पूर्णिया : मखाना मिथिलांचल का धरोहर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 29 मार्च 2019

पूर्णिया : मखाना मिथिलांचल का धरोहर

 इसके सर्वांगीण विकास के लिए कृषि महाविद्यालय कर रहा है हरसंभव प्रयास : डाॅ पारसनाथ
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पूर्णिया : भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय के द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना अंतर्गत सहायक निदेशक उद्यान सहरसा द्वारा वित्तपोषित दो दिवसीय मखाना उत्पादन एवं प्रसंस्करण तकनीक विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन तकनीकी जानकारी के साथ साथ प्रक्षेत्र भ्रमण, समापन सह प्रमाण पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य अतिथि डाॅ पारसनाथ, सह अधिष्ठाता सह प्राचार्य ने की। प्राचार्य ने कहा कि मखाना मिथिलांचल का धरोहर है। इसके सर्वांगीण विकास के लिए कृषि महाविद्यालय, पूर्णिया द्वारा लगातार मखाना फसल पर अनुसंधान के साथ साथ सबौर मखाना-1 प्रजाति के बीज उत्पादन एवं मखाना उत्पादन तकनीकों का वैज्ञानिकों द्वारा प्रसार एवं प्रशिक्षण कार्य चलाया जा रहा है। जिसका परिणाम है कि इस वर्ष लगभग 200 एकड़ में सबौर मखाना-1 प्रजाति को विभिन्न संस्थानों एवं किसानों के व्यक्तिगत सहयोग से बिहार के सहरसा, पूर्णिया, सुपौल एवं पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के किसानों के खेत में लगाया गया है। साथ ही मखाना पौध में व्याधियों एवं कीट का उचित प्रबंधन के बारे मेंे उन्होंने किसानों को जानकारी दी। मखाना वैज्ञानिक तथा प्रधान अन्वेषक डॉ अनिल कुमार ने महाविद्यालय द्वारा विकसित मखाना की प्रजाति सबौर मखाना-1 बीज की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि किसानों के बीच इस बीज की मांग को देखते हुए बड़े पैमाने पर बीज उत्पादन किया जा रहा है। मृदा वैज्ञानिक डाॅ पंकज कुमार यादव ने मखाना फसल में पोषक तत्वों के प्रबंधन की जानकारी दी। बताया कि किसान मखाने की फसल में समान अनुपात में नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटैशियम का प्रयोग करें। साथ ही गोबर की सड़ी हुई खाद को अंतिम जुताई के समय में प्रयोग करें। एसपी सिन्हा ने मखाना प्रक्षेत्र में खरपतवार प्रबंधन, जिला मत्स्य पदाधिकारी ने मखाना सह मत्स्यपालन के लिए तालाब का प्रबंधन, मछली के प्रजातियों का चयन तथा मछली के पोषक तत्वों, रोग आदि का प्रबंधन, जयप्रकाश प्रसाद ने मखाना आधारित फसल चक्र के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। दूसरे दिन प्रशिक्षु किसानों को मखाना अनुसंधान इकाई के प्रक्षेत्र भ्रमण के साथ साथ सबौर मखाना-1 पौध की रोपाई तथा आधुनिक मखाना पाॅपिंग मशीन/मखाना पाॅपिंग मशीन के संचालन की जानकारी दी गई। इस मौके पर सहरसा के किसानों संताष गुप्ता, अखिलेश दास, भूषण चौधरी, कन्हैया झा, उदयकांत मिश्रा, बमशंकर मिश्रा, निरंजन मिश्रा, मनोरंजन मिश्रा, सुशांत कुमार सुमन, सुरेंद्र यादव एवं रमेश चंद्र ठाकुर को प्राचार्य ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर महाविद्यालय के डाॅ तपन गोराई, जयप्रकाश प्रसाद, डाॅ माचा उदय कुमार एवं कर्मचारियों ने अपना सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन मखाना वैज्ञानिक सह प्रधान अन्वेषक डाॅ अनिल कुमार ने व धन्यवाद ज्ञापन डाॅ पंकज कुमार यादव द्वारा किया गया।

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