- हर पांच साल पर बदलती है सरकार, चुनावी घोषणा में स्वच्छ जल का जिक्र तक नहीं, लोग दूषित पानी पीने को हैं मजबूर
पूर्णिया : देश में हर पांच वर्ष पर चुनाव होता है नेता बड़ी बड़ी घोषणाएं करते है और घोषणा में विकास और जनता को विभिन्न सुविधाएं देने की बातें होती हैं। लेकिन नेता चुनाव जीत जाने के बाद चुनावी घोषणा काे भूल जाते हैं। इन दिनों जिले में चुनावी माहौल है और पार्टी व नेता अपने चुनावी घोषणा का एलान किया है। चुनावी घोषणा में वही पुरानी विकास की बातें की गई है। भास्कर टीम ने पड़ताल की तो जिले के लोकसभा चुनाव में अबतक 17 लोगों ने अपना नामांकन पर्चा भरा है। सभी उम्मीदवारों ने अपने घोषणा पत्र में वहीं पुरानी बातों का जिक्र किया है। लेकिन किसी उम्मीदवार ने अब तक अपने घोषणा पत्र में स्वच्छ जल का जिक्र तक नहीं किया है। जबकि पूर्णिया काला पानी के नाम से जाना जाता है। पूर्णिया के पानी में आयरन की मात्रा अधिक है जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। पूर्णिया का पानी दूषित होने के कारण लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो रहे है। यह नेता अपने घर और ऑफिस में वाॅटर फिल्टर या महंगे दाम पर पानी से काम चला लेते हैं लेकिन आम नागरिकों को वही आयरनयुक्त और दूषित पानी पीने की विवशता है। इन नेताओं ने कभी भी जिले के लोगों को साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए आवाज नहीं उठाई। जबकि सड़क, नाला, इंदिरा आवास, प्रधानमंत्री आवास योजना और न जाने कितने प्रकार की योजनाओं से अधिक महत्वपूर्ण स्वच्छ जल की जरूरत है। लेकिन लोगों को साफ और स्वच्छ जल मयस्सर तक नहीं है।
...शहर में है सात जलमीनार, लेकिन लोगों को साफ पानी मयस्सर नहीं :
सात निश्चय योजना के तहत घर घर नल जल योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत शहर के प्रत्येक घरों तक स्वच्छ जल पहुंचाया जाना है। शहर में योजना के तहत सात जलमीनार पहले से है और अब 194 करोड़ की लागत से सात और जलमीनार का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन जो जलमीनार पहले से है वह खुद बीमार है। शहर के सात जलमीनार में मात्र तीन से पानी सप्लाई होती है। बाकी के चार जलमीनार बंद पड़े हैं। वहीं जो तीन जलमीनार चल रहा है उससे भी साफ पानी सप्लाई नहीं हो रहा है। चालू अवस्था के जलमीनार में खुश्कीबाग स्टेशन रोड, पूर्णिया पूर्व प्रखंड कार्यालय का जलमीनार और फोर्ड कंपनी के जलमीनार शामिल है। भास्कर टीम ने पड़ताल की तो मामला कुछ और निकला। खुश्कीबाग के जलमीनार से पानी सप्लाई तो होती है लेकिन वह पीने लायक नहीं है। स्थानीय निवासी राहुल कुमार ने बताया कि पानी में काफी आयरन है। बोतल में आधे घंटे तक पानी रखने पर वह लाल हो जाता है और कपड़े की सफेदी भी गायब हो जाती है। वहीं पूर्णिया पूर्व प्रखंड कार्यालय स्थित जलमीनार का तो और भी बुरा हाल है। यहां तो एक मात्र छोटा फील्टर है जो खराब है। बोरिंग से निकाले गए पानी को टंकी में भर कर सीधे सप्लाई कर दिया जाता है। स्थानीय निवासी प्रहलाद कुमार ने बताया कि सप्लाई किए गए पानी में आयरन है। इससे बेहतर और साफ पानी चापाकल का है।
...पूरण देवी मंदिर का जलमीनार एक वर्ष से है बंद :
पूर्णिया सिटी स्थित पूरण देवी मंदिर के सामने जलमीनार है जो एक वर्ष से बंद है। इस जलमीनार से पूर्णिया सिटी और चिमनी बाजार तक पानी का सप्लाई होता था। लेकिन एक वर्ष से फील्टर और बोरिंग खराब होने के कारण बंद कर दिया गया है। स्थानीय निवासी अमृत चौरसिया ने बताया कि लोग आयरनयुक्त और दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। अमृत ने बताया कि मां पूरण देवी को भी स्वच्छ जल नसीब नहीं है। लोग दूषित जल ही मां के मंदिर में चढ़ाते हैं।
...अशुद्ध पानी से लोग डायरिया, कॉलेरा समेत अन्य बीमारी से हो रहे ग्रसित :
अशुद्ध जल पीने से शरीर पर बहुत ही दुष्प्रभाव पड़ता है। अशुद्ध जल में बहुत सारे माइक्रो बैक्टीरिया और वायरस होते हैं। जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हैं। अशुद्ध जल पीने या इसे प्रयोग करने से डायरिया, गार्डियासिस, कॉलेरा, टाइफाईड, पोलियो, एमोबीयासीस, हेपेटाईटीस ए, हूक वर्म, इंफेक्शन, जापनीज इंसेफलाइटिस एवं अन्य तरह की बीमारियां होती हैं। चिकित्सक बताते है कि गांव के पानी में काफी मात्रा में लेड पाया जाता है। इसमें फ्लोरोसिस की मात्रा होती है। जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। जानकार बताते हैं कि अशुद्ध जल से नहाने से चर्म रोग हो सकता है। इससे लोगोें की जेब पर असर तो पड़ता ही है साथ ही अस्पताल पर अनावश्यक बोझ पड़ता है। यहां तक कि लोगों के स्वास्थ उपचार के लिए आर्थिक बोझ को भी झेलना पड़ता है।
...दूषित जल से लोग हो रहे बीमार :
सरकार ने सात निश्चय योजना के तहत लोगों के घरों तक शुद्ध और स्वच्छ जल पहुंचाने के लिए नल जल योजना लागू की है। लेकिन योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। शहर में सिर्फ जलमीनार बनाया जा रहा है लेकिन जलमीनार के जल का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। दूषित पानी के कारण चर्म रोग, डायरिया, कॉलेरा, पोलियो, हेपेटाइटिस ए एवं अन्य कई प्रकार के बीमारियों से प्रभावित हो रहे हैं। शहर में प्रतिदिन करीब 10 हजार से अधिक लोग इलाज के लिए आते हैं। जिसमें अधिकतर लोग दूषित जल के कारण विभिन्न बीमारियों से ग्रसित रहते हैं। पूर्णिया के पानी में आयरन की मात्रा काफी है जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। साथ ही कचरा और नाले का गंदा पानी भी पानी को दूषित करता है।
: डॉ एसएस प्रसाद, लाइन बाजार, पूर्णिया।
...चर्म रोग व जल जनित रोग के पहुंच रहे मरीज :
लोगों को स्वच्छ और शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में ज्यादातर चर्म रोग और पानी के कारण विभिन्न रोग से ग्रसित मरीजों पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का काम लोगों का इलाज करना और जरूरत की दवा उपलब्ध कराना है। लोगों के घर तक स्वच्छ जल कैसे पहुंचे इसकी जिम्मेवारी पीएचईडी और नगर निगम की है। : डॉ केएम पूर्वे, सिविल सर्जन, पूर्णिया।
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