बजरंग दल कार्यकर्ता है हर सेवा कार्य के लिए तैयार, सेवा सप्ताह के अंतर्गत आयोजित किया कार्यक्रम
सीहोर। विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के द्वारा जिले भर में १७ मार्च तक सेवा सप्ताह मनाया गया। सेवा सप्ताह के तहत तहसील चौराहा स्थित भवन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीराम दरबार के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर वरिष्ठ पदाधिकारियों के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष सुनील कुमार शर्मा ने युवाओं को संबोधित किया। े उन्होने कहा की बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को कार्य केवल गौसेना देश की रक्षा ही नहीं है करनी है स्वच्छता, स्वास्थ्य, चिकित्सा, धार्मिता,पर्यावरण और शिक्षा के क्षेत्र में भी जनहित में कार्य करना है। दस से सतरहा मार्च तक मनाए गए सेवा सप्ताह में कार्यकर्ताओं ने स्वयं को साबित किया है। इस दौरान स्कूल कॉलजों और छात्रवासों में पहुंचकर कार्यक्रम आयोजित किए गए। बजरंग दल का कार्यकर्ता प्राकृतिक आवदाओं सहित मानवीय गलती से उत्पन्न आवदाओं से निपटने के लिए भी तैयार रहता है। सेवा कार्य के माध्यम से बजरंग दल के कार्यकर्ता नागरिकों के साथ मिलकर देश को प्रगति के पथ पर ले जा रहे है। कार्यक्रम में उपास्थित युवाओं के समक्ष प्रांत अधिकारी अजीत शुक्ला जिला मंत्री राकेश कुमार विश्वकर्मा नगर अध्यक्ष आलेख राज राठौर ने भी अपने विचार प्रकट किए । कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नगर मंत्री यज्ञेश नगर संयोजक आशीष कुशवाहा, नगर विद्यार्थी प्रमुख अमित दांगी, नगर गौरक्षा प्रमुख महेंद्र सोलंकी, सुमित राठौर, कान्हा कुशवाह, कल्ली सोलंकी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्तागण मौजूद थे।
समस्त पेट्रोल/डीजल पंप रखें रिजर्व स्टॉक - कलेक्टर
लोकसभा निर्वाचन 2019 को लेकर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गणेश शंकर मिश्रा द्वारा मप्र मोटर स्पिरिट तथा हाई स्पीड डीजल ऑयल (अनुज्ञापन तथा नियंत्रण) आदेश 1980 की धारा 10 के अन्तर्गत आदेश जारी कर दिए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा समस्त पेट्रोल, डीजल पंप अनुज्ञप्तिधारी/मालिक/संचालकों को निर्देशित किया है कि लोकसभा निर्वाचन को दृष्टिगत रखते हुए 2 हजार लीटर डीजल एवं 1 हजार लीटर पट्रोल का रिजर्व स्टाक (डेड स्टॉक काके छोड़कर) निर्वाचन कार्य के लिए हमेशा उपलब्ध रखा जाए। रिजर्व स्टॉक का उपयोग अनुविभागीय अधिकारी राजस्व/तहसीलदार/रक्षित निरीक्षक(पुलिस) की मांग अनुसार पंपों द्वारा प्रदाय किया जाए। इस आदेश का गंभीरता से पालन करना सुनिश्चत करें, आदेश का उल्लंघन पाए जाने पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील है।
बिना अनुमति के विज्ञापन जारी नहीं कर सकेंगे केबल ऑपरेटर
केबल टेलिविजन अधिनियम 1995 का सभी स्थानीय केबल ऑपरेटर्स को पालन करना अनिवार्य है। केबल ऑपरेटर बिना जिला मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (एमसीएमसी) की अनुमति के चुनाव के दौरान कोई भी विज्ञापन जारी नहीं कर सकेंगे। केबल ऑपरेटर्स ऐसा कोई भी विज्ञापन जारी नहीं करेंगे जो कि विधि के प्रतिकूल हो। