्ली और आपदा प्रबंधन विभाग से सहायता मिली है। इसको नाकाफी पीड़ित बता रहे हैं। बताते चले कि 16 मार्च को दीघा थाना क्षेत्र के कुर्जी पुल़ के पास और उदसीन मठ के निकट झोपड़पट्टी में आग लगी थी। इस अवसर पर मौके पर पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर-22 बी की वार्ड पार्षद सुचित्रा सिंह पति व पश्चिमी मैनपुरा ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया नीलेश प्रसाद पहुंचे। अग्नि पीड़ितों सांत्वना दिए। यहां तक कहें कि हर संभव मदद दिलवाने का प्रयास किया जाएगा। इस बीच इंडियन रेडक्रास सोसाइटी बिहार शाखा की ओर से कुर्जी पुल के नजदीक गली नम्बर-एक में लगी आग से पीड़ित 21 घरों के परिवारों के बीच राहत साम्रगी का वितरण किया गया। रेडकाॅस के अध्यक्ष डाॅ. विनय बहादुर सिन्हा और प्रबंध समिति के सदस्य विनोद भांटी ने परिवारवालों के बीच में तारपोलिन, किचेन सेट एवं साड़ी का वितरण किया गया। अपने वार्ड नम्बर-22 बी अग्नि पीड़ितों के लोगों के बीच में वार्ड पार्षद सुचित्रा सिंह ने चूड़ा, माचिस, नमक, मिठ्ठा आदि दिया। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से आठ हजार रू.दिया गया। कुर्जी पल्ली की ओर से कम्बल और वस्त्र वितरित किया गया।
दो दर्जन झोपड़ी जलकर स्वाहा होने के बाद दुखी लोग हैं। आज भी आने वाले लोगों को झोपड़ी और समान दिखाकर विलखने लगते हैं। उनका रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है। अब शेष समानों व पोटली में से ही जीवन के आधार तलाषने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। सभी तरह का प्रमाण-पत्र हो गया है। यह जरूरी है कि वार्ड पार्षद सुचित्रा सिंह पहल करके पटना सदर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी व अन्य लोगों से प्रमाणित प्रमाण-पत्र निर्गत करा दें। आधार कार्ड, वोट कार्ड, एलपीजी कार्ड, बिजली बिल, बैंक बुक आदि नष्ट हो गया है। सभी प्रमाण-पत्र को अग्नि पीड़ितों को जरूरी है। अभी तत्काल वोटर कार्ड जरूरी है। जिससे वोट देने का संवैधानिक अधिकार से वंचित न हो सके। स्थायी आवास उपलब्ध करवाने की जरूरत है। तारपोलिन से धूप और वर्षा से बचाव नहीं हो पा रहा है। दोनों से बचने के लिए उदासीन मठ में जा रहे हैं। इस ओर आपदा प्रबंधन विभाग को ध्यान देने की जरूरत है।
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