राजनैतिक दलों द्वारा झंडा-बैनर लगाने के संबंध में निर्वाचन आयोग के निर्देश
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार राजनैतिक दल के कार्यकर्ता या समर्थक अपने घर पर अपनी इच्छा से पार्टी का झण्डा, बैनर अथवा कट-आउट लगा सकेंगे। लेकिन राजनैतिक दल का कार्यकर्ता या समर्थक झंडे, बैनर या कटआउट के माध्यम से किसी प्रत्याशी विशेष या पार्टी के पक्ष में वोट मांगता है तो इसे अपराध माना जाएगा और इसके लिए उस पर कार्यवाही की जा सकेगी। साथ ही उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा कि यह स्थानीय कानून के दायरे में ही हो तथा इससे न्यायालयों के आदेश का उल्लंघन न होता हो। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि राजनैतिक दल, उम्मीदवार और उसका एजेंट, कार्यकर्ता अथवा समर्थक अपनी संपत्ति या घर पर स्वेच्छा से झण्डे, बैनर लगाता है तो इसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। लेकिन यदि राजनैतिक दल का कार्यकर्ता या समर्थक झण्डे, बैनर या कट-आउट के माध्यम से किसी प्रत्याशी विशेष या पार्टी के पक्ष में वोट मांगता है तो इसे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171(एच) के तहत अपराध माना जाएगा और इसके लिए उस पर कार्यवाही की जा सकेगी। झण्डे, बैनर पर उम्मीदवार का नाम या फोटो होगा तो उसे उम्मीदवार के चुनाव खर्च में भी जोड़ा जाएगा। आयोग के मुताबिक राजनैतिक दल अथवा उम्मीदवार के कार्यकर्ता एवं समर्थकों द्वारा अपने घरों पर झण्डे-बैनर लगाने से या प्रदर्शन करने से यदि किसी व्यक्ति या जनसामान्य को असुविधा होती है तो भी इसे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171(एच) का उल्लंघन माना जाएगा। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि कार्यकर्ता या समर्थक अपने-अपने घर पर एक राजनैतिक दल के केवल तीन झण्डे ही लगा सकेगा। यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक पार्टी या उम्मीदवार का झण्डा अपने घर पर लगाना चाहता है तो वह प्रत्येक पार्टी या उम्मीदवार का एक-एक झण्डा ही लगा सकेगा। उसे इस प्रकार के झण्डे स्थानीय कानूनों के दायरे में ही लगाने होंगे और इस पर होने वाले व्यय का हिसाब निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक रखना होगा।
ईवीएम में चुनाव चिन्ह के साथ होगी उम्मीदवारों की फोटो
लोकसभा चुनाव में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की बैलेट यूनिट पर चस्पा किये जाने वाले मतपत्रों में नाम, पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह के साथ उम्मीदवार का फोटो भी अंकित होगा। इसी प्रकार सर्विस वोटर्स को जारी किये जाने वाले डाक मतपत्रों पर भी उम्मीदवारों के नाम और पार्टी के नाम के साथ फोटो भी अंकित किए जाएंगे। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उम्मीदवारों के नाम, पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह के साथ मतपत्रों में फोटो अंकित करने के ये निर्देश एक ही या मिलते जुलते नाम के दो या दो से अधिक उम्मीदवारों के चुनाव लडने के पूर्व में सामने आये प्रकरणों को दृष्टिगत रखते हुए जारी किए गए हैं। मतपत्रों पर उम्मीदवारों का फोटो उसके नाम और चुनाव चिन्ह के बीच में दो गुना ढाई सेंटीमीटर के आकार (स्टेम्प साइज) में अंकित किए जाएंगे। मतपत्रों पर फोटो अंकित करने के लिए उम्मीदवारों को अपने फोटो नाम निर्देशन पत्र के साथ ही प्रस्तुत करना होंगे। उम्मीदवारों को मतपत्रों पर अंकित करने के लिए अपने ऐसे फोटो देने होंगे जो तीन माह से अधिक पुराने न हों। उम्मीदवारों को अपने फोटो सफेद या ऑफ व्हाईट बेकग्राउण्ड में ही देने होंगे। इसके साथ ही उम्मीदवारों के फोटो बिना टोपी और बिना चश्मे के होने चाहिए।
सामुदायिक भोज मे उपगत व्यय जुड़ेगा अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गणेश शंकर मिश्रा ने सभी राजनैतिक दलों एवं इच्छुक अभ्यर्थियों का ध्यान सामुदायिक भोज (लंगर, भोज आदि) पर हुए व्यय अभ्यर्थिंयों के निर्वाचन व्यय के लेखे में शामिल करने संबंधी आयोग के अनुदेश मे आकृष्ट करते हुए बताया कि अनुदेश में स्पष्ट रूप से यह उल्लेख है कि यदि निर्वाचन लड़ने वाला अभ्यर्थीं निर्वाचकों से मिलने के लिए सामुदायिक भोज (किसी भी नाम से बुलाया गया है) या तो उसके द्वारा या किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा आयोजित में भाग लेता है तो सामाजिक समारोह पर किये गये व्यय को अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय के रूप में माना जायेगा और उसके लेखा में जोड़ा जायेगा। उपरोक्त अनुदेश धार्मिक समुदायों द्वारा अपने संस्थानों के अंदर प्रथागत तौर पर आयोजित लंगर, भोज आदि या कोई समारोह जैसे शादी, मृत्यु आदि के लिए एक समान भोज पर लागू नहीं होता है जब यह किसी व्यक्ति( अभ्यर्थी को छोड़कर) द्वारा आयोजित किया जाता है तो ऐसे सामुदायिक भोज/लंगर/दावत/आदि पर किया गया व्यय अभ्यर्थी के व्यय में शामिल नहीं किया जायेगा। बशर्तें कि अभ्यर्थीं उसमें सामान्य आगंतुक के रूप में भाग लेता है। निगरानी दलों एवं रिटर्निंग अधिकारियों को उक्त के संबंध मे यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि अभ्यर्थी ने ऐसे सामुदायिक भोज आदि में कोई वित्तीय योगदान नहीं दिया हो और ऐसे सामुदायिक भोज आदि में किसी भी तरीके से राजनैतिक अभियान नहीं चलाया गया हो।
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