समेली। एक दिव्यांग है अशोक ऋषि। वह बकिया पश्चिमी मुसहरी में रहते हैं। यह मुसहरी डूमर ग्राम पंचायत में है। बिहार भूदान यज्ञ कमिटी ने 31.7.1985 को अशोक ऋषि को 20 डिसमिल खेतीहर जमीन दी थी। यह जमीन महाराज दरभंगा ने बिहार भूदान यज्ञ कमिटी को दी है। इस जमीन का मोजा संख्या- 405, खेसरा संख्या 451/422 है।बिहार सरकार की जमीन दक्षिण में है। गोपाल मंडल की जमीन पूरब में है।पश्चिम में नदी है। खे. 450 एकड़ 0 डिसमिल 20 डिसमिल जमीन धनहर दो में पड़ता है। इस प्रकार संपूर्ण पता है बकिया डीह, थाना नम्बर 259, परगना धरमपुर, रेवेन्यू थाना कोढ़ा,पुलिस स्टेशन फलका, रजिस्ट्री कटिहार और जिला कटिहार है।
20 डिसमिल खेतीहर जमीन पर खेती करता है दिव्यांग अशोक
इसी जमीन पर खेती करता है। वह दो जून की रोटी पैदा कर सकता है। अपने परिवार का जीवन स्तर ऊपर उठाने में सफल हो रहा है। अशोक ऋषि की खेतीहर जमीन के बगल में दबंग किसान की खेतीहर जमीन है। वह दबंग खेतीहर जमीन से अशोक ऋषि को आगे बढ़ने एवं उन्नति होते देख नहीं सक रहा है। वह दबंग अशोक ऋषि की जमीन को चूहा की तरह कुतरने लगा। यहां तक उक्त जमीन पर कब्जाने की फिराक में आ गया। बारम्बार कहता कि यह जमीन मेरी है। अशोक ऋषि को नदी के किनारे धकेलता चला गया। इससे अशोक को लाभ होने के बदले नुकसान होने लगा।
दिव्यांग ने किया सूचना का अधिकार का प्रयोग
बिहार भूदान यज्ञ कमिटी द्वारा निर्गत खेतीहर जमीन का नामांतरण करने के बाद दाखिल खारिज करने का आग्रह किया गया। इसको लेकर कई बार प्रखंड सह अंचल कार्यालय, समेली में आवेदन दिया। वह इस पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होते देख परेषान हो गया। उसने किसी से सहयोग लेकर सूचना के अधिकार के तहत आवेदन तैयार करवाया। उसमें उल्लेख किया गया कि खेतीहर जमीन का नामांतरण के बाद दाखिल खारिज कर दिया जाए। कमिटी के द्वारा निर्गत प्रमाणित पत्रों को भी संलग्न किया। उसने आवेदन को अंचल पदाधिकारी के कार्यालय में दे दिया। इसके बाद अशोक ऋषि को अंचल कार्यालय से सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मिली। जवाब में कहा गया कि खेतीहर जमीन जलकर भूमि है। अतः उसका नामांतरण करने के बाद दाखिल खारिज नहीं किया जा सकता है।
प्रगति ग्रामीण विकास समिति का आगमन मुसहरी में
इस बीच आई.जी.एस.एस.एस. के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति का आगमन मुसहरी में हुआ। दिव्यांग अशोक ऋषि ने प्रगति ग्रामीण विकास समिति के कार्यकर्ता को जानकारी दी। उसने विस्तार से बताया कि लाइवलीहुड के तहत बिहार भूदान यज्ञ कमिटी से मिली 20 डिसमिल खेतीहर जमीन मिला। मगर वह जमीन नदी के किनारे में ऊपरी हिस्से में है। कटिहार में जिला भूदान यज्ञ कमिटी के पदाधिकारियों का कहना है कि महाराज दरभंगा के समय में भूदान की जमीन दी गयी है। जो ऊपरी हिस्से में है। बिहार सरकार के बाद के सर्वे में संपूर्ण जमीन को जलकर घोषित कर दी गयी। जो बिहार सरकार की जमीन का खतियान में स्पष्ट है। दिव्यांग की खेतीहर जमीन नदी के किनारे है। मगर जमीन ऊपरी हिस्से में है। वहां बरसात के दिनों में पानी नहीं पहुंच पाता है। अगर पानी पहुंच भी पाता है तो खेतीहर जमीन के लिए फायदेमंद है। उसी में अषोक ऋषि धान रोपण करता था। इससे परिवार के जीवन स्तर में सुधार हो रहा था। प्रभावित अशोक की तस्वीर दस्तावेज के साथ लिया गया। अगल से जमीन के खतिहान का भी फोटो लिया। लाइवलीहुड की इस समस्या को लिपिबद्ध किया गया। इसके बाद लाइवलीहुड की समस्या को दूर करने का प्रयास शुरू हुआ।
