नयी दिल्ली, 25 मार्च, उच्चतम न्यायालय ने तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को दंडनीय अपराध बनाने से संबंधित अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केरल के एक संगठन की याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी। मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अध्यादेश, 2019 के प्रावधानों को बनाये रखने के लिए तीसरी बार अध्यादेश लाया गया है।
मंगलवार, 26 मार्च 2019
तीन तलाक अध्यादेश के खिलाफ याचिका खारिज
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