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गणेश शंकर मिश्रा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रत्येक रजिस्ट्रीकृत राष्ट्रीय और राज्यीय राजनैतिक दल तथा चुनाव लड़ने वाला अभ्यर्थी जो टेलीविजन चैनल पर विज्ञापन प्रसारित करवाने का प्रस्ताव रखता है, उसे 3 दिन पूर्व जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति से अनुमति लेना अनिवार्य है तथा गैर रजिस्ट्रीकृत राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनैतिक दल तथा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी को सात दिन पूर्व जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति से अनुमति लेना अनिवार्य है। इसी अधिनियम की धारा 13 में यह भी प्रावधान है कि निर्देशों का उल्लंघन करने पर केबल ऑपरेटर्स के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायेगी। अर्थदण्ड भी किया जा सकता है और उपकरण, सामान जप्ती की भी कार्यवाही की जायेगी। इसके अलावा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा दिये गये निर्देशानुसार केबल ऑपरेटर्स प्रतिदिन प्रसारित किये गये कार्यक्रमों समाचारों आदि की पिछले 24 घंटे की रिकार्डिंग डीवीडी अगले दिन मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति के कार्यालय में जमा करेंगे।
लोकसभा निर्वाचन के दौरान विश्राम भवनों तथा सर्किट हाउस के आरक्षण के संबंध में निर्देश
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा निर्वाचन-2019 के दौरान शासकीय, अर्द्धशासकीय विश्राम गृहों, विश्राम भवनों, निरीक्षण गृह तथा सर्किट हाउस परिसर में किसी भी तरह का चुनाव प्रचार, बैठक वर्जित है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गणेश शंकर मिश्रा द्वारा लोकसभा निर्वाचन के दौरान विश्राम गृह, विश्राम भवन तथा निरीक्षण गृह के आरक्षण के संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। लोकसभा निर्वाचन के दौरान विश्राम गृह, विश्राम भवन, निरीक्षण गृह तथा सर्किट हाउस में ठहरने के लिए किसी एक पार्टी, अभ्यर्थी का एकाधिकार नहीं होगा तथा समस्त पार्टी, अभ्यर्थी के लिए पहले आओ पहले पाओ के आधार पर उपलब्ध रहेंगे। किसी एक व्यक्ति के नाम से 48 घण्टे से अधिक समय के लिए बुकिंग नहीं की जाएगी। साथ ही उक्त कमरों को किसी पार्टी, अभ्यर्थी के अस्थाई पार्टी, दल के कार्यालय के रूप में उपयोग नहीं किया जाएगा। जिस व्यक्ति को यह स्थान आवंटित होंगे, उस व्यक्ति के वाहन के अतिरिक्त दो वाहन अधिकतम तीन वाहन यदि उस व्यक्ति के द्वारा अनुमति प्राप्त की गई है तो उसे परिसर के अंदर आने की अनुमति दी जा सकेगी। मतदान के 48 घण्टे पूर्व के दौरान कोई नया आरक्षण नहीं होगा और उस कमरे में रूके व्यक्ति यदि विधानसभा क्षेत्र के वोटर नहीं है तो उन्हें कमरा खाली करना होगा। निर्धारित नियमों तथा शर्तो का उल्लंघन होने पर संबंधित विभाग प्रमुख के माध्यम से तत्काल रिटर्निंग अधिकारी को सूचना दिया जाना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
दस हजार से अधिक का नकद भुगतान नहीं कर सकेंगे उम्मीदवार
चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार निर्वाचन व्यय के किसी भी मद में किसी भी व्यक्ति या इकाई को दस हजार रूपये से अधिक का भुगतान नकद में नहीं कर सकेंगे। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गणेश शंकर मिश्रा ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक उम्मीदवार को अपने निर्वाचन व्यय के किसी मद पर दस हजार से अधिक की राशि का भुगतान रेखांकित या एकाउंट पेई चेक, ड्राफ्ट अथवा आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से ही करना होगा। आयोग ने ये निर्देश आयकर अधिनियम की धारा 40ए(3) में एक अप्रैल 2017 को हुए संशोधन के मद्देनजर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि उम्मीदवारों अथवा राजनैतिक दलों द्वारा दस हजार रूपये से अधिक की राशि नगद के रूप में न तो खर्च की जा सकती है और न ही किसी से चंदे के रूप में ली जा सकती है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक निर्वाचन व्यय के रूप में दस हजार रूपये तक राशि का भुगतान भी उम्मीदवारों द्वारा निर्वाचन व्यय के प्रयोजन से पृथक से खोले गये बैंक खाते से आहरित कर ही किया जा सकेगा।
लोकसभा निर्वाचन के मतदान के लिए 11 प्रकार के दस्तावेज़ की सुविधा
भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के निर्देशानुसार लोकसभा निर्वाचन 2019 के मतदान में मतदाताओं की पहचान के लिए ईपिक कार्ड अथवा 11 अन्य प्रकार के दस्तावेंज में से एक दस्तावेंज प्रस्तुत करने पर मतदान करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गणेश शंकर मिश्रा ने बताया कि आयोग द्वारा पूर्व में मतदाताओं को अपनी पहचान हेतु मतदान के दिवस से पाँच दिवस पूर्व प्रदान की जाने वाली फोटो मतदाता पर्ची के माध्यम से भी मतदान करने की सुविधा प्रदान की गई थी। मतदान में पारदर्शिता लाने की दिशा में अब लोकसभा निर्वाचन में मतदाताओं को फोटो मतदाता पर्ची के साथ ईपिक कार्ड अथवा आयोग द्वारा निर्धारित 11 अन्य दस्तावेंजों मे से एक दस्तावेज को साथ लाना अनिवार्य होगा। जिससे मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने की सुविधा का लाभ उठाने में सहभागी बनेगा। मतदाता फोटो पर्ची के साथ मतदाता ईपिक कार्ड अथवा 11 अन्य दस्तावेंजों मे से एक दस्तावेंज का मतदान के लिए उपयोग कर सकेंगे। इनमें पासपोर्ट, ड्रायविंग लायसेंस, केन्द्रीय कार्यालय, राज्य शासन, भारत सरकार का उपक्रम, सार्वजनिक कंपनी द्वारा जारी फोटोयुक्त पहचान पत्र, बैंक अथवा पोस्ट ऑफिस द्वारा फोटोयुक्त पासबुक, पेन कार्ड, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्ट्रेशन कार्यालय के रजिस्ट्रार जनरल एवं जनगणना आयुक्त द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, मनरेगा रोजगार कार्ड, श्रम विभाग द्वारा जारी स्वास्थ्य कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेंज एवं सांसद, विधायक, राज्यसभा सदस्य को जारी आधिकारिक पहचान पत्र तथा आधार कार्ड सम्मिलित है।
रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्र प्रतिबंधित
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गणेश शंकर मिश्रा ने लोकसभा निर्वाचन 2019 को निर्विघ्न, शांतिपूर्वक व व्यवस्थित रूप से सम्पन्न कराने, कानून व्यवस्था बनाये रखने तथा ध्वनि प्रदूषण को रोकने की दृष्टि से मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के तहत आदेश जारी कर दिये है। आदेशानुसार सम्पूर्ण जिले में रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक लाउड स्पीकर एवं ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त कर ही निर्धारित ध्वनि मानक पर ध्वनि विस्तार यंत्रों का उपयोग किया जा सकेगा। ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग की अनुमति देने के लिए सक्षम अधिकारी भी नियुक्त कर दिये गए हैं।
बाजार में जो किताब 10 रुपए की मिलती है, उसे कमिशनखोरी के चलते यहां पर 90 से 120 रुपए में बेचा जा रहा
प्राइवेट स्कूलों और स्टेशनरी संचालकों पर कार्रवाई की मांग, निजी स्कूलों की किताबों का ठेका चुनिंदा स्टेशनरी संचालकों पर
सीहोर। सालों से जिले भर में जिला शिक्षा विभाग और प्रशासन के आला अधिकारियों की अनदेखी और लापरवाही के कारण सैकड़ों की संख्या में हर साल अस्तित्व में आने वाले निजी स्कूल और स्टेशनरी विक्रेता लाखों रुपए की पालकों से खुली लूट कर रहे है। इसको लेकर जिला उपभोक्ता परिषद की जिला इकाई ने एक ज्ञापन सौंपा है। मंगलवार को इस संबंध में परिषद के जिलाध्यक्ष विष्णु प्रजापति, जिला महिला विंग की अध्यक्ष मोहिनी मनीष अग्रवाल और शहराध्यक्ष नरेश आसुदानी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पालकों ने जिला शिक्षा अधिकारी एसपी त्रिपाठी और जिला प्रशासन को ज्ञापपन सौंपकर शिक्षा के नाम पर जारी ठगी को रोकने की मांग की है। इस संबंध में जिला उपभोक्ता परिषद के मीडिया प्रभारी मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि शहर में प्रायवेट स्कूल संचालकों व स्टेशनरी विक्रताओं का शक्तिशाली गठजोड़ अब अभिभावकों और पालकों पर भारी पडऩे लगा है। कुछ निजी स्कूल संचालक विद्यार्थियों को किताब, कापी बेचकर अपनी जेब भर रहे हैं तो कुछ चुनिंदा स्टेशनरी दुकानों से सांठगाठ कर रखी है। बाजार में जो किताब 10 रुपए की मिलती है, उसे कमिशनखोरी के चलते यहां पर 90 से 120 रुपए में बेचा जा रहा है। स्कूल संचालकों द्वारा चुनिंदा दुकानों से बच्चों का कोर्स खरीदने पर विवश किया जा रहा है। नगर की कुछ स्टेशनरी की दुकान इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है।
बच्चों को पढ़ाना बच्चों का खेल कतई नही
श्री दीक्षित ने बताया कि ज्ञापन में कहा गया है कि बच्चों को पढ़ाना बच्चों का खेल कतई नहीं है। देश में बहुत कम ऐसे माता-पिता होंगे जिन्हें अपने बच्चे की स्कूल फीस को लेकर चिंता न होती हो। दूसरी तरफ स्कूल हैं कि हर बढ़ती क्लास के साथ फीस में 10 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी कर देते हैं। इतना ही नहीं साल भर किसी न किसी नाम पर स्कूल माता-पिता की जेब काटते ही रहते हैं। आखिर क्यों स्कूल अब शिक्षा केंद्रों की जगह किसी दुकान का सा रूप लेते जा रह हैं। इस संबंध में पूर्व में भी जनसुनवाई के मौके पर एक ज्ञापन जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद ने दिया था। इसके बाद भी एक भी स्टेशनरी संचालक और प्राइवेट स्कूल पर कार्रवाई नहीं की गई है।
स्कूलों द्वारा नर्सरी से शुरू हो जाती वसूली
इस संबंध में परिषद का कहना है कि स्कूलों की ज्यादा फीस अभिभावको की मुसीबत बन रही है। स्कूलों द्वारा नर्सरी में प्राइमरी से ज्यादा फीस वसूली जा रही है। बच्चों के बढ़ते क्लास के साथ स्कूल फीस में भी बढ़ोतरी करते है। डोनेशन के नाम पर तो कभी बैग, जूतों, कपड़ों के मनमाने दाम लगा कर स्कूलों बच्चों के अभिभावकों से ज्यादा फीस वसूल रहे है। अधिकतर स्कूल किताबों के लिए दुकान तय करते हैं। इतना ही स्कूल इवेंट्स के नाम पर बार-बार वसूली की जाती है।
हर माह शहर के गोविन्द नेत्रालय में किए जा रहे ऑपरेशन
मोतियाबिंद के ऑपरेशन अब फेको मशीन से-डॉ. जितेन्द्र मंघानी
सीहोर। आंखें हमारे लिए अनमोल हैं और इसके बिना हम इस खूबसूरत दुनिया को नहीं देख सकते। शहर के गंगा आश्रम स्थित आंध्र बैंक के ऊपर गोविन्द नेत्रालय के नेत्र सर्जन और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेन्द्र मंधानी ने एक महिला का बिना टांके एवं बिना इंजेक्शन के मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन करने में कामयाबी पाई है। इस संबंध में डॉ. मंधानी ने बताया कि इस तरह के ऑपरेशन बहुत ही कम देखने में आते है।
इस संबंध में मिली जानकारी डॉ. जितेन्द्र मंधानी के द्वारा बिना बेहोश किए शहर की रहने वाली संतोष चौधरी की दाई आंख में मोतियाबिंद था, जिसका ऑपरेशन बिना बेहोश किए आसानी से किया गया। उन्होंने बताया कि शहर के गोविन्द नेत्रालय में मोतियाबिंद के ऑपरेशन अब फेको मशीन से किए जा रहे हैं। लंबे समय से यह सुविधा शुरू हो गई है। अब तक बड़ी संख्या में ऑपरेशन हो चुके हैं। इस मशीन से सर्जरी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ऑपरेशन के दौरान काफी छोटा चीरा लगाया जाता है, जिससे संक्रमण का डर नहीं रहता। मरीज की अस्पताल से जल्दी छुट्टी हो जाती है। लेजर से मोतियाबिंद को बारीक टूकड़ों में काटा जाता है। इसके बाद इन टूकडों को बाहर निकाल दिया जाता है। तत्पश्चात फोल्डेबल मुलायम लैंस फोल्ड करके बिना चिरे के छोटे से छेद द्वारा आंख के अंदर फिट कर दिया जाता है। समय-समय पर गोविन्द नेत्रालय द्वारा नि:शुल्क नेत्र शिविरों का आयोजन भी किया जा रहा है।
देश के साहित्कारों के मध्य चर्चा का विषय रही मी-टू
शोषण के बाद महिलाओं की मनादशा बयान करती आकाश की पुस्तक हैश टेग मीटू
सीहोर। कुछ महिनों पर मी टू शब्द चर्चा में था। न्यूज चैनल, अखबर और सोशल साईटस पर यह हर मी टू शब्द आप सुन और देख रहे थे। पत्रकार, सिने जगत और नामचीन महिलाएं मी टू अभियान में आगे आकर अपनी आपबीती समाज को बतला रही थी। अभिनेता और या राजनेता या फिर पत्रकार सभी पर गंभीर आरोप लगे। इन अरोपों के बाद मामले कोर्ट तक पहुंचे और लंबित भी हैं। मीटू एक बार फिर से चर्चा में है। कार्यस्थल या फिर कार्य के दौरान मानसिक और शारीरिक रुप से शोषण और उसके बाद महिलाओं की मनोदशा को रेखांकित किया गया है आकाश माथुर की किताब हैस टेग मीटू ने। रविवार 17 मार्च को मध्यप्रदेश की राजनीति भोपाल के राज्य संग्रहालय में ख्यात साहित्यकारों की उपस्थिति में आकाश माथुर की पुस्तक हैस टेग मीटू का विमोचन हुआ। इस पुस्तक में 12 कहानियों का संग्रह है। आकाश सीहोर जिले के रहने वाले हैं और एक दैनिक समाचार पत्र में पत्रकार के रुप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कार्यक्रम में साहित्यकार शशिकांत यादव,डॉ. प्रेम जनमेजय,पंकज सुबीर, गीता श्री,संतोष चौबे,मनीषा कुलश्रेष्ठ,नीरज गोस्वामी, समीर यादव, बुधराम यादव,ज्योत्सना जैन उपस्थित रहे। कार्यक्रम में लेखक शहरयार खान के शोध पत्र कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन कारण और निवारण का भी विमोचन हुआ। पुस्तक में 12 कहानियां हैं जो लेखक द्वारा टीवी चैनलों, अखबारों व अन्य स्त्रोतों से पहुंची। संग्रह को लेकर आकाश का कहना है कि जब भी समाचार या फिर किसी भी माध्यम से वह मीटू शब्द सुनते थे तो उनके मन में यह बात आती थी कि आखिर एक महिला की क्या मनोदशा होती है। कोई भी घटना शोषित को हमेशा परेशान करती है। उस घटना का प्रभाव उसके मन से कभी नहीं जाता है। साहसिक हैं ये नारियां जिन्होंने समाज के आकर खुले मंच पर अपनी आपबीती सुनाई।
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