मुख्यमंत्री से गुहार लगया
तमाम दस्तावेज संग्रह करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीष कुमार को ई-मेल किया गया। इसमें मुख्यमंत्री ने सकारात्मक पहल की। इसमें दिव्यांग अशोक ऋषि ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगाकर आग्रह किया कि लाइवलीहुड में मिली जमीन का नामांतरण करने के बाद दाखिल खारिज कर देने का आदेष निर्गत करें। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से ई- मेल जिलाधिकारी कटिहार को प्रेषित किया गया। जब ई- मेल डी.एम कटिहार को आया तब डी.एम.कार्यालय ने इस मामले को अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून के कार्यालय में भेज दिया गया। 30 अगस्त को सुनवाई थी। हाकिम नहीं पहुंचे तो 19.09.2018 को तारीख दी गयी।
अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी
अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय से जारी परिवाद संख्या 99998012507180 3883 के निवारण पदाधिकारी राजेश कुमार सिंह हैं। प्रखंड सह अंचल कार्यालय के कर्मचारी भी उपस्थित रहे। दिव्यांग अशोक ऋषि से लोक षिकायत निवारण पदाधिकारी ने कहा कि मेरे पास बिहार भूदान यज्ञ कमिटी के कोई 200 मामले आए हैं। जो मोटामोटी गड़बड़झाला में है। कटिहार में सर्वे 1958 में हुआ है। आपको 1985 में कमिटी ने जलकर भूमि का प्रमाण पत्र थमा दिया गया है। आपको पहले भी सरकार ने 34 डिसमिल जमीन दी है। आपको सरकार केवल एक ही जगह भूमि देगी। उक्त 34 डिसमिल जमीन का दाखिल खारिज है और मालगुजारी भी दे रहे हैं। उसी को आबाद कीजिए। रही बात जलकर भूमि 20 डिसमिल की उस पर फसल उगाते रहे। जबतक मत्स्य विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करता है। उसका उपयोग लाइबलीहुड के रूप में करते रहे। आपके बगल वाले दबंग व्यक्ति के द्वारा जमीन अतिक्रमण हो रहा हैं। तो आप अंचल पदाधिकारी, समेली के समक्ष आवेदन दें। उसमें् समेली प्रखंड के कर्मचारी सहयोग करेंगे। आगे अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी राजेश कुमार सिंह कहे कि आपके पुत्र को पांच डिसमिल जमीन बंदोवस्ती करा देंगे।
आवेदन जमा किया
20 सितंबर 2018 को दिव्यांग पिता अशोक ऋषि ने पुत्र रीतलाल ऋषि का आवेदन समेली अंचल में जाकर जमा कर दिया। अंचल पदाधिकारी के नाम से आवेदन है। 5 डिसमिल जमीन बंदोबस्ती करने का आग्रह किया गया है। पत्नी साबो देवी पति रीतलाल ऋषि के नाम से संयुक्त पर्चा देने का आग्रह किया गया है। यह रहा प्रगति ग्रामीण विकास समिति के कार्यकर्ता का प्रयास । अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी राजेश कुमार सिंह के कथन पर समेली अंचल में कार्य जारी है। इसका फोलाअप किया जाता है। ऐसा अशोक ऋषि समझते है कि सरकार के कार्य में देर है परन्तु अंधेर नहीं है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें