कलेक्टर ने ली राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों की बैठक
- व्यवकास्टिंग एवं सीसीटीवी से रखी जाएगी मतदान केन्द्रों पर नजर
लोकसभा निर्वाचन 2019 को लेकर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गणेश शंकर मिश्रा ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्रों पर चर्चा की गई। कलेक्टर ने संबंधितों को निर्देशित किया है कि ऐसे मतदान केन्द्रों की व्यवकास्टिंग कराई जाए। जो शहरी क्षेत्र में है और जहां इंटरनेट सुविधा उपलब्ध है। ऐसे मतदान केन्द्र जो निकटवर्ती जिलों की सीमाओं पर स्थित हैं की सीसीटीवी द्वारा मॉनीटरिंग की जाए। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री समीर यादव, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मेहताब सिंह गुर्जर, अनुविभागीय अधिकारी सीहोर श्री वरुण अवस्थी सहित राजस्व एवं पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
रैलियों एवं सभाओं की अनुमति के लिए ऑनलाइन किये जा सकेंगे आवेदन
लोकसभा चुनाव के दौरान राजनैतिक दलों और प्रत्याशियों को सभा के लिये मैदान की अनुमति लेने, रैली निकालने, लाउडस्पीकर, वाहन एवं हेलीपैड के लिये अनुमति लेने अब निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पडेगी। वे इन अनुमतियों के लिये ऑफलाइन आवेदन के साथ-साथ ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। आयोग के निर्देशानुसार राजनैतिक दलों एवं प्रत्याशियों को अनुमतियां प्रदाय करने के लिए रिटर्निंग अधिकारी और सहायक रिटर्निंग अधिकारियों के कार्यालय में सिंगल विंडो सिस्टम भी स्थापित किया जा रहा है। चुनाव आयोग ने पारदर्शिता के मद्देनजर किसी भी कार्य की अनुमति लेने के लिये राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को पहले आओ पहले पाओ की सुविधा दी है। इसके तहत जो पहले ऑनलाइन आवेदन करेगा, उसे पहले अनुमति दी जायेगी। इसके लिये सुविधा एप पर तय समय के पूर्व ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन करने के बाद उपलब्धता अनुसार उन्हें अनुमति दी जायेगी। निर्वाचन प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाने के लिये आम सभायें, रैली, वाहनों के अधिग्रहण की जानकारी सहित विभिन्न समस्याओं का समाधान भी ऑनलाइन किया जायेगा। चुनाव आयोग के विशेष साफ्टवेयर के द्वारा चुनाव में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की निगरानी की जायेगी। वाहनों के अधिग्रहण करने की प्रक्रिया भी ऑनलाइन की गई है।
बल्क में भेजे जाने वाले एसएमएस और वॉयस मैसेज का भी कराना होगा प्रमाणन
भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार के लिए राजनैतिक दलों, उम्मीदवारों एवं उनके समर्थकों द्वारा मोबाइल पर भेजे जाने वाले एसएमएस और वॉयस मैसेज का भी इन्हें जारी करने के पूर्व मीडिया प्रमाणन एवं मीडिया निगरानी समिति से प्रमाणित कराना अनिवार्य कर दिया है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आयोग ने कहा है कि यह जरूरी है कि बल्क एसएमएस एवं वॉयस मैसेज की भी मॉनीटरिंग की जाये ताकि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान इस सुविधा का दुरूपयोग न हो सके तथा निर्वाचन नियमों एवं आदर्श आचार संहिता का किसी तरह से उल्लंघन न हो। आयोग ने बल्क एसएमएस को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का ही एक हिस्सा मानते हुए कहा है कि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भेजे जाने वाले सभी तरह के बल्क एसएमएस एवं वॉयस मैसेज भेजने पर किया गया खर्च राजनैतिक दलों एवं उम्मीदवारों को निर्वाचन व्यय लेखे में शामिल करना होगा। आयोग ने कहा सभी मोबाइल सेवा प्रदाता कम्पनियों को भी इन निर्देशों का पालन करना होगा।
ई-पेपर को जारी किये जाने वाले विज्ञापनों का प्रमाणन जरूरी
भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अपने स्वयं के सोशल मीडिया एकाउंट, वेबसाईट, ब्लॉग एवं ई-मेल आई.डी. का उल्लेख नाम-निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत किये जाने वाले शपथ पत्र में अनिर्वाय रूप से करना होगा। भारत निर्वाचन आयोग ने समाचार पत्रों के ई-पेपर पर दिये जाने वाले राजनैतिक विज्ञापनों के बारे में भी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि ई-पेपर पर दिये जाने वाले राजनैतिक विज्ञापन का भी प्री-सर्टिफिकेशन संबंधित राजनैतिक दल या उम्मीदवारों को कराना जरूरी होगा।
सुविधा एप पर भी होगी नामांकन पत्रों की एंट्री
निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार किए गए सुविधा एप्लीकेशन में जोड़े गए नामिनेशन के मॉड्यूल में लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा भरे गए नाम-निर्देशन पत्रों की एंट्री भी की जाएगी। इस मॉड्यूल से रिटर्निंग अधिकारियों को अतिरिक्त सहूलियत होगी। रिटर्निंग अधिकारी उम्मीदवारों से प्राप्त नामांकन पत्रों में दर्ज प्रत्येक जानकारी को सुविधा एप में दर्ज करेंगे। सुविधा एप्लीकेशन के मॉड्यूल को कुछ इस तरह बनाया गया है कि यदि नामांकन पत्र में कोई कमी रह जाती है या ऐसी कोई जानकारी जो नामांकन पत्र में दी जाना अनिवार्य है लेकिन अभ्यर्थी द्वारा उसे नहीं भरा गया है तो यह उस नामांकन पत्र को स्वीकार ही नहीं करेगा। ऐसी स्थिति में उम्मीदवार को रिटर्निंग अधिकारी द्वारा लिखित में सूचना देकर नामांकन पत्र की कमियों की समय रहते पूर्ति करने के लिए कहा जायेगा। ताकि सिर्फ लिपिकीय त्रुटि के कारण संवीक्षा के दौरान नामांकन पत्रों को निरस्त होने की स्थिति से बचा जा सकेगा।
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