मधुबनी (रजनीश की झा) मौसम का मिजाज फागुनी हो गया है और फागुनोत्सव दस्तक भी दे रहा है। फिजां में स्वदेशी का रंग भी घुला हुआ है। बावजूद विदेशी का असर कम होता नजर नहीं आ रहा है। होली का बाजार सज गया है लेकिन इस बार भी होली के बाजार पर चाइना का रंग असरदार नजर आ रहा है। रंगों के फुहार बरसाने के लिए पिचकारी, मास्क टोपी सहित सभी आइटमों पर चाइना का जादू दिख रहा है। देशी होली के त्योहार में अब स्वदेशी पिचकारी की जगह चाइनीज एसएलआर और एके 47 पिचकारी ने ले ली है। वहीं टैंक और मिसाइल की डिजाइन वाली पिचकारी, बदलते समय के साथ नई पीढ़ी की पसंद भी चाइनीज आइटम बना हुआ है। अलबत्ता दुकानदार भी खरीदारों को लुभाने के लिए नई डिजाइनर पिचकारियों के साथ चाइनीज मास्क, हैट और अन्य सामानों को दुकानों में सजाए हुए है। बीते त्योहार की तुलना में होली में इस बार सामानों के दाम में बढ़ोत्तरी नहीं होने से कारोबारियों को बिक्री में इजाफा होने की उम्मीद बनी हुई है।
...पिचकारी से लेकर मास्क और बाल भी चाइनीज :
देशी त्योहार पर भी चाइनीज सामानों से बाजार पटा पड़ा है। इस होली भी बाजारों में चाइनीज पिचकारी, मास्क हैट और बाल नई पीढ़ी की पहली पसंद बनी हुई है। यूं कहे कि देसी रंगों का फुहार इस होली चाइनीज पिचकारी से निकल कर होली को रंगीन बनाएगी। होली की मस्ती में भेष बदलने के लिए मास्क, हैट व बाल भी चाइनीज ही दिखेगा। जानकारों की मानें तो होली के मौके पर जिले में 55 से 60 करोड़ का कारोबार होता है। जाहिर है कि इसमें एक बड़ा हिस्सा मेड इन चाइना के हिस्से में जाता है, जो कहीं न कहीं भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत के प्रतिकूल है।
...एके- 47 और एसएलआर उगलेगा रंग :
बाजार में सजे होली के सामानों की दुकान पर एके 47 और एसएलआर पिचकारी बच्चों को खूब लुभा रहा है। पहले जहां बच्चों के हाथों में बांस की बनी परंपरागत पिचकारी या फिर उसी शक्ल की प्लास्टिक की पिचकारी होती थी, वहीं अब इसकी जगह चाइनीज एके 47 और एसएलआर दिखाई देगा। हालांकि इसमें से गोली की जगह रंग ही निकलेगा लेकिन इसके प्रभाव आर्थिक रूप से दूरगामी साबित होंगे। बदलाव का एक रूप यह भी है कि बाजार में पीतल से लेकर लोहे और टीन तथा प्लास्टिक के परंपरागत पिचकारी भी 50 रुपए से 200 रुपए तक मौजूद है लेकिन बच्चों की पसंद चाइनीज एके 47 ही बना हुआ है। जबकि चाइनीज एके 47 की कीमत 300 रुपए और एसएलआर की कीमत 250 रुपए है।
...वाटर बैलून, कलर स्प्रे व सुगंधित गुलाल का है डिमांड :
रंगों का त्योहार जैसे जैसे नजदीक आ रहा है बाजारों में खरीदारों की संख्या बढ़ती जा रही है। होली की तैयारियां खरीदारी के साथ परवान चढ़ रहा है। 20 मार्च और 21 मार्च को होली तय है। युवाओं में कलर स्प्रे तो बच्चों में वाटर बैलून का क्रेज दिख रहा है। लिहाजा बाजार में दुकानदार भी चाइनीज बैलून और कलर स्प्रे का स्टॉक कर डिमांड पूरी करने में जुटे हैं। बाजार में वैसे तो तकरीबन दो दर्जन से अधिक गुलाल के ब्रांड मौजूद हैं। लेकिन ग्राहकों की पहली पसंद हर्बल व सुगंधित गुलाल है। बाजार में गुलाल 15 रुपये प्रति 100 ग्राम से लेकर 80 रुपये प्रति सौ ग्राम तक का मौजूद है। लेकिन बिक्री महंगे दामों के सुगंधित गुलाल का ही सबसे ज्यादा है।
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